प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 अक्टूबर 2024 को गुजरात के वडोदरा स्थित टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) परिसर में C-295 सैन्य विमान के निर्माण के लिए टाटा एयरबस की असेंबली यूनिट का उद्घाटन किया. यह देश में निजी क्षेत्र की पहली एयरक्राफ्ट मैनुफैक्चरिंग फैसिलिटी है.
इस यूनिट में टाटा समूह और यूरोपीय कंपनी एयरबस के सहयोग से रक्षा से संबंधित कई उत्पाद बनाए जाएंगे. इसी यूनिट में C-295 सैन्य विमान का निर्माण किया जाएगा. इस विमान के सेना में शामिल होने के बाद हमारे देश की ताकत और बढ़ जाएगी. चीन-पाकिस्तान जैसे दुश्मन देशों की खैर नहीं रहेगी. आइए इस C-295 की खासियत जानते हैं.
पीएम मोदी ने रतन टाटा को किया याद
पीएम मोदी (PM Modi) ने इस ऐतिहासिक अवसर पर रतन टाटा को याद करते हुए उनका धन्यवाद किया. उन्होंने कहा की इस प्रोजेक्ट के पूर्ण होने में टाटा ग्रुप के चेयरमैन रत्न टाटा जी की अहम भूमिका रही है. इस प्रोजेक्ट से भारत में रक्षा उपकरणों (Defense Equipment) के प्रोडक्शन के साथ मैक इन इंडिया के तरफ भी महत्वपूर्ण कदम होंगे.
C-295 एयरक्राफ्ट भारतीय वायुसेना को नई ताकत देंगे. इसके साथ ही इस प्रोजेक्ट के माध्यम से भारत को विदेशों से सैन्य विमान(Military Aircraft) की खरीदारी नहीं करनी पड़ेगी. इससे न केवल विदेशों पर हमारी निर्भरता कम होगी बल्कि भारतीय रक्षा क्षेत्र को भी आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी.
पहली बार भारत में बनेंगे मिलिट्री एयरक्राफ्ट
बात दें कि साल 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने C-295 एयरक्राफ्ट मैनुफैक्चरिंग फैसिलिटी कॉम्लेक्स निर्माण के लिए आधारशिला रखी थी. यह पहली बार है जब भारत में C-295 जैसे सैन्य विमान (Military Aircraft) का निर्माण किया जाएगा. गुजरात स्थित इस एयरक्राफ्ट कॉम्लेक्स में कुल 40 C-295 एयरक्राफ्ट तैयार किए जाएंगे.
आपको मालूम हो कि साल 2021 में कुल 56 C-295 एयरक्राफ्ट के लिए 21 हजार 935 करोड़ रुपए की डील हुए थी. इसी डील के अंतर्गत में पिछले साल सितंबर में C-295 का पहला एयरक्राफ्ट भारत को मिला था. अब कुल 56 विमानों में से 16 विमान स्पेन और बाकी के 40 विमान भारत में बनाए जाएंगे. पहला विमान साल 2026 में जबकि बाकी एयरक्राफ्ट अगस्त 2031 तक बनकर तैयार हो जाएंगे. इसके बाद भारत दूसरा देश बन जाएगा, जिसके पास सबसे ज्यादा C-295 एयरबस होंगे.
C-295 विमान की विशेषताएं
1. C-295 विमान एक मध्यम आकार का विमान है, जो सेना के जवानों और उपकरणों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने के लिए डिजाइन किया गया है.
2. इस विमान की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह दुर्गम से दुर्गम इलाकों में भी आसानी से लैंडिंग कर सकता है.
3. इसमें 5 से 10 टन तक की भार उठाने की क्षमता है, जो इसे सीमावर्ती इलाकों (Border Area) जैसे कि लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश और पूर्वोत्तर राज्यों में ऑपरेशन के लिए खास बनाता है.
4. C-295 की Multi Purpose, हेवी बॉडी डिजाइन और बाकी कार्गो विमानों की तुलना में इस विमान का टेकऑफ टाइम कम है, जिस कारण इसे सैनिकों के आवाजाही के लिए सबसे बेहतर माना जाता है.
5. इस एयरक्राफ्ट में दो इंजन लगे हुए हैं और यह 482 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है.
6. इसमें 6 हार्ड प्वाइंट्स बनाए गए हैं, जहां हथियार फिट किए जा सकते हैं.
7. C-295 एयरक्राफ्ट 1277 से 4587 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है. यह अधिकतम 13533 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है.
8. इस एयरक्राफ्ट की लंबाई 80.3 फीट, विंगस्पैन 84.8 फीट और ऊंचाई 28.5 फीट है.
9. इस विमान के जरिए हवा में ही फिक्स्ड विंग वाले एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर में रीफ्यूलिंग की जा सकती है.
10. यह विमान 11 घंटे तक एक ही स्थान पर रह सकता है स्थिर.
11. अत्याधुनिक कॉकपिट और नेविगेशन सिस्टम से लैस है यह विमान.
भारत के मेक-इन-इंडिया का सपना हो रहा साकार
मेक-इन-इंडिया पहल को प्रधानमंत्री मोदी ने 25 सितंबर, 2014 में बड़े उत्साह के साथ शुरू किया था. इसका मकसद था की देश के विकास के लिए जरूरी सामान देश में ही बनाए जाएं. इसी कड़ी में C-295 विमान का निर्माण देश में किया जा रहा है. इस क्षेत्र में उठाया गया भारत भारत का यह बड़ा कदम है. अब तक भारत को विदेशी कंपनियों से सैन्य विमान खरीदने पड़ते थे, लेकिन इस फैक्ट्री की मदद से अब ये विमान भारत में ही बनेंगे. इससे न केवल विदेशी मुद्रा की बचत होगी बल्कि आत्मनिर्भर भारत का सपना भी साकार होगा.
(ये स्टोरी निहारिका ने लिखी है. निहारिका Gnttv.com में बतौर इंटर्न काम कर रही हैं.)