केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को दिल्ली में देश की पहली ग्रीन हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस को हरी झंडी दिखाई. यह बस अब राष्ट्रीय राजधानी और एनसीआर में ऑपरेशनल ट्रायल करेंगे. ट्रायल पीरियड महत्वपूर्ण डेटा जनरेट करेगा. पुरी ने कहा कि हमारे परिवहन का भविष्य ग्रीन हाइड्रोजन पर होगा. भारत के पास दुनिया के सबसे बड़े सिंक्रोनस ग्रिडों में से एक है, जो इंटरमिटेंट रिन्यूएबल एनर्जी को संभालने में सक्षम है और हमने वन नेशन-वन ग्रिड-वन फ्रीक्वेंसी हासिल की है.
भविष्य का ईंधन है हाइड्रोजन
भविष्य के ईंधन के रूप में जानी जाने वाली हाइड्रोजन में भारत के डीकार्बोनाइजेशन लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने की अपार संभावनाएं हैं. 2050 तक हाइड्रोजन की वैश्विक मांग चार से सात गुना बढ़कर 500-800 मिलियन टन तक पहुंचने का अनुमान है. घरेलू स्तर पर मांग 2050 तक मौजूदा 6 मिलियन टन से चौगुनी होकर 25-28 मिलियन टन हो जाएगी.
ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाली बसें सिर्फ पानी का उत्सर्जन करती हैं और ये दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में चिन्हित मार्गों पर ट्रायल तौर पर चलेंगी. इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन का फ़रीदाबाद स्थित अनुसंधान एवं विकास केंद्र परीक्षणों के लिए ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन कर रहा है. यह सुविधा सौर फोटोवोल्टिक पैनलों का उपयोग करके इलेक्ट्रोलिसिस के माध्यम से उत्पादित ग्रीन हाइड्रोजन को रिफ्यूल कर सकती है.
क्या है बस की खासियत
इन बसों में चार सिलेंडर लगाए गए हैं जिनकी क्षमता 30 किलोग्राम है और ये बसें 350 किमी तक चल सकती हैं. रिफ्यूल करने के समय में भी कटौती की गई है और अब चार टैंकों को भरने में 0-12 मिनट लगेंगे. ग्रीन हाइड्रोजन 100% सस्टेनेबल है और दहन या उत्पादन के दौरान प्रदूषणकारी गैसों का उत्सर्जन नहीं करती है.
हमारी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के बारे में पुरी ने कहा कि हाइड्रोजन और बायो-फ्यूल जैसे उभरते ईंधन अगले दो दशकों में वैदुनिया की बढ़ती एनर्जी डिमांड ग्रोथ का 25% हिस्सा होंगे. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय सक्रिय रूप से ग्रीन हाइड्रोजन से संबंधित पहल कर रहा है, जिसमें रिफाइनरियों में उत्पादन और उपयोग, प्राकृतिक गैस पाइपलाइनों में हाइड्रोजन मिश्रण, इलेक्ट्रोलाइज़र-बेस्ड तकनीकों का लोकलाइजेशन और ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए जैव रास्तों को बढ़ावा देना शामिल है
हाल ही में, लोगों ने दुनिया के पहले भारत स्टेज 6 (स्टेज II) इलेक्ट्रिफाइड फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल प्रोटोटाइप का लॉन्च देखा है जिसमें फ्लेक्स ईंधन इंजन के साथ-साथ एक इलेक्ट्रिक पावरट्रेन भी शामिल है जो इथेनॉल का उच्च उपयोग देता है. पुरी ने कहा, उद्योग और सरकार के सहयोग से, भारत क्लीन तकनीकों के लिए एक वैश्विक केंद्र बनने और ऊर्जा में जल्द ही आत्मनिर्भरता हासिल करने की राह पर है.