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Manish Sisodia Arrested: क्या है दिल्ली का शराब घोटाला? जानें किन आरोपों पर CBI ने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को किया गिरफ्तार 

Manish Sisodia Arrested by Cbi:दिल्ली के शराब घोटाला मामले में सीबीआई ने आठ घंटे की लंबी पूछताछ के बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया. अब इसको लेकर आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी आमने-सामने हो गई है.

deputy cm manish sisodia (Photo PTI) deputy cm manish sisodia (Photo PTI)
हाइलाइट्स
  • सीबीआई ने कहा- मनीष सिसोदिया जांच में नहीं कर रहे थे सहयोग 

  • गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर शराब घोटाले की चर्चा हुई तेज

दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में रविवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को CBI ने गिरफ्तार कर लिया. इससे पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने आशंका जताई थी कि मनीष सिसोदिया को रविवार को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. आम आदमी पार्टी की तरफ से कहा गया था कि मनीष सिसोदिया की तरफ से जांच में पूरा सहयोग किया जाएगा. सीबीआई की तरफ से कहा गया है कि मनीष सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे इस कारण उन्हें गिरफ्तार करना पड़ा.

डिप्टी सीएम की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर से शराब घोटाले की चर्चा शुरू हो गई है. सवाल उठ रहे हैं कि आखिर वह नई शराब नीति क्या थी जिसकी वजह से ये सारा बवाल शुरू हुआ?  शराब घोटाला हुआ कैसे? CBI की चार्जशीट में क्या है? आइए यहां सबकुछ जानते हैं.

नई शराब नीति क्या थी? 
17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति लागू की. इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं. नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया. सरकार ने तर्क दिया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपए का फायदा होगा. इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं. 

क्यों उठे शराब नीति पर सवाल? 
1. थोक लाइसेंस धारकों का कमीशन बढ़ाकर 12% फिक्स किया.
2. बड़ी कंपनियों की मोनॉपोली बढ़ाने के आरोप लगे.
3. शराब सरकारी दुकानें नहीं केवल निजी दुकानें बेचेंगी.
4. शराब दुकानदार भारी रियायत पर शराब बेच रहे थे.
5. पहले से ज्यादा बड़ी दुकानें खुलीं.

जांच के बाद मुख्य सचिव ने उठाए थे सवाल
1. शराब कंपनियों को लाइसेंस फीस में 144.36 करोड़ रुपए की छूट दी गई, कोविड में दुकान बंद रहने के नाम पर.
2. एक लाइसेंस आवेदक कंपनी को 30 करोड़ रुपए की रकम लौटाई क्योंकि वो हवाई अड्डे क्षेत्र में जरूरी NOC लेने में नाकाम रही.
3. विदेशी शराब पर 50 रुपए/केस की छूट दी गई.
4. 2021-22 में जिनको शराब के लाइसेंस मिले उनको टेंडर होने के बाद फायदा पहुंचाया गया.
5. मनीष सिसोदिया जो एक्साइज विभाग के मंत्री थे, उन्होंने बड़े फैसले किए और लागू करवाए जो तय प्रावधानों और नोटिफाइड एक्साइज नीति के खिलाफ थे.
6. मनीष सिसोदिया ने शराब का लाइसेंस लेने वालों को टेंडर होने के बाद आर्थिक फायदे पहुंचाए जिससे सरकारी खजाने को बहुत नुकसान हुआ.
7. ये सब उच्च सियासी स्तर पर quid pro quo दिखाता है.

ऐसे कसा CBI का शिकंजा 
1. 17 अगस्त 2022 को सीबीआई की एफआईआर में सिसोदिया आरोपी बनाए गए.
2. 19 अगस्त 2022 को मनीष सिसोदिया के घर सीबीआई  ने छापा मारा.
3. 30 अगस्त 2022 को मनीष सिसोदिया के बैंक लॉकर खंगाले.
4. 17 अक्टूबर 2022 को मनीष सिसोदिया से नौ घंटे तक सीबीआई  पूछताछ.
5. 15 जनवरी 2023 को मनीष सिसोदिया के दफ्तर से सीबीआई  ने कंप्यूटर जब्त किया.
6. 18 फरवरी 2023 को मनीष सिसोदिया को सीबीआई  का समन.
7. 19 फरवरी 2023 को सिसोदिया की मांग पर सीबीआई  ने दिया वक़्त.
8. 26 फरवरी 2023 को पूछताछ के बाद मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने किया गिरफ्तार.

आम आदमी पार्टी ने लगाए आरोप
आम आदमी पार्टी ने कहा कि ये गिरफ्तारी किसी जांच के चलते नहीं बल्कि आप और अरविंद केजरीवाल की बढ़ती लोकप्रियता के कारण हुई है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सिसोदिया को बेकसूर बताया है. उन्होंने कहा कि मनीष बेकसूर हैं. उनकी गिरफ्तारी गंदी राजनीति है. गिरफ्तारी से लोगों में बहुत रोष है. लोग सब देख रहे हैं. लोगों को सब समझ आ रहा है, लोग इसका जवाब देंगे. इससे हमारे हौसले और बढ़ेंगे. हमारा संघर्ष और मजबूत होगा.