
चंद्रगिरी रेलवे स्टेशन, आंध्र प्रदेश में, महिलाओं द्वारा चलाया जाने वाला दक्षिण भारत का पहला रेलवे स्टेशन बन गया है. यह स्टेशन महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रतीक है और भारतीय रेलवे और भारत सरकार के सहयोग से स्थापित किया गया है. स्टेशन मास्टर से लेकर सफाई कर्मचारी और सुरक्षा कर्मी तक, सभी पदों पर महिलाएं ही कार्यरत हैं.
महिलाओं का प्रबंधन
चंद्रगिरी रेलवे स्टेशन में महिलाएं ना केवल स्टेशन संचालन का प्रबंधन करती हैं बल्कि यात्रियों का मार्गदर्शन, उनकी सुरक्षा और उनके सम्मान की सुरक्षा भी करती हैं. स्टेशन मास्टर संगीता लक्ष्मी संचालन की देखरेख करती हैं, जबकि आरपीएफ कॉन्स्टेबल काव्य यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं. संगीता लक्ष्मी ने कहा, "आउर स्टेशन इज ए ओनली स्टेशन लेडीज स्टेशन इट हैज बीन क्रिएटेड, बाय आउर रेलवे बोर्ड एंड गवर्नमेंट ऑफ इंडिया दे हैव टू इम्प्रूव दी, लेडीज एम्पावरमेंट वूमेन एम्पावरमेंट दे हैव क्रिएटेड दी स्टेशन."
यात्रियों की सुरक्षा और मार्गदर्शन
चंद्रगिरी में महिलाएं यात्रियों की सुरक्षा और मार्गदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. स्टेशन पर मौजूद सभी महिला कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी और सहयोग की भावना को अच्छी तरह से निभाती हैं. सोनू कुमारी और पीएम ब्रजेश को अपने काम पर गर्व है. सोनू कुमारी ने कहा, "यहां पर काम अच्छा है. यहां के लोग भी अच्छे हैं. बट थोड़ा सा नाइट में मतलब सिक्योरिटी का टेंशन रहता हैं बट बाकी सभी अच्छा हैं, स्टाफ भी सभी कोओपरेटिव हैं, बहुत फ्रेंड्ली हैं."
महिलाओं का समर्थन
महिला कर्मचारी अपने परिवार और सहकर्मियों के समर्थन के लिए आभारी हैं. सोनू कुमारी ने कहा, "मैं बोलना चाहती हूँ हमेशा से मेरी मम्मी मेरी दादी मेरे घर में जितनी भी लेडीज है, मुझे हमेशा सपोर्ट किये पढ़ने के लिए मेरे फैम्ली वाले हमेशा फ्रीडम दिए है." उन्होंने यह भी कहा कि अगर महिलाएं एक-दूसरे का समर्थन करें तो सब कुछ संभव है.
महिलाओं का सशक्तिकरण
2018 में बना चंद्रगिरी रेलवे स्टेशन भारत में बाकी स्टेशनों के लिए एक मॉडल बन गया है. यह स्टेशन इस बात का एक शानदार उदाहरण है कि जब महिलाएं जिम्मेदारी संभालती हैं तो हर मुकाम हासिल कर सकती हैं. चंद्रगिरी रेलवे स्टेशन महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी क्षमताओं का प्रतीक है.