नए साल में कूनो नेशनल पार्क से अच्छी खबर आई है. नामीबिया से आई चीता आशा ने तीन शावकों को जन्म दिया है. तीनों शावक स्वस्थ बताए जा रहे हैं. पार्क प्रबंधन के मुताबिक शावकों को अगले कुछ महीनों तक वेटनरी डॉक्टरों की कड़ी निगरानी में रखा जाएगा. इन्हें बाड़े में कब छोड़ना है, इसक फैसला केंद्र सरकार की ओर से बनाई समिति करती है.
पीएम मोदी के जन्मदिन पर छोड़े गए थे चीते
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर सबसे पहले 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से लाए गए आठ चीते छोड़े गए थे. इसके बाद 18 फरवरी 2023 को दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते कूनो जंगल में लाकर छोड़े गए थे. मध्य प्रदेश स्थित कूनो जंगल में कुल 20 चीते लाए गए थे. इनमें से छह चीतों की मौत हो गई है.
दो चीते ही अभी खुले जंगल में मौजूद
कूनो नेशनल पार्क में वर्तमान में 14 वयस्क और चार शावक मौजूद हैं. इनमें 7 नर चीते गौरव, शौर्य, वायु, अग्नि, पवन, प्रभाष और पावक शामिल हैं, जबकि 7 मादा चीतों में आशा, गामिनी, नाभा, धीरा, ज्वाला, निरवा और वीरा शामिल हैं. इनमें से अभी केवल दो चीते ही खुले जंगल में मौजूद हैं, जो भ्रमण के लिए आने वाले पर्यटकों को दिख सकते हैं, जबकि शेष सभी चीते अभी बड़े बाड़े में ही रखे गए हैं. अब तीन नए शावकों के जन्म के बाद कूनो में चीतों का कुनबा बढ़ गया है. अब इनकी संख्या 18 हो गई है.
ज्वाला चीता ने चार शावकों को दिया था जन्म
आशा चीता से पहले पिछले साल मार्च में ज्वाला नाम की मादा चीता ने 4 शावकों को जन्म दिया था लेकिन कुछ ही दिनों में इनमें से 3 शावकों की मौत हो गई थी. उस समय कूनो पार्क प्रबंधन की काफी किरकिरी हुई थी. हालांकि चौथा शावक करीब 3 महीने तक वेटनरी डॉक्टरों की निगरानी में रहा और अब पूरी तरह स्वस्थ है.
बनेगी देश की पहली चीता सफारी
कूनो नेशनल पार्क में देश की पहली चीता सफारी बनने बनने जा रही है. यहां पर पर्यटकों के लिए सेसईपुरा में कूनो नदी क्षेत्र को शामिल कर चीता सफारी विकसित की जाएगी. इसका प्रस्ताव सेंट्रल जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पास भेजा गया था, जिसे कूनो फेस्टिवल के पहले स्वीकृति मिल गई है. अब जल्द ही इस पर काम शुरू किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट पर करीब 50 करोड़ रुपए का खर्च आएगा.
(रवीश पाल सिंह की रिपोर्ट)