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Chandrayaan 3 से UP के इस गांव का खास कनेक्शन, मशहूर वैज्ञानिक Dr. Kalam ने बदल दी थी Dharmendra Yadav की जिंदगी

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद के टिकरी गांव का चंद्रयान 3 मिशन से खास कनेक्शन है. गांव के धर्मेंद्र यादव इस मिशन को लॉन्च करने वाली वैज्ञानिकों की टीम का हिस्सा हैं. मशहूर वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल कलाम से एक मुलाकात ने धर्मेंद्र यादव की जिंदगी बदल दी.

चंद्रयान 3 लॉन्चिंग टीम में यूपी के फिरोजाबाद के टिकरी गांव के धर्मेंद्र यादव शामिल चंद्रयान 3 लॉन्चिंग टीम में यूपी के फिरोजाबाद के टिकरी गांव के धर्मेंद्र यादव शामिल

भारत के चंद्रयान 3 का विक्रम लैंडर आज यानी 23 अगस्त को चांद की सतह पर लैंड करेगा. शाम 6 बजकर 4 मिनट पर विक्रम लैंडर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. दुनियाभर की नजर इसपर टिकी हुई हैं. देशभर में सफल लैंडिंग के लिए दुआओं और पूजा-पाठ का दौर चल रहा है. उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद के टिकरी गांव में इस ऐतिहासिक क्षण का बेसब्री से इंतजार है. इस गांव का चंद्रयान 3 मिशन के खास कनेक्शन है.

लॉन्चिंग टीम में टिकरी गांव का लडका-
चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग टीम में टिकरी गांव के धर्मेंद्र यादव हैं. धर्मेंद्र यादव इसरो में वैज्ञानिक हैं और चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग टीम का हिस्सा हैं. धर्मेंद्र की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई फिरोजाबाद में ही हुई है. उसके बाद वो जालंधर से एमटेक किया. इसके बाद साल 2011 में धर्मेंद्र बेंगलुरू में इसरो में शामिल हुए.

डॉ. कलाम से मुलाकात से बदली जिंदगी-
वैज्ञानिक धर्मेंद्र यादव के पिता शंभू दयाल यादव ने मशहूर वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल कलाम का एक किस्सा सुनाया और बताया कि कैसे वैज्ञानिक से एक मुलाकात से उनके बेटी जिंदगी बदल गई. उन्होंने बताया कि डॉ. कलाम से एक मुलाकात ने उनके बेटे धर्मेंद्र यादव को वैज्ञानिक बनने के लिए प्रेरित किया. जब डॉ. कलाम से धर्मेंद्र की मुलाकात हुई तो उन्होंने कहा कि देखो, इंजीनियर तो सब लोग बनते हैं. लेकिन विज्ञान के क्षेत्र में आप सोचें तो वैज्ञानिक बन सकते हैं. उनके पिता ने बताया कि इस मुलाकात से धर्मेंद्र को प्रेरणा मिली और उसने सोच लिया कि वो वैज्ञानिक ही बनेगा.

धर्मेंद्र को परिवार का मिला सहयोग-
वैज्ञानिक धर्मेंद्र के माता-पिता सीमित आमदनी के बावजूद उनकी शिक्षा में कोई कमी नहीं आने दी. धर्मेंद्र की मां कमला देवी कहती हैं कि बहुत खुशी है कि हमने अच्छी पढ़ाई-लिखाई दी. उस समय गाड़ी-घोड़ा कुछ नहीं था, साइकिल से पहुंचाया.
धर्मेंद्र यादव की इस उपलब्धि पर परिवार, गांव के साथ रिश्तेदार भी खुश हैं. धर्मेंद्र के रिश्तेदार चंद्रवीर सिंह कहते हैं कि आजकल के बच्चे पढ़ते नहीं हैं. हम बुजुर्गों से कहते हैं कि बच्चों को ऐसी प्रेरणा दें, ताकि वो तरक्की करें. हमारा बच्चा वहां तक पहुंच गया है. आगे और भी बच्चे पहुंचें और गांव का नाम रोशन करें. क्षेत्र का नाम रोशन करें.

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