राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ सोमवार को संसद के बजट की शुरुआत हुई. इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण(Economic survey 2022) पेश किया. चालू वित्त वर्ष(current financial year) की तुलना में अगले वित्त वर्ष में ग्रोथ रेट गिरने का अनुमान लगाया गया है. चालू वित्त वर्ष में ग्रोथ रेट 9.2% रहने का अनुमान है. वहीं, अगले वित्त वर्ष के लिए करीब एक प्रतिशत कम 8 से 8.5% रहने का अनुमान जताया गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में यह कहा कि कोरोना की वजह से इकोनॉमी पर बुरा असर नहीं पड़ेगा. महामारी को देखते हुए ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया गया है. आर्थिक सर्वे रिपोर्ट पेश होने से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने अभिभाषण में मोदी सरकार के विकास के एजेंडे पर फोकस किया. इसके बाद उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने संसद को संबोधित किया.
मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन का यह पहला आर्थिक सर्वेक्षण है. कुछ ही दिन पहले सरकार ने उन्हें मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया है. हालांकि, इस बार मुख्य आर्थिक सलाहकार की नियुक्ति कुछ ही दिन पहले हुई है इसलिए इस बार प्रधान आर्थिक सलाहकार और अन्य अधिकारियों की तरफ से यह सर्वेक्षण तैयार किया गया है.
अलग-अलग समय में चलेंगे दोनों सदन
कोरोना के चलते सदन की कार्यवाही में इस बार थोड़ा बदलाव किया गया है. राज्यसभा की कार्यवाही सुबह 10 से लेकर दोपहर 3 बजे तक चलेगी. वहीं, लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 3 से रात 9 बजे तक चलेगी. आर्थिक सर्वेक्षण के दौरान सभी सांसद एक जगह बैठे. ऐसी व्यवस्था कल यानि बजट पेश होने वाले दिन भी की गई है. लेकिन, इसके बाद दोनों सदन अलग-अलग समय में चलेंगे. सदस्यों को उनके लिए सुनिश्चित किए गए स्थान पर बैठना है. कन्फ्यूजन से बचने के लिए सदस्यों के नाम उस जगह पर लिखे गए हैं. सांसदों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी. पार्टी के सांसदों की संख्या के आधार पर चैंबर और गैलरी में सीटें आवंटित की गई हैं.
क्या है आर्थिक सर्वेक्षण?
इकोनॉमिक सर्वे यानि की आर्थिक सर्वेक्षण देश के साल भर का रिपोर्ट कार्ड होता है जो कि बजट से एक दिन पहले पेश किया जाता है. आर्थिक सर्वेक्षण के जरिये देश के हर सेक्टर के परफॉर्मेंस का पता चलता है और इससे भविष्य के लिए योजना तैयार करने में मदद मिलती है. किस सेक्टर में अधिक उछाल आया या फिर कौन सा सेक्टर मंद रहा, किस सेक्टर पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है, यह आर्थिक सर्वेक्षण से ही पता चलता है. आसान भाषा में कहा जाए तो ये आपके स्कूल के रिपोर्ट कार्ड की तरह होता है जिसमें अलग-अलग विषयों में कितने नंबर मिले हैं और किन विषयों पर ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है, इसी तरह है. आर्थिक सर्वेक्षण वित्त मंत्रालय का प्रमुख वार्षिक दस्तावेज होता है.