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CAA क्या है, लोकसभा चुनाव से पहले पूरे देश में किया जाएगा लागू, किसी की भी नहीं छीनी जाएगी नागरिकता, Amit Shah का बड़ा ऐलान

Citizenship Amendment Act को संसद में 11 दिसंबर 2019 को पारित किया गया था. तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस विधेयक को मंजूरी भी दे दी थी. अब इसे पूरे देश में लागू करने की बात गृह मंत्री अमित शाह ने की है.

Amit Shah Amit Shah
हाइलाइट्स
  • गृह मंत्री बोले- तीसरी बार पीएम मोदी के नेतृत्व में बनेगी सरकार 

  • मुस्लिम भाइयों को किया जा रहा गुमराह 

गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर शनिवार को बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले देश में सीएए को लागू करने नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा और इसे लागू भी कर दिया जाएगा. 

किसी को डरने की बात नहीं
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हमारे मुस्लिम भाइयों को गुमराह किया जा रहा है. उन्हें भड़काया जा रहा है. सीएए केवल उन लोगों को नागरिकता देने के लिए है जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न का सामना करने के बाद यहां आए हैं. उन्होंने कहा कि सीएए से किसी को डरने की बात नहीं है. इसे लागू होने से किसी की भी नागरिकता छीनी नहीं जाएगी. 

बीजेपी को मिलेगी 370 सीट
गृह मंत्री ने कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव में देश की जनता भाजपा को 370 सीट और एनडीए को 400 से अधिक सीट पर जीत दिलाकर अपना आशीर्वाद देगी. लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनेगी. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर कोई संशय नहीं है. उन्होंने कहा कि 2024 का चुनाव एनडीए और विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के बीच नहीं, बल्कि विकास और महज नारे देने वालों के बीच का चुनाव होगा.

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क्या है सीएए 
सीएए (Citizenship Amendment Act) को संसद में 11 दिसंबर 2019 को पारित किया गया था. तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस विधेयक को मंजूरी दी थी. इसके बाद यह कानून बन गया. इस कानून के मुताबिक तीन पड़ोसी देशों, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी जाएगी, जो लोग 31 दिसंबर 2014 तक किसी प्रताड़ना के चलते भारत आए हैं, उनको नागरिकता मिलेगी. इसमें हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शामिल होंगे. इसमें मुसलमानों को शामिल नहीं किया गया है. इसी के चलते इसका कुछ लोग विरोध कर रहे हैं.

देश में सीएए लागू होने के बाद केंद्र सरकार के पास नागरिकता देने का अधिकार होगा. इस कानून के तहत उन लोगों को अवैध प्रवासी माना गया है, जो इंडिया में पासपोर्ट और वीजा के बिना घुस आए हैं या फिर वैध दस्तावेज के साथ तो भारत में आए हैं, लेकिन तय अवधि से ज्यादा समय तक यहां रुक गए हैं. प्रवासी लोगों को नागरिकता के लिए आवेदन करने से पहले कम से कम 11 साल भारत में रहना जरूरी था. सीएए में इस अवधि घटाकर 6 साल कर दिया गया है. सीएए के तहत यदि कोई प्रवासी इंडिया के कानून का पालन नहीं करता है तो सरकार उसका Overseas Citizens of India Card वापस ले सकती है. ये कार्ड प्रवासी भारतीयों को भारत में बिना किसी रोक-टोक के रहने और काम करने की इजाजत देता है.