
नागालैंड में महिलाओं को दिवाली को तोहफा मिला है. शहरी स्थानीय निकायों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का बिल विधानसभा से पास हो गया है. शहरी निकायों में सीटों के एक-तिहाई आरक्षण का प्रावधान सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को देखते हुए किया गया है. नागालैंड के सीएम नेफ्यू रियो ने कहा कि ये कानून अंत नहीं है, बल्कि सिर्फ एक शुरुआत है.
महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण-
विधानसभा में नागालैंड म्युनिसिपल बिल 2023 पास हो गया है. इसमें शहरी स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित की गई हैं. इसके लिए नागालैंड की 14वीं विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित किया गया था. इस दौरान विधेयक पर काफी चर्चा हुई. उसके बाद सर्वसम्मति से बिल को पास कर दिया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी स्थानीय निकायों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के सम्मान में है.
अध्यक्ष पद को लेकर आरक्षण नहीं-
नागालैंड नगरपालिक विधेयक 2023 में कई प्रावधानों को शामिल नहीं किया गया है. इस विधेयक में शहरी स्थानीय निकायों के अध्यक्ष पदों के लिए एक तिहाई आरक्षण का प्रावधान नहीं रखा गया है. जबकि पहले के नगरपालिका अधिनियम में ये था. इसके साथ ही नए विधेयक में भूमि और भवनों पर करों से संबंधित प्रावधानों को भी शामिल नहीं किया गया है.
मूल निवासी ही लड़ सकते हैं चुनाव-
नए नगरपालिका विधेयक में एक और प्रावधान जोड़ा गया है. जिसमें किसी भी नगर पालिका या नगर परिषद का सदस्य बनने के लिए सिर्फ राज्य के मूल निवासी ही पात्र होंगे. नागालैंड नगरपालिका विधेयक 2023 का मसौदा तैयार करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. उप मुख्यमंत्री टीआर जेलियांग की अध्यक्षता में सदन के 7 सदस्यों वाली प्रवर समिति ने विधेयक की जांच की. समिति ने विधेयक में कुछ और खंड शामिल करने की सिफारिश की.
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