बिहार सरकार ने जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी कर दिए हैं. बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ से अधिक है. सबसे ज्यादा आबादी ओबीसी की है. जबकि अनुसूचित जाति की आबादी 19 फीसदी है. जबकि अनुसूचित जनजाति की आबादी 1.68 फीसदी है. अगर बिहार में सवर्णों की बात करें तो इनकी आबादी 15.52 फीसदी है. चलिए आपको बताते हैं किस जाति की कितनी आबादी है.
वर्ग | आबादी |
पिछड़ा वर्ग | 27.12 फीसदी |
अत्यंत पिछड़ा वर्ग | 36.01 फीसदी |
अनुसूचित जाति | 19.65 फीसदी |
अनुसूचित जनजाति | 1.68 फीसदी |
सामान्य वर्ग | 15.52 फीसदी |
राजपूत, ब्राह्मण, भूमिहार की आबादी-
बिहार सरकार के जारी किए गए आंकड़ों पर नजर डालें तो सूबे में सवर्णों की आबादी 15.22 फीसदी है. सवर्णों में सबसे ज्यादा आबादी ब्राह्मणों की है. सूबे में ब्राह्मण 3.66 फीसदी हैं. जबकि दूसरे नंबर पर राजपूतों की आबादी है. बिहार में 3.45 फीसदी राजपूत हैं. भूमिहारों की आबादी 2.86 फीसदी है.
जाति | आबादी |
ब्राह्मण | 3.65 फीसदी |
राजपूत | 3.45 फीसदी |
भूमिहार | 2.87 फीसदी |
बनिया | 2.31 फीसदी |
कायस्थ | 0.6 फीसदी |
यादव, कुर्मी की आबादी-
बिहार में सबसे ज्यादा पिछड़े वर्ग की आबादी है. जिसमें 27 फीसदी पिछड़ा वर्ग और 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा वर्ग की आबादी है. बिहार में यादवों की आबादी 14 फीसदी है. जबकि कुर्मी की जनसंख्या 2.87 फीसदी है. सूबे में नोनिया 1.9 फीसदी हैं.
जाति | आबादी |
यादव | 14 फीसदी |
कुर्मी | 2.87 फीसदी |
कुशवाहा | 4.21 फीसदी |
राजभर | 0.17 फीसदी |
पासी | 0.98 फीसदी |
बढ़ई | 1.45 फीसदी |
मुसहर | 3.08 फीसदी |
हिंदू और मुसलमानों की आबादी-
बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 310 है. इसमें सबसे ज्यादा 81.99 फीसदी हिंदू आबादी है. जबकि दूसरे नंबर पर मुसलमानों की आबादी है. सूबे में 17.70 फीसदी मुसलमान हैं. ईसाइयों की संख्या 0.05 फीसदी, सिख 0.011 फीसदी, बौद्ध 0.0851 फीसदी और जैन की आबादी 0.0096 फीसदी है. बिहार में जैनों की संख्या सिर्फ 12523 है. जबकि 14753 सिख हैं.
सीएम नीतीश कुमार ने दी बधाई-
जातिगत आंकड़े जारी होने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने बधाई दी. उन्होंने ट्वीट किया कि आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं. जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई!
आबादी के हिसाब से मिले हिस्सेदारी- लालू
जातिगत आंकड़ों के जारी होने पर आरजेडी लीडर लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट कर बधाई दी. उन्होंने कहा कि अब सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी हिस्सेदारी हो.
भ्रम फैला रही रिपोर्ट- गिरिराज सिंह
केंद्रीय गृह मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार सरकार की ये रिपोर्ट लोगों में भ्रम फैला रही है. नीतीश सरकार को अपना रिपोर्ट कार्ड जारी करना चाहिए. उनको ये बताना चाहिए कि कितने लोगों को नौकरी दी. लोगों को नौकरी देने का रिपोर्ट कार्ड जारी होना चाहिए. जबकि बीजेपी के बिहार अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि हम लोगों ने इसे समर्थन देकर पास करवाया था. बीजेपी इस रिपोर्ट का अध्ययन करेगी, फिर इस पर बयान देगी. आर्थिक-सामाजिक सर्वेक्षण जारी नहीं होने पर उन्होंने कहा कि उस सर्वे को भी जारी करना चाहिए था.
जातिगत सर्वे को लेकर कब क्या हुआ-
बिहार में जाति आधारित सर्वे का फैसला 9 दलों ने किया था. 7 जनवरी 2023 से जाति आधारित जनगणना की शुरुआत हुई थी और अब इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी गई है. चलिए आपको बताते हैं कि इसको लेकर कब क्या हुआ.
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