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Powering Livelihoods Summit: सूरज का गोला फैला रहा है महिलाओं और किसानों के जीवन में उजाला, बढ़ रही है इनकम

CEEW और Villgro Innovation Foundation की पहल 'Powering Livelihoods' के प्रोग्राम 'National Summit on Powering Sustainable Livelihoods' में केंद्रीय मंत्री, आर. के. सिंह ने Solar Anthem 'सूरज का गोला' लॉन्च किया.

RK Singh launched new reports by Powering Livelihoods RK Singh launched new reports by Powering Livelihoods
हाइलाइट्स
  • लोगों के लिए किफायती हों सोलर टूल्स 

  • लॉन्च किया 'सूरज का गोला'

हाल ही में, काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरमेंट एंड वाटर (CEEW) और विलग्रो इनोवेशन फाउंडेशन की पहल 'Powering Livelihoods' ने ‘नेशनल समिट ऑन पॉवरिंग सस्टेनेबल लाइवलीहुड्स’ का आयोजन किया. इस प्रोग्रोम में उनकी 'Powering Livelihoods' प्रोजेक्ट की कामयाबियों के बारे में बताया गया. इस प्रोजेक्ट के तहत, सोलर ऊर्जा के जरिए जमीनी स्तर पर महिलाओं और किसानों के जीवन में परिवर्तन लाया जा रहा है. यह प्रोजेक्ट बहुत से परिवारों की आय बढ़ाने में सफल रहा है. 

इस मौके पर केंद्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह ने कहा, “हमारी सरकार नवीकरणीय ऊर्जा (डीआरई) के विकेंद्रीकृत उपकरणों के लिए एक नई योजना लेकर आ रही है. जमीनी स्तर पर पहले से ही काफी काम हो रहा है और हमारी योजना से देश भर के लाखों परिवारों को लाभ मिल सकता है. लेकिन हमें डीआरई उपकरणों की कीमतें घटाने और इसका दायरा बढ़ाने के लिए इसके बड़े पैमाने पर निर्माण करने के साथ-साथ इनका मानकीकरण करने की जरूरत होगी. जिस तरह हमने ग्रिड-स्केल सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया है, उसी तरह भारत आजीविका के लिए अक्षय ऊर्जा के विकेंद्रीकृत उपकरणों को भी आगे बढ़ाएगा. जैसे रूफटॉप सोलर और सोलर इरिगेशन पर हमारा बड़ा प्रोग्राम है, उसी तरह हम डीआरई आजीविका के लिए भी एक बड़ा प्रोग्राम बनाएंगे.” 

Minister R. K. Singh

लोगों के लिए किफायती हों सोलर टूल्स 
आर. के सिंह का कहना है कि सरकार डीआरई आधारित आजीविका उपकरणों को किफायती बनाने पर काम कर रही हैं और इसके लिए जरूरी है कि इस पहल को बैंकों को जोड़ा जाए. जैसे अगर कोई परिवार सोलर ड्रायर लगाना चाहता है, तो उसे बैंकों से कर्ज लेने में कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए. इन उपरकणों से लोगों की आजीविका बढ़ रही है और अब सरकार इसे अगले स्तर तक ले जाने का काम करेगी. केंद्रीय मंत्री ने इस समिट में सीईईडब्ल्यू और विलग्रो की दो नई रिपोर्ट्स को भी जारी किया.  

इन रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्वच्छ प्रौद्योगिकियों (Clean Technology) में भारत के कृषि और कपड़ा क्षेत्रों में 37 मिलियन आजीविकाओं का सपोर्ट करने की क्षमता है, जो लगभग 4 लाख करोड़ रुपये (लगभग 50 बिलियन अमेरीकी डॉलर) की संभावित मार्केट हो सकती है. इसके अलावा, स्वच्छ प्रौद्योगिकी का उपयोग करने वाली 70 प्रतिशत महिलाओं और किसानों ने आय में लगभग 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की जानकारी दी. किसान अपनी आय को बढ़ाने और विविधता लाने के लिए सोलर सिल्क रीलिंग मशीन, मल्टी-फूड प्रोसेसर्स, माइक्रो सोलर पंप्स, सोलर वर्टिकल फोडर ग्रो यूनिट्स जैसे स्वच्छ-ऊर्जा से चलने वाले उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं.

लॉन्च किया 'सूरज का गोला'
इस समिट में केंद्रीय मंत्री श्री आर. के. सिंह ने सीईईडब्ल्यू और विलग्रो के बनाए सोलर गान (सोलर ऐंथम) ‘सूरज का गोला’ को भी जारी किया. इसे बैंड माटी बानी और इंडियन आइडल फेम आशीष कुलकर्णी के सहयोग से बनाया गया है. यह गीत बताता है कि कैसे सौर ऊर्जा का उपयोग ग्रामीण भारत में जीवन और आजीविका दोनों को बदल रहा है.

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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अभिषेक जैन, फेलो और निदेशक-पॉवरिंग लाइवलीहुड्स, सीईईडब्ल्यू ने कहा, “भारत, स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन में वैश्विक स्तर पर अग्रणी देशों में से एक है. पॉवरिंग लाइवलीहुड्स जैसे कार्यक्रम के साथ, हम इस स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन को आम जनता तक पहुंचा रहे हैं और उनकी आय व आजीविका को बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं. महामारी के बाद से पूरे भारत में ऐसी 11,000 से अधिक तकनीकों को लगाते हुए, हम लोगों ने आय बढ़ाने और विविधता लाने के मामले में स्वच्छ-ऊर्जा-संचालित आजीविका तकनीकों के प्रभाव को सामने रखा है. एक ऐसे देश में जहां हर महीने दस लाख युवा कामकाजी उम्र की आबादी तक पहुंच जाते हैं, हमें सक्रियता के साथ नौकरियों और आजीविका को सपोर्ट देने की जरूरत है.”

उत्तर प्रदेश में मौजूद सबसे बड़ा अवसर 
 

R. K. Singh interacting with innovators


रिपोर्ट्स के अनुसार, स्वच्छ ऊर्जा-संचालित प्रौद्योगिकियों के लिए उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा अवसर मौजूद है. इसके बाद पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कर्नाटक का स्थान आता है. लेकिन सभी राज्यों में हर एक आजीविका तकनीकों के लिए सापेक्ष बाजार अलग-अलग है. उदाहरण के लिए, माइक्रो सोलर पंप के लिए पश्चिम बंगाल में, जबकि सोलर ड्रायर के लिए महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा बाजार मौजूद है.

इस समिट में सिल्क रीलिंग और स्पिनिंग मशीन, सोलर रेफ्रीजेरेटर, सोलर पॉवर हाइड्रोफोनिक फोडर ग्रो स्टेशन, सोलर ड्रायर, मल्टी-पर्पज फूड प्रोसेसिंग मशीन और सोलर पंप जैसी विभिन्न डीआरई तकनीक की प्रदर्शनी भी लगाई गई. यहां पर इनके निर्माता और इन्हें इस्तेमाल करने वाले उपयोगकर्ताओं ने लोगों को इसके फायदों की जानकारी दी.