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रायपुर के इस कैफे का स्टाफ बोल या सुन नहीं सकता...यहां पर इशारों से किया जाता है ऑर्डर

रायपुर की चहल-पहल वाली गलियों में एक कैफे है, जो लोगों को चाय बेचता है. हालांकि इस कैफे की खासियत सिर्फ चाय ही नहीं है, यहा पर ऐसे लोगों को ही नौकरी पर रखा जाता है जो सुन, बोल नहीं पाते. यहां पर आने वाले लोग इनसे इशारों के जरिए बात करते हैं, किताबें पढ़ते हैं, नए दोस्त बनाते हैं और कैफे के खुशनुमा माहौल में इंजॉय करते हैं.

Nukkad Cafe, Raipur Nukkad Cafe, Raipur
हाइलाइट्स
  • मिलती है 20 प्रकार की चाय

  • 2013 में की पहले नुक्कड़ की स्थापना

रायपुर की चहल-पहल वाली गलियों में एक कैफे है, जो लोगों को चाय बेचता है. हालांकि इस कैफे की खासियत सिर्फ चाय ही नहीं है, यहा पर ऐसे लोगों को ही नौकरी पर रखा जाता है जो सुन, बोल नहीं पाते. यहां पर आने वाले लोग इनसे इशारों के जरिए बात करते हैं, किताबें पढ़ते हैं, नए दोस्त बनाते हैं और कैफे के खुशनुमा माहौल में इंजॉय करते हैं. प्रियांक पटेल द्वारा 2013 में स्थापित, नुक्कड़ बड़े पैमाने पर समाज की सेवा करने का इरादा रखता है.

कैसे आया विचार?
प्रियांक ने करीब पांच साल तक एक एमएनसी में काम किया. उनका रुझान हमेशा से सामाजिक कार्यों के प्रति रहा. एक एनजीओ में काम करने के दौरान, उन्हें एक ख्याल आया और उन्होंने एक ऐसी जगह बनाने के बारे में सोचा, जहां युवा लोग आकर बैठें, बात करें और एक-दूसरे से मिल सकें. इसी सोच के साथ नुक्कड़ का जन्म हुआ. यहां मूक और बधिर कर्मचारियों को काम पर रखा जाता है, जो यहां पर सर्व करने के काम को करने से लेकर मैनेजर तक का काम करते हैं. 

मिलती है 20 प्रकार की चाय
एक रिपोर्ट के अनुसार कैफे में 20 से अधिक तरह की चाय मिलती है. यहां किताबों और हस्तलिखित पत्रों का एक अनुकूलित सेटअप है. यह स्थान चाय के साथ बातचीत करने के लिए कुछ अलग-अलग प्रकार के आयोजन भी करता है, जिसमें  चाय और बातचीत, एक ओपन-माइक इवेंट और स्टोरी टेलिंग जैसे सेशन्स शामिल हैं. कैफे के स्टाफ सदस्यों के साथ आसान संचार के लिए मेन्यू को भी सांकेतिक भाषा में किया गया है.

कैफे की खूबियां
इंजीनियर प्रियंक पटेल ने दिल्ली की नौकरी छोड़कर 2013 में पहले नुक्कड़ की स्थापना की. कॉन्सेप्ट लोगों को रास आने लगा और धीरे-धीरे नुक्कड़ का विस्तार होता गया. अब नुक्कड़ के 4 मालिक हो गए हैं. प्रियंक पटेल ने नुक्कड़ को अनोखा बनाने के लिए कैफे को छोटी-छोटी बारीकियों के साथ तैयार किया है. नुक्कड़ में जाते ही आपको महान विचारकों की कविता देखने को मिलेगी. दीवारों पर नजर डालेंगे तो पूरे शहर की पेंटिंग्स दिखेंगी. वहीं ये नुक्कड़ केवल चाय-नाश्ता के लिए लोकप्रिय नहीं है. यहां एकांत में पुस्तकालय भी बनाया गया है. जहां किताब पढ़ने के शौकीन किताब पढ़ सकते हैं.