पश्चिम बंगाल में सीबीआई ने एक बड़ी कार्रवाई की है. सीबीआई ने टीएमसी के बड़े और प्रभावशाली नेता अनुब्रत मंडल को उनके घर से गिरफ्तार किया है. पशु तस्करी मामले में अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी हुई है. मंडल को बीरभूम के बोलपुर वाले घर से गिरफ्तार किया गया है. सीबीआई की तरफ से पूछताछ के लिए 10 समन दिए गए थे. लेकिन अनुब्रत मंडल ने इसकी अनदेखी की. अनुब्रत मंडल को आसनसोल कोर्ट में पेश किया जाएगा. आपको बता दें कि पशु तस्करी मामले की सुनवाई आसनसोल कोर्ट में चल रही है.
क्या है पशु तस्करी मामला-
सितंबर 2020 में सीबीआई ने पशु तस्करी का मामला दर्ज किया था. इसमें सीमा सुरक्षा बल के कमांडेंट सतीश कुमार और कई दूसरे लोगों का नाम था. इनपर भारत-बांग्लादेश सीमा पर अवैध पशु व्यापार का आरोप था. सीबीआई के मुताबिक 2015 से 2017 के दौरान बीएसएफ ने 20 हजार पशुओं के सिर बरामद किए थे. इन पशुओं की बांग्लादेश सीमा पर तस्करी की जा रही थी. इसमें जांच के दौरान अनुब्रत मंडल का नाम सामने आया था. सीबीआई उनसे पहले भी दो बार पूछताछ कर चुकी है. सीबीआई ने अनुब्रत मंडल के बॉडीगार्ड सैगल हुसैन को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था.
कौन हैं अनुब्रत मंडल-
अनुब्रत मंडल बीरभूम में टीएमसी के जिलाध्यक्ष हैं. इसके अलावा अनुब्रत मंडल वेस्ट बंगाल रूरल डेवल्पमेंट अथॉरिटी के चेयरमैन भी हैं. अनुब्रत बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस के फाउंडर मेंबर में से एक हैं. उनको टीएमसी का प्रभावशाली नेता माना जाता है. वो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी लोगों में आते हैं. बीरभूम जिलें में उनकी तूती बोलती है. कहा जाता है कि बिना उनसे सलाह-मशविरे के ममता बनर्जी भी इस जिले को लेकर कोई फैसला नहीं करती हैं. अनुब्रत मंडल को केष्टो मंडल के नाम से जाना जाता है.
विवादों में रहे हैं अनुब्रत मंडल-
अनुब्रत मंडल का नाम पहले भी विवादों में रहा है. साल 2013 पंचायत चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में चुनाव हुए थे. उस दौरान अनुब्रत मंडल के बयान को लेकर विवाद हुआ था. अनुब्रत मंडल ने टीएमसी कार्यकर्ताओं से कहा था कि वो पुलिस पर बम फेंकें और निर्दलीय उम्मीदवारों के घरों को जला दें. अनुब्रत मंडल के इस बयान को लेकर खूब हंगामा मचा था.
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