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इस जिले में लगेगा बिहार का पहला Plastic Recycling Plant, वेस्ट देने वाले को मिलेंगे मास्क-थैला जैसे अलग-अलग सामान 

प्लांट लग जाने के बाद आसपास के वेस्ट प्लास्टिक की खरीदारी की जाएगी, जिससे रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे, साथ ही स्वच्छता साथी के रूप में वालंटियर की बहाली भी होगी. ये प्लांट टिंचिंग ग्राउंड में लगेगा और जल्द इस पर काम शुरू हो जाएगा. इसमें करीब 4 से 5 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

 बिहार के पहला रीसाइक्लिंग प्लांट बिहार के पहला रीसाइक्लिंग प्लांट
हाइलाइट्स
  • राज्य के पहले जिले में लग रहा स्वच्छता अभियान और रोजगार को लेकर प्लांट

  • प्लांट खुलने से लोगों को मिलेगा रोजगार, वेस्टेज प्लास्टिक देने पर मिलेंगे अलग-अलग सामान

समस्तीपुर जिले में बिहार का पहला प्लास्टिक को रीसाइक्लिंग प्लांट लगाया जाएगा. इसको लेकर नगर निगम और सीईई कंपनी के बीच करार हुआ है. जिसको लेकर प्रशासनिक पहल शुरू कर दी गई है. बता दें  कि नगर निकाय क्षेत्र में प्लास्टिक रीसाइक्लिंग प्लांट लगाने वाला समस्तीपुर राज्य का पहला जिला है. इस प्लांट पर नगर परिषद के 29 वार्ड के साथ ही निगम क्षेत्र में जोड़े गए 16 नए पंचायतों से उठने वाले वेस्टेज प्लास्टिक और कूड़े लिए जाएंगे. 
 
रोजगार के अवसर होंगे सृजित 

प्लांट लग जाने के बाद आसपास के वेस्ट प्लास्टिक की खरीदारी की जाएगी, जिससे रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे, साथ ही स्वच्छता साथी के रूप में वालंटियर की बहाली भी होगी. वहीं नगर निगम क्षेत्र के लोग भी सीधे प्लांट को वेस्ट प्लास्टिक बेच सकेंगे. इसकी सबसे खास बात ये होगी कि वो जो भी प्लास्टिक जमा करवाएंगे उन्हें उसके बदले में उन्हें अलग अलग सामान दिया जाएगा. 

नगर आयुक्त संजीव कुमार के अनुसार ये प्लांट टिंचिंग ग्राउंड में लगेगा और जल्द इस पर काम शुरू हो जाएगा. इस प्लांट को लगाने के लिए एक जागरूकता सेमिनार का भी आयोजन किया गया था.

प्लास्टिक लाओ मास्क और थैला ले जाओ

इस प्लांट के लग जाने के बाद एक और अभियान चलाया जाएगा जिसमें प्लास्टिक लाओ, थैला व मास्क ले जाओ जैसे प्लान होंगे. इससे लोग आकर्षित होकर प्लास्टिक को प्लांट पर लाएंगे. यहां प्लास्टिक के वजन की पर्ची मिलेगी. वहीं पर्ची के आधार पर लोगों को कई प्रकार के सामान दिए जाएंगे. 

दुनिया में हर साल 40 करोड़ एमटी प्लास्टिक हो रहा है यूज

गौरतलब है कि दुनिया में हर साल 40 करोड़ एमटी प्लास्टिक यूज होता है. रिटायर्ड आईएएस हेम पाण्डेय कहते हैं, “दुनिया भर में एक बड़ी मात्रा में प्लास्टिक का प्रयोग किया जाता है. लेकिन मात्र 9 प्रतिशत ही प्लास्टिक का रिसाइकल हो पाता है. वहीं 12 प्रतिशत प्लास्टिक को जला दिया जाता है, जिससे प्रदूषण फैलता है. हर घर को इसके लिए जागरूक करना होगा. इससे माइक्रो इकॉनोमी भी सुदृढ़ होगी.”

4 से 5 करोड़ रुपये में लगेगा प्लांट 

नगर निगम के नगर आयुक्त संजीव कुमार ने प्लास्टिक रीसाइक्लिंग प्लांट को लगाने के उद्देश्यों के बारे में बताया कि इससे स्वच्छता अभियान को बल मिलेगा साथ ही लोगों के बीच रोजगार का सृजन होगा. उन्होंने बताया कि यह प्लांट टिंचिंग ग्राउंड ताजपुर रोड में बनाया जाएगा. ये साढ़े तीन एकड़ का प्लॉट है, उसमें कुछ जगह को छोड़कर प्लांट लगेगा. इस प्लांट का काम ये होगा कि वेस्ट प्लास्टिक को रीसायकल करेंगे और उससे प्रोडक्ट तैयार करेंगे. खासकर स्वच्छता अभियान के लिए ये मिल का पत्थर साबित होने वाला है. नगर आयुक्त के मुताबिक ये प्लांट लगभग चार से पांच करोड़ के आसपास में लगेगा. 

(जहांगीर आलम की रिपोर्ट)