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विदेशी Drone के आयात पर सरकार ने लगाई रोक, भारतीय निर्माताओं को मिलेगा बढ़ावा

पिछले साल अगस्त से, सरकार ने लिबरलाइज्ड ड्रोन रेगुलेशन जारी किए हैं. एक ड्रोन एयरस्पेस मैप, ड्रोन निर्माण के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना का भी विस्तार किया है

Drone के आयात पर रोक (सांकेतिक तस्वीर) Drone के आयात पर रोक (सांकेतिक तस्वीर)
हाइलाइट्स
  • अब देश में ही ड्रोन इंडस्ट्री को विकसित करने की कोशिश

  • मेड इन इंडिया ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए लिया फैसला

केंद्र सरकार ने मेड इन इंडिया की ओर एक और कदम उठाया है. सरकार ने कुछ अपवादों के साथ ड्रोन के आयात पर पाबंदी लगा दी है. वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने औपचारिक आदेश जारी होने के बाद कहा कि भारत ने ड्रोन के घरेलू निर्माण को प्रोत्साहित करने के प्रयास में तत्काल प्रभाव से विदेशी ड्रोन के आयात पर रोक लगा दी है. 

नियमों के मुताबिक अनुसंधान एवं विकास, रक्षा तथा सुरक्षा के मकसद से ड्रोन के आयात की अनुम होगी लेकिन इसके लिये भी उपयुक्त मंजूरी की जरूरत होगी. सरकार अब देश में ही ड्रोन इंडस्ट्री को विकसित करने की पूरी कोशिश कर रही है.  "ड्रोन घटकों का आयात 'मुक्त' होगा. यह तत्काल प्रभाव से लागू होगा.

एक अधिकारी ने कहा कि तीन अपवादों के तहत ड्रोन के आयात की अनुमति आवश्यक अनुमति और मंजूरी लेने के बाद ही दी जाएगी. नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए न्यूनतम सुरक्षा और गुणवत्ता आवश्यकताओं को निर्धारित करने के लिए 25 जनवरी को ड्रोन प्रमाणन योजना जारी करने के कुछ दिनों बाद अधिसूचना आई है. 

भारतीय ड्रोन उद्योग में निवेश करने का यह अच्छा समय 

पिछले साल अगस्त से, सरकार ने लिबरलाइज्ड ड्रोन रेगुलेशन जारी किए हैं. एक ड्रोन एयरस्पेस मैप, ड्रोन निर्माण के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना का विस्तार किया है और ड्रोन निर्माण उद्योग को बढ़ने में मदद करने के लिए सिंगल-विंडो DigitalSky प्लेटफॉर्म पेश किया है. वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, 'भारतीय ड्रोन उद्योग में निवेश करने का यह अच्छा समय है. 

पिछले साल सरकार के अनुसार, घरेलू ड्रोन निर्माण उद्योग के तीन वर्षों में लगभग 80 करोड़ रुपये के संयुक्त कारोबार से 900 करोड़ रुपये तक बढ़ने की उम्मीद है. पिछले साल 16 सितंबर को, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि ड्रोन क्षेत्र का संयुक्त कारोबार - हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और सेवा वितरण 2026 तक लगभग 12,000-15,000 रुपये तक बढ़ने की उम्मीद थी. 

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