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Jharkhand New CM: Champai Soren होंगे झारखंड के नए सीएम, विधायक दल की बैठक में लगी मुहर, Hemant की जगह संभालेंगे प्रदेश की कमान

Who is Champai Soren: शिबू सोरेन के साथ चंपई सोरेन ने झारखंड को अलग राज्य बनाने के आंदोलन में भाग लिया था. इसके बाद लोग उन्हें 'झारखंड टाइगर' के नाम से बुलाने लगे. अभी चंपई झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी से सरायकेला विधानसभा सीट से विधायक हैं.

Hemant Soren and Champai Soren (Photo: Facebook/Champai Soren) Hemant Soren and Champai Soren (Photo: Facebook/Champai Soren)
हाइलाइट्स
  • चंपई 2005 से लगातार सरायकेला से हैं विधायक 

  • हेमंत सोरेन को ईडी ने किया गिरफ्तार

Jharkhand Political Crises: अब झारखंड के नए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन होंगे. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने यह कदम मौजूदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस्तीफा देने के बाद उठाया है. चंपई ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया. उधर, हेमंत सोरेन को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. उनकी ये गिरफ्तारी जमीन घोटाले मामले में हुई है. 

सरकार बनाने का दावा किया पेश
सीएम हेमंत सोरेन के इस्तीफा देने के बाद सत्ताधारी दल के सभी विधायकों ने चंपई सोरेन को अपना नेता चुना और चंपई को प्रदेश की कमान सौंपने पर सहमति जताई. हेमंत सोरेन के बेहद करीबी चंपई हैं. मौजूदा सरकार में चंपई कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. चंपई ने राज्यपाल राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया. उन्होंने 43 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा.

कौन हैं चंपई सोरेन 
चंपई सोरेन झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले स्थित जिलिंगगोड़ा गांव के रहने वाले हैं. 1956 में सेमल सोरेन और माधव सोरेन घर चंपई सोरेन का जन्म हुआ था. उनके पिता सेमल सोरेन खेती किसानी करते थे. चंपई ने भी खेती की है. यदि शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो चंपई मैट्रिक पास हैं. इनकी शादी मानको सोरेन से हुई है और इनके चार बेटे और तीन बेटियां हैं.

शिबू सोरेन के रहे हैं सहयोगी 
हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन के सहयोगी चंपई रहे हैं. झारखंड राज्य की अलग मांग के दौरान चंपई ने शिबू सोरेन का साथ दिया था.  जल्द ही 'झारखंड टाइगर' के नाम से मशहूर भी हो गए. हेमंत सोरेन सार्वजनिक मंचों पर भी चंपई सोरेन के पैर छूकर आशीर्वाद लेते हुए दिखे हैं और रिश्ते में उन्हें चाचा मानते हैं. कहा तो ये भी जाता है कि चाहे मामला सरकार का हो या पार्टी के अहम विषयों का, हेमंत सोरेन चंपई सोरेन से सलाह मशविरा जरूर करते हैं.

कब हुई सियासत में एंट्री 
चंपई सोरेन ने 1991 में पहली बार उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज की थी. चंपई ने कद्दावर सांसद कृष्णा मार्डी की पत्नी को हराया था. इसके बाद चंपई सोरेन ने 1995 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर जीत हासिल की. साल 2000 में बीजेपी के अनंतराम टुडू से चंपई चुनाव हार गए थे. लेकिन 2005 से लगातार चंपई सरायकेला से विधायक हैं. 2019 में उन्होंने बीजेपी के गणेश महाली को हराया था.

अर्जुन मुंडा की सरकार में भी रह चुके हैं मंत्री
भारतीय जनता पार्टी के नेता अर्जुन मुंडा की सरकार में झामुमो नेता चंपई सोरेन को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था और अहम मंत्रालय दिए गए थे. चंपई 11 सितंबर 2010 से 18 जनवरी 2013 तक मंत्री रहे. इसके बाद राष्ट्रपति शासन लग गया था और फिर हेमंत सोरेन की अगुवाई में बनी झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार में चंपई सोरेन को खाना एवं नागरिक आपूर्ति, परिवहन मंत्री बनाया गया. दूसरी बार 2019 में फिर से हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने पर चंपई सोरेन को परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री रखा गया है. चंपई झामुमो के उपाध्यक्ष भी हैं. अब उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया है. वह झारखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे.

इतने मामले चल रहे हेमंत सोरेन पर
हेमंत सोरेन के खिलाफ दो अलग-अलग मामले चल रहे हैं. इनमें पहला मामला अवैध खनन लीज पट्टे से जुड़ा है, जबकि दूसरा जमीन घोटाले से जुड़ा है. हेमंत सोरेन पर एक मामला पद के दुरुपयोग का भी चल रहा है. जिससे जुड़ी रिपोर्ट चुनाव आयोग राज्यपाल को सौंप चुका है.