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Jharkhand Assembly: Champai Soren सरकार ने Floor Test किया पास, समर्थन में पड़े 47 वोट, विपक्ष को 29 से करना पड़ा संतोष

Jharkhand Assembly: झारखंड में इस समय जेएमएम (JMM), कांग्रेस (Congress), आरजेडी (RJD) और सीपीआई (एमएल) (CPI) (ML) के गठबंधन की सरकार है. सीएम के रूप में चंपई सोरेन (Champai Soren) ने 2 फरवरी 2024 को शपथ ली थी. सोमवार को चंपई सरकार ने विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया.

Champai Soren Floor Test Champai Soren Floor Test
हाइलाइट्स
  • बहुमत के लिए 41 सदस्यों के समर्थन की थी जरूरी

  • जेएमएम के पास हैं 29 विधायक

झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) में चंपई सरकार ने सोमवार को विश्वास मत हासिल कर लिया. विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 47 वोट पड़े. वहीं विपक्ष में 29 मत पड़े. बहुमत के लिए 41 सदस्यों के समर्थन की जरूरत थी. झारखंड में इस समय जेएमएम, कांग्रेस, आरजेडी और सीपीआई (एमएल) नीत महागठबंधन की सरकार है. 

विपक्ष में बीजेपी (BJP) के 25, आजसू (AJSU) के 3 और NCP का 1 मत मिला. इस दौरान एक निर्दलीय विधायक सरयू राय तटस्थ रहे जबकि अमित यादव समेत एक अन्य विधायक सदन की कार्यवाही में मौजूद नहीं रहे. फ्लोर टेस्ट में शामिल होने के लिए झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) भी ईडी (ED) की कस्टडी में विधानसभा पहुंचे थे. सीएम चंपई सोरेन ने बहुमत साबित करने के बाद कहा कि मैं गर्व से कहता हूं कि मैं हेमंत सोरेन का ही पार्ट-2 हूं. सीएम ने केंद्र सरकार पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया.

2 फरवरी को ली थी सीएम पद की शपथ
31 जनवरी को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कथित भ्रष्टाचार के मामले में ईडी ने हिरासत में लिया था. इसके बाद 31 जनवरी की रात को ही चंपई सोरेन ने राज्यपाल से मिल सरकार बनाने का दावा पेश किया था. फिर 2 फरवरी को चंपई सोरेन ने झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. उनके साथ दो और मंत्रियों ने भी शपथ ली थी. चंपई सोरेन ने सरकार बनाने के लिए 43 विधायकों के दस्तखत वाला समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपा था. राज्यपाल की तरफ से हरी झंडी मिलने में विलंब को देखते हुए विधायकों की राजभवन में चंपई ने परेड भी कराई थी. चंपई को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया था.

सत्तापक्ष में हैं इतने विधायक
82 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में एक सीट रिक्त है. पिछले दिनों जेएमएम विधायक सरफराज अहमद ने गांडेय विधानसभा सीट से त्यागपत्र दे दिया था. बहुमत के लिए 41 सदस्यों के समर्थन की जरूरत थी. सत्तापक्ष ने 48 विधायकों का समर्थन का दावा किया था. इसमें जेएमएम के 29, कांग्रेस के 16, आरजेडी के एक, झाविमो के एक और सीपीआई (एमएल) के एक विधायक शामिल हैं. 

NDA के पास इतनी है विधायकों की संख्या
NDA गठबंधन के पास 32 विधायक हैं. बीजेपी 26 विधायकों के साथ विधानसभा में दूसरी बड़ी पार्टी है. आजसू के तीन, एनसीपी (अजित पवार गुट) के एक और दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी बीजेपी के साथ है. बीजेपी को अपनी सरकार बनाने के लिए 9 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता थी. 

पहले भी शक्ति परीक्षण का सामना कर चुकी है जेएमएम
यह पहली बार नहीं है जब जेएमएम को शक्ति परीक्षण का सामना करना पड़ रहा है. इससे पहले सितंबर 2022 में हेमंत सोरेन की सरकार ने उनके पक्ष में 48 वोटों के साथ बहुमत परीक्षण जीता. तब भी भ्रष्टाचार के आरोपों पर हेमंत सोरेन को विधानसभा से अयोग्य ठहराए जाने का खतरा था.