देश का दूसरा पेपरलेस बजट मंगलवार को पेश किया गया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना का जिक्र करते हुए कहा कि बच्चों की पढ़ाई का बहुत नुकसान हुआ है. इसकी वजह से उनके 2 साल खराब हुए हैं. इसके लिए ‘1 क्लास 1 टीवी चैनल' ई-विद्या प्रोग्राम की गिनती 12 से बढ़ाकर 200 तक की जाएगी. इसकी मदद से राज्य अपने स्कूलों में बच्चों को क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई को सुचारु रख सकेंगे. साथ ही इंटरनेट की मदद से बच्चों के लिए इ-कंटेंट प्रोड्यूस किया जा सकेगा.
डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना
कोविड-19 को देखते हुए इस बार के बजट में डिजिटल एजुकेशन को बढ़ावा दिया गया है. वित्त मंत्री ने घोषणा की कि एक डिजिटल यूनिवर्सिटी की भी स्थापना की जाएगी. इस यूनिवर्सिटी में पर्सनलाइज्ड लैंग्वेज यानि लोकल भाषा में इंफॉर्मेशन कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी फॉर्मेट पर बच्चों की पढ़ाई हो पाएगी.
साल 2022-23 में विज्ञान और गणित में 750 वर्चुअल प्रैक्टिकल लैब्स की स्थापना भी की जायेगी.
डिजिटल इकोसिस्टम होगा लॉन्च
स्किल डेवलेपमेंट को भी इस बार ध्यान में रखा गया है. इसके लिए एक डिजिटल इकोसिस्टम लॉन्च किया जाएगा. इस ऑनलाइन ट्रेनिंग के माध्यम से लोगों को स्किल, रीस्किल और अपस्क्लि में मदद की की जायेगी. नौकरियों और अवसरों को खोजने के लिए एप्लीकेशन प्रोगरामिंग इंटरफ़ेस आधारित स्किल क्रेडेंशियल और पेमेंट लेयर्स भी होंगे.
युवाओं को रोजगार
युवाओं के लिए वित्त मंत्री ने कहा कि 'आत्मनिर्भर भारत' इनीशिएटिव के तहत 60 लाख नई नौकरियों का सृजन होगा. इसके अलावा अगले 5 वर्षों में 30 लाख अतिरिक्त नौकरियां भी दी जाएंगी.
-युवा शक्ति को स्किल्ड वर्कर बनाने के लिए काम किया जाएगा
-12 साल के बच्चों को उनकी भाषा में शिक्षा मिल सकेगी
-5 मौजूदा शैक्षणिक संस्थानों को विकसित किया जाएगा
-शिक्षा देने के लिए DTH सुविधा देंगे