बिहार की सियासत में एक बार फिर बड़ा उलटफेर हुआ है. AIMIM पार्टी के चार विधायकों ने आरजेडी में का दामन थाम लिया. इसके साथ ही आरजेडी एक बार फिर बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है. इसके साथ ही बिहार में नई सियासी लड़ाई शुरू हो गई है. मांझी की पार्टी HAM पर सबकी नजरें टिकी है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या मांझी की पार्टी पर टूट का संकट गहरा रहा है. VIP के बाद AIMIM के टूटने से सवाल उठ रहा है कि क्या बिहार की सियासत में बड़ी पार्टियां छोटी पार्टियों को निगल रही हैं.
छोटी पार्टियों को निगल रही बड़ी पार्टियां-
बिहार की सियासत में छोटी पार्टियों पर संकट गहरा रहा है. लगातार छोटी पार्टियों में टूट हो रही है. अभी हाल ही में बीजेपी ने मुकेश सहनी की पार्टी VIP के सभी विधायकों को तोड़ लिया था. बीजेपी ने VIP के तीनों विधायकों को अपनी तरफ कर लिया था. इसके बाद मुकेश सहनी को मंत्री पद को इस्तीफा देना पड़ा था. सदन में सहनी की पार्टी खत्म हो गई थी और अब AIMIM के 5 विधायकों में से 4 ने पार्टी छोड़ दी और आरजेडी का दामन थाम लिया. इससे पहले बीएसपी एक विधायक जमा खान ने जेडीयू का दामन थाम लिया था. जबकि एलजेपी के एकलौते विधायक राजकुमार सिंह ने भी जेडीयू में शामिल हो गए थे.
बड़ी पार्टी बनने की होड़-
बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बनने को लेकर आरजेडी और बीजेपी में लड़ाई चल रही है. विधानसभा चुनाव 2020 में जनता ने आरजेडी को 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनाकर सदन में भेजा. सबसे बड़ी पार्टी बनने की होड़ में बीजेपी एक सीट से पीछे रह गई. बीजेपी के 74 विधायक सदन में पहुंचे. बिहार में जेडीयू, बीजेपी, हम और वीआईपी ने एक निर्दलीय के साथ मिलकर सरकार बनाई. अचानक बीजेपी ने सरकार मे शामिल वीआईपी के तीन विधायकों को तोड़ लिया और पार्टी में विधायकों की संख्या 77 कर ली. इसके साथ ही बीजेपी बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बन गई. अब आरजेडी ने दांव खेला और AIMIM के चार विधायकों को तोड़कर एक बार फिर प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी बन गई. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बीजेपी और आरजेडी में सबसे बड़ी पार्टी बनने की जंग चल रही है.
मांझी की पार्टी पर संकट-
बिहार में पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की पार्टी HAM के चार विधायक हैं. एक तरफ आरजेडी और बीजेपी में सबसे बड़ी पार्टी बनने की होड़ और दूसरी तरफ बड़ी पार्टी की छोटी पार्टियों को निगलने की कवायद के बीच HAM पर संकट मंडराने लगा है. फिलहाल आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी है और महागठबंधन सरकार बनाने के जादुई आंकड़े से कुछ ही सीटों की दूरी पर है. ऐसे में विपक्ष की तरफ से जीतन राम मांझी की पार्टी पर डोरे डाले जा सकते हैं. दूसरी तरफ बीजेपी एक बार फिर बिहार में दूसरे नंबर की पार्टी हो गई है. ऐसे में बीजेपी की तरफ से सबसे बड़ी पार्टी बनने की कवायद की जा सकती है. इस सियासी भंवर के बीच HAM को सोच समझकर और संतुलन कदम उठाने होंगे.
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