उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे यूपी का पहला सोलर एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है, जिसमें पीपीपी मॉडल के तहत सोलर प्लांट्स लगेंगे. इससे 550 मेगावाट सोलर पावर जनरेट किया जाएगा. इस परियोजना से एक्सप्रेसवे से जुड़े 1 लाख घरों को रोजाना बिजली मिल सकेगी.
1700 हेक्टेयर भूमि की गई चिन्हित-
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) सोलर एक्सप्रेसवे के तौर पर बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को विकसित करने जा रहा है. जिसके लिए एक्सप्रेसवे पर 1700 हेक्टेयर भूमि भी चिन्हित कर ली गई है. बड़ी कंपनियां इस परियोजना में दिलचस्पी ले रही हैं, इस प्रक्रिया में 8 प्रमुख सोलर पावर डेवलपर्स ने अपना प्रेजेंटेशन पूरा किया है. जिसमें टास्को, टोरेंट पावर सोमाया सोलर सॉल्यूशन आर मैनेजमेंट, अवाड़ा एनर्जी, एरिया वृंदावन पावर, एरियाश मोबिलिटी शामिल हैं.
बड़ी मात्रा में ग्रीन एनर्जी होगी जनरेट-
इस परियोजना के पूरा होने पर बड़ी मात्रा में ग्रीन एनर्जी जनरेट होगी. यूपीडा को भी इससे फायदा होगा. जिसमें लीज रेंट के रूप में 4 करोड़ रुपए की आय की भी संभावना है. बुंदेलखंड, पूर्वांचल, लखनऊ, आगरा और गोरखपुर एक्सप्रेसवे पर सोलर प्लांट लगाने से ऊर्जा खपत पर सालाना 6 करोड़ रुपए का लाभ भी मिल जाएगा.
सोलर प्लांट के लिए सबसे बेहतर जगह-
सोलर प्लांट बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर इसलिए लगाया जा रहा है, क्योंकि वह पूरी तरीके से उपयुक्त है. यहां की भूमि आसानी से उपलब्ध है और यह शुष्क क्षेत्र है, जहां पर साफ मौसम रहता है और हर साल लगभग 800 से 900 मिलीमीटर औसत वर्षा होती है.
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