कहते हैं दिल में सच्चा जज्बा हो तो कोई भी मुश्किल आसान हो जाती है. गुजरात के करण कानाखारा पर ये कहावत एकदम सही बैठती है. करण ने महज 20 साल की उम्र में ग्रेजुएशन खत्म करने से पहले ही IIM के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा CAT क्लियर कर लिया है. अब करण को आईआईएम कोलकत्ता में एडमिशन मिल रहा है. महज 20 साल की उम्र में ये कारनामा करने वाले करण दिव्यांग हैं. लेकिन आज करण ने अपनी मेहनत और साहस के बल बूते ये मुकाम पा लिया है.
दरअसल करण ने जब 12वीं की पढ़ाई के साथ ही ये ठान लिया था कि उन्हें MBA करना है. बस इसी सोच के साथ करण ने 12वीं से ही CAT क्रैक करने के लिए पढ़ाई शुरू कर दी. करण कानखारा का कहना है कि "मैंने 10वीं की परीक्षा एक साधारण स्टूडेंट के तौर पर दी थी, और 12वीं की परीक्षा Under Person with disability (PWD) catagory के तौर पर दी. इस वजह से करण को थोड़ा ज्यादा टाइम मिला. बता दें कि 10वीं और 12वीं में करण ने 99 प्रतिशत हासिल किए हैं.
करण अपनी कामयाबी का श्रेय अपने भाई बहन और माता -पिता को देते हैं करण ने बताया कि मेरे परिवार वालों के सहयोग और टाइम मैनेजमेंट की बदौलत आज मैं ये मुकाम हासिल कर पाया हूं. बता दें कि करण को सिर्फ 20 प्रतिशत ही दिखाई देता है.करण ने बताया कि IIM में एडमिशन दिलाने के लिए उनके दोस्त हरशीत महेता और देव पटेल ने पूरे सिलेबस को 7- 8 घंटे बोल -बोल कर पढ़ाया.
करण श्रीकांत बोल्ला (srikanth bolla) को अपना आर्दश मानते हैं. करण का कहना है कि मैं श्रीकांत की एक लाइन को हमेशा याद रखता हूं और वो है अपनी जिंदगी में आपको वीजन से ज्यादा फोक्सड होने की जरुरत है.