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Waqf Amendment Act 2025: वक्फ संशोधन कानून पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किया कैविएट... जानिए क्या है इसका मतलब, असर क्या होगा?

Caveat in Supreme Court: कैविएट एक छोटा लेकिन बेहद ताकतवर कानूनी हथियार है. चाहे सरकार हो या आम नागरिक. अगर आपको लगता है कि आपके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई संभावित है, तो कैविएट फाइल करना एक अच्छा और समझदारी वाला कदम है.

Caveat in Supreme Court (Photo/PTI) Caveat in Supreme Court (Photo/PTI)
हाइलाइट्स
  • एकतरफा आदेश को रोका जा सकता है

  • सुप्रीम कोर्ट में दायर किया कैविएट

संसद से पास हुए वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 (Waqf Amendment Act 2025) को लेकर जहां विपक्षी दलों और मुस्लिम संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, वहीं केंद्र सरकार ने भी एक एहतियाती कदम उठाते हुए कैविएट (Caveat) दाखिल कर दी है. अब सवाल उठता है कि ये कैविएट आखिर है क्या? क्या इससे कोर्ट का फैसला प्रभावित होता है? और कोई भी व्यक्ति या संस्था इसे कैसे दाखिल कर सकती है?

कैविएट क्या होता है? 
कैविएट एक कानूनी अनुरोध (legal notice) है जो किसी संभावित याचिका या कोर्ट केस को लेकर दायर किया जाता है. इसका मकसद होता है कि अगर कोर्ट में किसी मामले पर कोई आदेश देना हो, तो जिस व्यक्ति ने कैविएट दाखिल किया है, उसे सुना जाए.

साधारण शब्दों में कहें तो, “अगर आपके खिलाफ कोई केस आने वाला है, तो आप पहले से कोर्ट को बता सकते हैं कि जब वह केस सुना जाए, तो आपको भी नोटिस देकर सुना जाए.”

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इसका उद्देश्य एकतरफा आदेश (ex-parte order) को रोकना होता है.

(फोटो-PTI)
(फोटो-PTI)

कैविएट की प्रक्रिया क्या है? 
कैविएट फाइल करना एक कानूनी अधिकार है और इसकी प्रक्रिया काफी आसान है:

1. योग्यता (Eligibility)
कोई भी व्यक्ति या संस्था जो यह मानता है कि उसके खिलाफ कोई याचिका दायर की जा सकती है, वह कैविएट दाखिल कर सकता है. जैसे कि केंद्र सरकार ने Waqf Amendment Act को चुनौती देने वाली संभावित याचिकाओं को ध्यान में रखते हुए कैविएट दाखिल की.

2. कैसे दाखिल करें? (Filing Process):
आपको संबंधित कोर्ट (जैसे सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट या जिला अदालत) में जाकर कैविएट दाखिल करनी होती है. "कैविएटर" (कैविएट दायर करने वाला) एक आवेदन के रूप में कोर्ट में यह कहता है कि यदि कोई याचिका दाखिल होती है, तो कोर्ट कोई आदेश पारित करने से पहले उसे भी सुने.

इस आवेदन में आपको उस संभावित याचिकाकर्ता का नाम भी बताना होता है जिसके खिलाफ आप कैविएट दाखिल कर रहे हैं.

3. फीस और डॉक्यूमेंट
सामान्यत: एक मामूली कोर्ट फीस (लगभग ₹100-₹200) होती है. जरूरी डॉक्यूमेंट्स में आपकी पहचान, वकील की वकालतनामा (vakalatnama) और कैविएट एप्लिकेशन शामिल होती है.

4. समयसीमा (Validity):
एक बार दाखिल की गई कैविएट 90 दिन तक वैध रहती है. अगर इस अवधि में संबंधित याचिका दाखिल हो जाती है, तो कोर्ट कैविएटर को नोटिस भेजने का बाध्य होता है.

सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने क्यों दायर की कैविएट?
Waqf Amendment Act को लेकर विपक्ष और कई मुस्लिम संगठन इस संशोधित कानून को संविधान के अनुच्छेद 25 (धार्मिक स्वतंत्रता) के खिलाफ बता रहे हैं. उन्होंने कोर्ट में याचिकाएं दाखिल कर दी हैं और कई और याचिकाएं भी आने की संभावना है.

ऐसे में केंद्र सरकार को डर था कि कहीं कोर्ट एकतरफा (ex-parte) स्टे ऑर्डर न दे दे, जिससे नया कानून लागू होने से पहले ही रुक जाए. इसलिए सरकार ने सावधानी बरतते हुए सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की ताकि उसे भी सुनवाई में शामिल किया जाए. और बिना उसका पक्ष सुने कोर्ट कोई आदेश पारित न करे.

(फोटो-PTI)
(फोटो-PTI)

कैविएट क्यों जरूरी है?
कैविएट से सभी पक्षों को अपनी बात कहने का मौका मिलता है. साथ ही यह कोर्ट को बाध्य करता है कि वह सभी पक्षों को सुने. इसके अलावा, इसकी मदद से किसी भी संभावित नुकसान से पहले से ही तैयार रहने का जरिया मिल जाता है.

क्या आम नागरिक भी कैविएट दायर कर सकता है?
बिलकुल! अगर आपको लगता है कि आपकी संपत्ति को लेकर कोई केस दायर हो सकता है, कोई स्टे लेने की कोशिश कर सकता है या कोर्ट में बिना आपको सुने आदेश पास हो सकता है, तो आप अपने वकील के जरिए कैविएट दाखिल कर सकते हैं.

मान लीजिए, आपकी पुश्तैनी जमीन पर किसी तीसरे व्यक्ति ने दावा ठोक दिया है. वह कोर्ट जाकर कह सकता है कि आप उस ज़मीन पर कोई निर्माण कार्य न करें. अगर उसने कोर्ट में स्टे मांगा और आपको सूचित नहीं किया, तो कोर्ट एकतरफा आदेश दे सकता है. लेकिन अगर आपने पहले से कैविएट दाखिल कर रखी है, तो कोर्ट पहले आपको नोटिस देगा और बिना सुने कोई आदेश नहीं दे सकेगा.

कैविएट एक छोटा लेकिन बेहद ताकतवर कानूनी हथियार है. चाहे सरकार हो या आम नागरिक. अगर आपको लगता है कि आपके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई संभावित है, तो कैविएट फाइल करना एक अच्छा और समझदारी वाला कदम है.