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Maratha Reservation Hearing: हियरिंग में गैरहाजिर वकील… ‘बिग बॉस’ में शामिल होने पहुंचा, Bombay High Court ने गुनरतन सादावरते को लगाई फटकार

वकील गुनरतन सादावरते ने अपनी पत्नी जयश्री पाटिल के साथ मराठा आरक्षण के खिलाफ याचिका दायर की है. लेकिन सुनवाई के दौरान वे अदालत में मौजूद नहीं थे. सोमवार को वकील सुबोध झा ने अपनी दलीलें खत्म कीं, जिसके बाद गुनरतन सादावरते की गैरमौजूदगी पर अदालत ने सख्त रुख अपनाया. 

Bombay high court Bombay high court
हाइलाइट्स
  • वकील ने की थी याचिका दायर 

  • कोर्ट ने लगाई फटकार 

बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) में सोमवार को एक दिलचस्प मोड़ देखने को मिला, एक वकील को कोर्ट ने जमकर फटकार लगाई है. वजह थी कि वकील गुनरतन सादावरते उस समय रियलिटी शो 'बिग बॉस' (Bigg Boss) के घर में मौजूद थे. जी हां, हियरिंग के समय वकील बिग बॉस में मौजूद थे और कोर्ट में नहीं. फिलहाल महाराष्ट्र में एक जरूरी कानूनी मुद्दे, मराठा आरक्षण, पर दायर याचिकाओं की सुनवाई की जा रही है. 

चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय, जस्टिस जीएस कुलकर्णी और जस्टिस फिरदौस पुनावाला की तीन सदस्यीय बेंच ने सोमवार को सभी याचिकाकर्ताओं की दलीलें सुनने के बाद अगली सुनवाई की तारीख 19 नवंबर तय की है. इस दिन महाराष्ट्र सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल डॉ. बीरेन्द्र सराफ अपनी दलीलें पेश करेंगे. 

वकील ने की थी याचिका दायर 
वकील गुनरतन सादावरते ने अपनी पत्नी जयश्री पाटिल के साथ मराठा आरक्षण के खिलाफ याचिका दायर की है. लेकिन सुनवाई के दौरान वे अदालत में मौजूद नहीं थे. जून से चल रही इस मामले की सुनवाई में अब तक सीनियर एडवोकेट प्रदीप संचेती और अनिल अंतुरकर जैसे वकील याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. सोमवार को वकील सुबोध झा ने अपनी दलीलें खत्म कीं, जिसके बाद गुनरतन सादावरते की गैरमौजूदगी पर अदालत ने सख्त रुख अपनाया. 

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कोर्ट ने लगाई फटकार 
सुनवाई के दौरान, चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय ने गुनरतन की गैरहाजिरी पर सवाल उठाते हुए कहा, "क्या इस मामले के याचिकाकर्ता इस विषय की गंभीरता से अनजान हैं?" इस पर एडवोकेट जनक द्वारकादास ने कोर्ट को बताया कि सादावरते बिग बॉस के घर में हैं. जब उनसे इस बाबत विस्तार से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि सादावरते एक स्पेशल प्रोग्राम के लिए गए हैं. 

चीफ जस्टिस ने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा, "वह वहां बेहतर संगत में हैं." अदालत ने साफ किया कि अगली सुनवाई में कोई भी याचिकाकर्ता अपनी दलीलें पेश नहीं करेगा और सुनवाई का पूरा फोकस एडवोकेट जनरल की दलीलों पर होगा. 

क्या है याचिका?
याचिकाओं में महाराष्ट्र राज्य के सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग अधिनियम, 2024 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है. ये मराठा समुदाय को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण देता है. इसके अलावा, कुछ याचिकाओं में महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की स्थापना, रिटायर्ड जज सुनील शुकरे की अध्यक्षता में, उसकी कार्यप्रणाली और मराठा आरक्षण के लिए की गई सिफारिशों पर भी सवाल उठाए गए हैं.

जून से चल रही है सुनवाई 
जून से चल रही इस सुनवाई में अदालत ने कई सीनियर वकीलों के तर्क सुने हैं, जो आरक्षण की वैधता पर सवाल उठा रहे हैं. याचिकाकर्ताओं के वकील लगातार यह तर्क दे रहे हैं कि यह कानून सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण से जुड़े और समानता के संवैधानिक सिद्धांतों के हिसाब से नहीं है. इस बीच, गुनरतन सादावरते बिग बॉस में शामिल हैं.