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Project Cheetah: अफ्रीका से भारत आते समय चीतों को रखा जाएगा भूखा...20 घंटे की होगी हवाई यात्रा

पीएम मोदी के जन्मदिन के मौके पर आठ चीतों को अफ्रीका से भारत लाया जाएगा. चीतों को अपनी पूरी हवाई यात्रा खाली पेट बितानी होगी. अपने जन्मदिन के मौके पर पीएम आठ में से तीन चीतों को पार्क के क्वारेंटाइन बाड़ों में छोड़ देंगे.

Cheetah Project (Representative Image/Unsplash) Cheetah Project (Representative Image/Unsplash)
हाइलाइट्स
  • पीएम मोदी ने चलाया प्रोग्राम

  • 20 घंटे की होगी हवाई यात्रा

इस साल 17 सितंबर को नामीबिया से मध्य प्रदेश के कुनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान (Kuno Palpur National Park) में चीतों के स्वागत की तैयारियां जोरों पर है. वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, चीतों को अपनी पूरी हवाई यात्रा खाली पेट बितानी होगी. आठ चीतों को 17 सितंबर को अफ्रीका के नामीबिया (Namibia)से एक इंटर कॉन्टिनेंटल प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में एक मालवाहक विमान से राजस्थान के जयपुर लाया जाएगा. इसके बाद उन्हें उसी दिन श्योपुर जिले के कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान (केपीएनपी) में भेजा जाएगा.

अधिकारी ने कहा कि नामीबिया से उड़ान भरने के बाद चीतों को केपीएनपी में भोजन दिया जाएगा, जहां वे राष्ट्रीय उद्यान से लगभग 400 किमी दूर जयपुर से हेलीकॉप्टर में एक घंटे की यात्रा के बाद पहुंचेंगे.

चीतों को क्यों रखा जाएगा भूखा?
एमपी के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) जेएस चौहान ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि एहतियात के तौर पर यह अनिवार्य होता है कि यात्रा करते समय जानवर खाली पेट यात्रा करे. उन्होंने कहा कि नामीबिया से जयपुर और फिर राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा के दौरान चीतों को कोई भोजन नहीं दिया जाएगा. चौहान ने कहा कि इस तरह की सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि लंबी यात्रा के दौरान जानवरों को मतली (vomiting) आदि दिक्कतें हो सकती हैं जिसकी वजह से ये फैसला लिया गया.

बता दें कि नामीबिया की राजधानी विंडहोक से नई दिल्ली तक की हवाई यात्रा में चार घंटे के स्टॉप के साथ 16 घंटे 40 मिनट लगते हैं. चौहान ने कहा कि चीतों को मालवाहक विमान से हेलीकॉप्टर में शिफ्ट करने और अन्य औपचारिकताएं पूरी करने के बाद एक घंटे की यात्रा के बाद पशु कुनो-पालपुर के हेलीपैड पर पहुंचेंगे.

पीएम मोदी ने चलाया प्रोग्राम
एमपी के वन अधिकारी ने कहा कि आने के बाद चीतों को पहले एक महीने के लिए छोटे बाड़ों में रखा जाएगा और फिर कुछ महीनों के लिए बड़े बाड़ों में ट्रांसफर किया जाएगा ताकि उन्हें आसपास के वातावरण से परिचित कराया जा सके. इसके बाद उन्हें जंगल में छोड़ दिया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत में जानवर के विलुप्त होने के सात दशक बाद, चीता पुनरुत्पादन कार्यक्रम (cheetah reintroduction programme)के हिस्से के रूप में 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर, इनमें से तीन चीतों को पार्क के क्वारेंटाइन बाड़ों में छोड़ देंगे.