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Chenab Railway Bridge: दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेलवे पुल की ओवरआर्च का काम पूरा, इसके आगे Eiffel Tower भी बौना

Chenab Railway Bridge: दुनिया का सबसे ऊंचा चिनाब रेलवे पुल भारत में बनाया जा रहा है. इसका काम जल्द ही पूरा होने वाला है. शनिवार को इसका ओवरआर्च का काम भी पूरा हो गया है. बता दें, ये पुल 324 मीटर ऊंचे एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊंचा है.

Chenab Bridge Chenab Bridge
हाइलाइट्स
  • एफिल टॉवर से भी है ऊंचा 

  • उधमपुर-कटरा-कांजीगुंड को जम्मू से जोड़ेगा पुल

जम्मू-कश्मीर में बन रहे दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेलवे पुल की ओवरआर्च का काम पूरा हो गया है.  शनिवार को पुल का गोल्डन जॉइंट यानि कि आखिरी जोड़ लगाया गया है. इसके बाद पुल बनाने का 98% काम पूरा हो गया है. इस मौके पर वर्कर्स ने तिरंगा भी फहराया और आतिशबाजी भी की. बताते चलें कि ब्रिज का निर्माण कोंकण रेलवे उधमपुर-श्रीनगर बारामूला रेल लिंक परियोजना के तहत हुआ है.  इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 28,000 करोड़ रुपए है.

एफिल टॉवर से भी है ऊंचा 

दुनिया का सबसे ऊंचा चिनाब रेलवे पुल 1.3 किलोमीटर लम्बा है जिसकी नदी तल से ऊंचाई 359 मीटर है. यह 324 मीटर ऊंचे एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊंचा है. शनिवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी ट्विटर हैंडल पर इस ब्रिज की तस्वीर शेयर की हैं. बता दें, जल्द ही रेल यातायात के लिए चिनाब ब्रिज को खोला जा सकता है. इस पुल को बनाने में 27 हजार 949 करोड़ रुपये हुए खर्च हुए हैं. 

उधमपुर-कटरा-कांजीगुंड को जम्मू से जोड़ेगा पुल

दरअसल, ये पुल उधमपुर-कटरा-कांजीगुंड को जम्मू से जोड़ेगा. जिसकी बदौलत अब साढ़े 6 घंटे में ये सफर पूरा हो जाएगा. इससे पहले इसी सफर में दोगुना समय लगता था. 

हिंदुस्तान टाइम्स के हवाले से कोंकण रेलवे के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी सुरेंद्र माही ने कहा, “यह हम सभी के लिए एक बहुत बड़ा प्रोजेक्ट था. यहां तक ​​पहुंचने के लिए हमें पुलों और सुरंगों के साथ 26 किमी लंबी सड़कों का निर्माण करना था. इसे बनाने में इंजीनियरों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन आखिरकार उन्होंने भारत के लोगों को इंजीनियरिंग का चमत्कार तोहफा दे ही दिया.”

जल्द होगा बनकर तैयार 

सुरेंद्र माही आगे कहते हैं, “रेल की पटरियों सहित पुल के 90 दिनों में लंबित कार्य पूरे हो जाएंगे और अगले दो वर्षों तक, यानी दिसंबर 2024 तक, ट्रेन इस पुल के ऊपर से श्रीनगर के रास्ते से गुजरेगी.  इस पुल से श्रीनगर की ओर जाने वाली रेल पटरियों पर काम पहले से ही चल रहा है. इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए, हमने IIT-रुड़की, IIT-दिल्ली, भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर, DRDO, राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग एजेंसी, GSI और अन्य एजेंसियों से तकनीकी विशेषज्ञता मांगी थी. यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च है. ये पुल एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है.”