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Kisan Diwas 2022: 23 दिसंबर को ही क्यों मनाते हैं किसान दिवस ? जानिए इसका पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से संबंध

किसान दिवस को भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के सम्मान में हर साल 23 दिसंबर को मनाया जाता है. प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने भारतीय किसानों के जीवन में सुधार के लिए कई नीतियां शुरू की थी.

किसान और चौधरी चरण सिंह को नमन (फाइल फोटो) किसान और चौधरी चरण सिंह को नमन (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
  • चौधरी चरण सिंह ने किसानों के हित में किए हैं कई काम

  • 1949 विधानसभा में कृषि उत्पादन बाजार विधेयक पेश किया

भारत में किसानों के लिए एक खास दिन समर्पित है. देश में हर साल 23 दिसंबर को किसान दिवस मनाया जाता है. इसे भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के सम्मान में मनाया जाता है. इस दिन कृषि के ऊपर कई वाद-विवाद कार्यक्रम, समारोह, सेमिनार और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है.

Farmers Day के दिन किसानों के प्रति आभार प्रकट किया जाता है. इस दिन का पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह से खास लगाव है. 23 दिसंबर के ही के दिन भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्म हुआ था, जिन्होंने किसानों के कल्याण और उनकी स्थितियों को सुधारने के लिए कई नीतियों की शुरुआत की थी. चौधरी चरण सिंह ने जुलाई 1979 और जनवरी 1980 तक प्रधानमंत्री के तौर पर देश की सेवा की.पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जन्मदिन को किसान दिवस के रूप में इसलिए मनाया जाता है क्योंकि उन्होंने किसानों के हित में कई कल्याणकारी काम किए. इसकी शुरुआत उन्होंने प्रधानमंत्री बनने से पहले ही कर दी थी. 2001 में तत्कालीन सरकार ने चरण सिंह की जयंती को किसान दिवस के रूप में नामित किया. चौधरी चरण सिंह किसान परिवार के थे. सादा जीवन जीने में विश्वास रखने वाले सिंह ने अपना अधिकांश खाली समय पढ़ने और लिखने में बिताया. उन्‍होंने अपने जीवनकाल में कई किताबें और पर्चे लिखे. उनकी कुछ प्रसिद्ध रचनाएं हैं - सहकारी खेती एक्स-रे, जमींदारी का उन्मूलन, भारत की गरीबी और इसका समाधान. 

चौधरी चरण सिंह ने उठाए बड़े कदम
1. 1949 विधानसभा में कृषि उत्पादन बाजार विधेयक पेश किया.
2. 1952 में कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया.
3. 1953 में जमींदारी प्रथा को समाप्त कर दिया.
4. 23 दिसंबर 1978 को किसान ट्रस्ट की स्थापना की

लोगों को किया जाता है जागरूक
23 दिसंबर को किसान दिवस के रूप में मनाने के साथ ही राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में किसानों के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है. किसानों और अर्थव्यवस्था में उनकी भूमिका के बारे में लोगों को शिक्षित किया जाता है. इसके लिए कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.