भारत में दुनिया की सबसे ऊंची बनने वाली है. इससे हिमाचल प्रदेश को लद्दाख से जोड़ा जाएगा. सीमा सड़क संगठन (BRO) 16,580 फुट की ऊंचाई पर शिंकु-ला-पास पर दुनिया की इस सबसे ऊंची सुरंग को बनाने वाला है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये सुरंग साल 2025 में बनकर तैयार हो जाएगी. बीआरओ के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने शनिवार को इसकी जानकारी दी है.
तीन साल में हो जाएगा सुरंग बनने का काम
शनिवार को निम्मू-पदुम-दारचा रोड के उद्घाटन के लिए गोल्डन हैंडशेक समारोह में शिरकत करने के बाद बीआरओ के चीफ बताया कि शिंकू-ला सुरंग के पूरा होने के साथ-साथ राजमार्ग का चौड़ीकरण और ब्लैकटॉपिंग तीन साल में पूरा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि पदुम और निम्मू के बीच के बचे हुए हिस्से को काटने का काम भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा और क्षेत्र में एक नई सड़क निर्माण कंपनी की स्थापना की जाएगी.
दुनिया की सबसे ऊंची और लंबी सुरंग
मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से उन्होंने आगे कहा, “शिंकू-ला सुरंग लगभग 16,000 फीट की ऊंचाई पर 4.25 किमी लंबी होगी. यह पूरी दुनिया में इस ऊंचाई पर बनने वाली सबसे ऊंची और सबसे लंबी सुरंग होगी. सुरंग के निर्माण का काम इस साल जुलाई या अगस्त में शुरू होगा.”
गौरतलब है कि निम्मू-दारचा सड़क बनाने की कवायद 20 साल पहले शुरू हुई थी लेकिन काम में कई तकनीकी खामियां आईं. यह नई सड़क न केवल सेना के लिए वरदान साबित होगी बल्कि जांस्कर घाटी में कनेक्टिविटी भी बेहतर हो पाएगी.
बीआरओ चीफ ने कहा कि जांस्कर से हिमाचल तक यात्रा करने में कई दिन लगते थे लेकिन अब यात्रा का समय कुछ घंटों तक ही रह गया है. हाईवे के चौड़ीकरण और ब्लैक टॉपिंग के बाद यात्रा का समय और कम हो जाएगा. बता दें, केंद्र ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को पूरा करने के लिए बीआरओ के ‘प्रोजेक्ट योजक’ को लागू कर दिया है.
टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा
आपको बता दें, शिंकुला दर्रे पर टनल के बनने से टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा. मौजूदा समय में लाहौल और जंस्कार क्षेत्र के लोग आसानी से आ जा नहीं पाते हैं. लेकिन इसके बनने से उन्हें इसमें आसानी होगी. ये ठीक ऐसा हो होगा जैसे अटल टनल बनने के बाद लाहौल घाटी की ओर आने वाले पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. इसके बन जाने से कुछ समय के अंदर ही लद्दाख और जंस्कार घाटी में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.