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नागपुर के भोसले राजघराने की ऐतिहासिक तलवार लंदन में होगी नीलाम, राजा मुधोजी राजे बोले- “तलवार भारत लौटनी चाहिए”

राजा मुधोजी भोसले ने बताया कि वे भारत सरकार के विदेश मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) से संपर्क कर इस मामले को उठाएंगे. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अगर जरूरी हुआ तो वे कानूनी प्रक्रिया के तहत भी इस नीलामी को रोकने या भारत की ओर से बोली लगाने की कोशिश करेंगे.

नागपुर की ऐतिहासिक तलवार नागपुर की ऐतिहासिक तलवार
हाइलाइट्स
  • तलवार लंदन में होगी नीलाम

  • नागपुर के भोसले राजघराने की है ये

नागपुर के भोसले राजघराने से जुड़ी एक ऐतिहासिक तलवार जल्द ही लंदन में नीलाम होने जा रही है. यह वही तलवार है जो 19वीं सदी के मध्य में अंग्रेजों द्वारा युद्ध के दौरान नागपुर से लूटी गई थी. नीलामी की यह जानकारी जैसे ही सामने आई, नागपुर के मौजूदा राजा मुधोजी राजे भोसले ने तलवार को भारत वापस लाने की इच्छा जताई है.

जानकारी के मुताबिक, यह तलवार फिलहाल लंदन स्थित विश्व प्रसिद्ध नीलामी संस्था Sotheby’s (सोथबी) के पास है, जो ऐतिहासिक शस्त्र और शाही वस्तुएं संरक्षित करने के लिए जानी जाती है. Sotheby’s की वेबसाइट पर इस तलवार की नीलामी की सूचना और तस्वीरें साझा की गई हैं.

अंग्रेजों ने युद्ध के बाद लूटी थी तलवार
राजा मुधोजी राजे भोसले ने एक बयान जारी करते हुए बताया कि, “साल 1853 से 1864 के बीच ब्रिटिश सरकार और नागपुर के तत्कालीन महाराज श्रीमंत मुधोजी भोसले (द्वितीय) के नेतृत्व में एक संघर्ष हुआ था. इस युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना ने नागपुर के शाही खजाने पर कब्जा कर लिया और कई मूल्यवान वस्तुएं, जिनमें शस्त्र और आभूषण भी शामिल थे, अपने साथ ले गई. इन्हीं में से एक तलवार आज लंदन में नीलामी के लिए पेश की जा रही है.”

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प्रयास करेंगे कि तलवार भारत लौटे
राजा मुधोजी भोसले ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह तलवार हमारे इतिहास, संस्कृति और सम्मान का प्रतीक है. यह नागपुर की धरोहर है और हम पूरी कोशिश करेंगे कि यह वापस भारत लाई जा सके. हमने पहले भी कई ऐसे प्रयास किए हैं जहां शाही वस्तुओं को भारत लाया गया और इस बार भी हम सरकार से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की अपील करेंगे.”

तलवार की विशेषता
Sotheby’s द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यह तलवार 18वीं सदी की बताई जा रही है और ऐसा दावा किया गया है कि यह तलवार नागपुर के राजा रघुजी भोसले से जुड़ी हुई है. तलवार पर सोने की महीन नक्काशी की गई है और इसमें पारंपरिक मराठा चिन्हों की कलात्मकता को देखा जा सकता है. इसकी धार और डिजाइन शाही परंपराओं को दर्शाती है.

विशेषज्ञों का मानना है कि यह तलवार न केवल ऐतिहासिक महत्व रखती है, बल्कि कला प्रेमियों और संग्रहकर्ताओं के लिए भी एक अनमोल धरोहर है.

भारत में कई बार उठी मांग
भारत से लूटी गई धरोहरों को वापस लाने की मांग पहले भी उठती रही है. चाहे वो कोहिनूर हीरा हो या टीपू सुल्तान की तलवार भारत ने औपनिवेशिक काल में खोई गई सांस्कृतिक संपत्तियों को दोबारा हासिल करने के लिए कई प्रयास किए हैं. यह तलवार भी अब उसी चर्चा का हिस्सा बन गई है.

राजा मुधोजी भोसले ने बताया कि वे भारत सरकार के विदेश मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) से संपर्क कर इस मामले को उठाएंगे. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अगर आवश्यक हुआ तो वे कानूनी प्रक्रिया के तहत भी इस नीलामी को रोकने या भारत की ओर से बोली लगाने की कोशिश करेंगे.

(योगेश पांडेय की रिपोर्ट)