बिजली बचाने वाले उजाला एलइडी बल्ब की सफलता के बाद अब केंद्र सरकार दो नए स्कीम की शुरुआत करने जा रही है. गुरुवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने दो नए प्रोग्राम की घोषणा की है जिसमें देशभर में लगभग 20 लाख बिजली के कुकिंग स्टोर और एक करोड़ बिजली बचाने वाले पंखे बांटने की योजना है. ऐसा करने से न सिर्फ बिजली की बचत होगी और उसका पर्यावरण पर अच्छा असर होगा बल्कि इसके साथ-साथ एक उपभोक्ता के बिजली बिल में भी बड़ी कटौती होने की संभावना है. पहले प्रोग्राम का नाम नेशनल एफिशिएंट कुकिंग प्रोग्राम रखा गया है, जो बिजली तो बचाएगा ही यानी एनर्जी एफिशिएंट होगा साथ ही साथ लोगों के बिजली बिलों में 25 से 30% की कटौती भी करेगा. इसके साथ ही दूसरे प्रोग्राम का नाम एनर्जी एफिशिएंट फैंस प्रोग्राम रखा गया है जो न सिर्फ लोगों को बेहतरीन सुविधा मुहैया कराएगा बल्कि साथ ही साथ उनके बिजली बिल में भी कमी करेगा.
अभी कितनी बड़ी है चुनौती
शुरुआती तौर पर ऐसे उपकरणों को आंगनबाड़ी के जरिए वितरित किया जाएगा. इन दोनों प्रोग्राम के लॉन्च के मौके पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा, " बेहतरीन प्रयासों के जरिए हमने 45 मिलियन टन कार्बन एमिशन को काम किया है और साथ ही हमने बिजली की डिमांड पीक आवर में 12 गीगावॉट तक काम कर दी है." ऊर्जा मंत्रालय की नजर अब ऐसे एनर्जी एफिशिएंट उपकरणों के बाजार को और बढ़ाने की भी है. स्मोकिंग पर मौजूद ऊर्जा सचिव पंकज अग्रवाल ने कहा, " अगर हम बाजार की बात करें तो देश भर में सिर्फ पंख यानी फैन का मार्केट लगभग 10500 करोड रुपए का है. ऐसे बिजली बनाने वाले उपकरणों को हमें लगभग 30 करोड़ घरों तक पहुंचना है जो अपने आप में एक बड़ी चुनौती है."
कार्बन एमिशन के लक्ष्य को हासिल करने में मिलेगी मदद
एक अनुमान के मुताबिक पंखों से होने वाली बिजली की कुल खपत घरेलू बिजली खर्च का तकरीबन 40% है. विशेषज्ञ ऐसा मानते हैं कि अगर सारे के सारे पंखों को एनर्जी एफिशिएंट फैंस से बदल दिया जाए तो कल घरेलू खपत का 20% अपने आप काम हो जाएगा. इस क्षेत्र में काम कर रहे ईईएसएल के सीईओ विशाल कपूर ने कुछ चुनौतियां की तरफ भी ध्यान खींचने की कोशिश की. उनके मुताबिक सबसे बड़ी चुनौती एनर्जी एफिशिएंट उपकरण ऑन की डिमांड और सप्लाई के बीच अंतर को कम करने की है. ऐसा करने से न सिर्फ बिजली बिल काम आएगा बल्कि पर्यावरण और कार्बन एमिशन जैसे लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकेगा.
(कुमार कुणाल की रिपोर्ट)