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लॉकडाउन में खाने-पीने की चीजों की हुई किल्लत तो कॉलेज स्टूडेंट्स ने खोल दिया खुद का स्टार्टअप, सीधे खेतों से फ्रेश प्रोडक्ट्स करता है सप्लाई

इंटरप्रेन्योरशिप अवसर प्रदान करती है और लोगों को अपने हिसाब से काम करने और कमाने का मौका देती है. यह हमारे सामने नई चुनौतियां पेश करता है जो हमें नई चीजों को जानने और समझने के लिए प्रेरित करती है. यह व्यक्ति को अपनी पसंद का कार्य करने की स्वतंत्रता प्रदान करता है. इन्हीं सब चीजों को ध्यान में रखते हुए बीआईटी सिंदरी बी टेक मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग के 7 वें सेमेस्टर के छात्र लकी आनंद (23) ने एक स्टार्टअप लॉन्च किया है.

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हाइलाइट्स
  • बोकारो के लोगों की दिक्कतों को देखकर आया आइडिया

  • सब्जियों के लिए नहीं था कोई दैनिक बाजार

इंटरप्रेन्योरशिप अवसर प्रदान करती है और लोगों को अपने हिसाब से काम करने और कमाने का मौका देती है. यह हमारे सामने नई चुनौतियां पेश करता है जो हमें नई चीजों को जानने और समझने के लिए प्रेरित करती है. यह व्यक्ति को अपनी पसंद का कार्य करने की स्वतंत्रता प्रदान करता है. इन्हीं सब चीजों को ध्यान में रखते हुए बीआईटी सिंदरी बी टेक मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग के 7 वें सेमेस्टर के छात्र लकी आनंद (23) ने एक स्टार्टअप लॉन्च किया है. पिछले साल महामारी के दौरान सभी ने सबसे बुरा दौर देखा. इस दौरान खाने पीने की चीजें, दवाइयां और रोज के जरूरी समान को लाने पहुंचाने की खास दिक्कत हो गई थी. पहले चरण के दौरान उन्होंने फ्रेश फार्म प्रोडक्ट्स ताज़ी सब्जियों और फलों को डोर टू डोर पहुंचाने का निर्णय लिया. 

सब्जियों के लिए नहीं था कोई दैनिक बाजार
एक न्यूज वेबसाइट से बात करते हुए बोकारो के मूल निवासी आनंद ने कहा, “लॉकडाउन के पहले चरण के दौरान कॉलेज छोड़कर अपने होमटाउन में रहने के दौरान मैंने बोकारो निवासियों की दिक्कतों को महसूस किया. यहां बोकारो स्टील लिमिटेड के अधिकांश सेवानिवृत्त कर्मचारी रहते हैं, जिनके साथ रहने वाला कोई युवा सदस्य नहीं है. धनबाद जैसे कॉमर्शियल शहरों के विपरीत बोकारो में प्रत्येक इलाके में बहुत कम दुकानें हैं और वे मुख्य रूप से सिटी सेंटर जैसे केंद्रीकृत बाजारों की तरह हैं. यहां सब्जियां केवल साप्ताहिक हटिया बाजार में मिलती हैं." 

आनंद ने कहा कि सीमित समय की अनुमति के कारण लॉकडाउन के दौरान कई बुजुर्ग दूर रहने के कारण बाजारों तक नहीं आ पाते थे. 

बोकारो के लोगों की दिक्कतों को देखकर आया आइडिया
आनंद ने कहा,“इन कठिनाईयों को महसूस करते हुए मैंने बोकारो के अपने बचपन के कुछ दोस्तों के साथ, जो बीआईटी मेसरा और एनआईटी जमशेदूर के बीटेक छात्र भी हैं ने एक ई-कॉमर्स स्टार्टअप लॉन्च करने का फैसला किया. इसमें कॉमर्स के साथ तकनीक का संयोजन किया गया था और इसका शीर्षक फर्स्टहार्वेस्ट्स (प्लेस्टोर पर उपलब्ध) रखा गया. इसके जरिए आप ऑनलाइन ऑर्डर करके पेंमेंट कर सकते हैं " 

15 के बाद मिले सीधे 100 आर्डर
आनंद ने बताया कि इस काम के लिए उनके पास एक पूरी टीम है. आनंद ने कहा,“हमारे पास खेत से ऑर्डर किए गए उत्पादों की खरीद के लिए दो सदस्यों में से एक ग्राहकों के दरवाजे तक उत्पादों की डिलीवरी करता है. तीन सदस्यों में से एक ऐप संभालता है और दो सदस्यों में से एक खरीद और बिक्री से संबंधित खातों को देखते हैं. ”आनंद ने कहा कि उन्होंने मई 2020 में प्रति दिन 15 ऑर्डर के साथ इसे शुरू किया था और धीरे-धीरे पिछले साल दिसंबर तक उन्हें एक दिन में 100 ऑर्डर तक मिलने लगें.

आनंद ने कहा कि कॉलेज खुलने के बाद पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने के लिए हमने कुछ समय के लिए इसे धीमा कर दिया था, लेकिन कोर्स पूरा करने के बाद हम इसका और विस्तार करेंगे और रांची जैसे अन्य स्थानों पर भी इसे लेकर जाएंगे."