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Burari Building Collapse: जाको राखे साइयां, मार सके न कोई! बुराड़ी बिल्डिंग हादसे में तीन दिन बाद मलबे से सुरक्षित निकला परिवार, टमाटर-गुड़ पट्टी खाकर रहें जिंदा

पूरा परिवार छत की स्लैब के नीच मिला. इस परिवार में दंपत्ति के अलावा दो नाबालिग बच्चे शामिल हैं. बुराड़ी अस्पताल में इन्हें इलाज के लिए भर्ती किया गया है.

Burari Building Collapse Burari Building Collapse

दिल्ली के बुराड़ी में सोमवार को एक बहुमंजिला बिल्डिंग ढहने के 32 घंटे बाद 4 लोगों के परिवार का सकुशल रेस्क्यू किया गया है. पूरा परिवार छत की स्लैब के नीच मिला. इस परिवार में दंपत्ति के अलावा दो नाबालिग बच्चे शामिल हैं. बुराड़ी अस्पताल में इन्हें इलाज के लिए भर्ती किया गया है. NDRF और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं. 

टमाटर और गुड़ पट्टी खाकर रहे जिंदा
बुराड़ी बिल्डिंग हादसे मे चल रहे बचाव अभियान के तहत NDRF जवानों की मेहनत और उनसे लगाई गई उम्मीद का ही नतीजा है कि परिवार 32 घंटे बाद भी मलबे से जीवित निकाल लिया गया. परिवार के मुखिया के अलावा उसकी पत्नी, तीन साल की एक बेटी और 5 साल का बेटा सुरक्षित बाहर निकले हैं. 

परिवार के मुखिया राजेश ने दो दिन मलबे के नीचे 2 फुट की जमीन के हिस्से में अपने बच्चों को टमाटर और गुड़ पट्टी के टुकड़े खिलाकर जिंदा रखा. राजेश ने कहा कि अपने बच्चों को जिंदा रखने के लिए उनके पास पड़े टमाटर और गुड़ पट्टी को थोड़ा-थोड़ा करके दो दिनों तक खिलाते रहे. राजेश ने अपनी जिंदगी और मौत की आपबीती बताई. उन्होंने बताया कि जब वह बिल्डिंग के अंदर दबे तो एक सिलेंडर पर लेंटर आ गिरा और इस लेंटर के नीचे उनका परिवार फंस गया. उनके पास सांस लेने के लिए बस 2 फुट का दायरा था. 

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NDRF को कोशिश रंग लाई 
राजेश ने बताया कि उन्हें जेसीबी के शोर शराबे की आवाज आ रही थी लेकिन उनकी आवाज कोई नही सुन पा रहा था. आखिरकार भगवान ने एक पिता की दिल की आवाज सुनी और जेसीबी का पंजा उनके ऊपर से होकर गुजरा. जिससे रोशनी की उम्मीद जगी और उन्होंने पास पड़े एक पाइप के जरिए आवाज लगाकर बताया कि वह इसके अंदर अभी जीवित हैं. इसके बाद NDRF की टीम ने उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया. 

मलबे के ढेर से निकले लोगों को बुराड़ी हॉस्पिटल लेकर जाया जा रहा है. यहा डॉक्टर्स लगातार उनके इलाज में जुटे हैं. बुराड़ी अस्पताल के सीएमओ डॉक्टर रोहित भारती ने बताया कि अब तक 21 लोगों को धराशाई बिल्डिंग के मलबे से बाहर निकाला जा चुका है। जिनमें से पांच लोगों की मौत हो गई है और कुछ लोगों को यहां से एलएनजेपी अस्पताल रेफर किया गया है. 

आपको बता दें कि हादसे के बाद लगातार कई सुरक्षा एजेंसियां रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं. करीब 32 घंटे बीतने के बावजूद भी लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. घटनास्थल का तमाम आला अधिकारी निरीक्षण कर रहे हैं. लेकिन एक बार फिर बड़ा सवाल खड़ा होता है कि इस तरह की इमारतें बनाने वाले बिल्डर माफिया और अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई होती है या नहीं.