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Tejas Tiwari chess player: उत्तराखंड के तेजस तिवारी ने बनाया कीर्तिमान, मिला दुनिया का सबसे कम उम्र का शतरंज खिलाड़ी बनने का खिताब

Tejas Tiwari FIDE-rated player: उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर के रहने वाले तेजस ने बड़ा मुकाम हासिल किया है. तेजस ने दुनिया के सबसे युवा FIDE रेटेड प्लेयर का खिताब अपने नाम कर लिया है. तेजस ने साथ ही दर्जनों उपलब्धियां भी अपने नाम दर्ज करा ली हैं. तेजस को कई जगह सम्मानित किया गया है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी तेजस को सम्मानित किया है.

Chess player Tejas Tiwari Chess player Tejas Tiwari

हल्द्वानी के रहने वाले तेजस तिवारी ने अपने जिले के साथ-साथ राज्य का नाम भी रोशन किया है. तेजस को कई जगह सम्मानित किया गया है और उन्होंने कई प्रदेशों में जीत दर्ज की. तेजस की उम्र इस वक्त महज साढ़े पांच साल है. तेजस ने इस छोटी सी उम्र में शतरंज की दुनिया में अपना परचम लहराया है और वह विश्व के सबसे कम उम्र के FIDE रेटेड खिलाड़ी बन गए हैं. तेजस की इस कामयाबी पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उन्हें सम्मानित कर चुके हैं.

तेजस बने सबसे कम उम्र के FIDE रेटेड शतरंज खिलाड़ी

हल्द्वानी के युवा शतरंज खिलाड़ी तेजस के नाम एक बड़ा कीर्तिमान जुड़ गया है. हल्द्वानी निवासी साढ़े पांच के तेजस तिवारी विश्व के सबसे कम उम्र के FIDE रेटेड शतरंज खिलाड़ी बन गए हैं. इसकी घोषणा अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (FIDE) ने की है. तेजस ने इससे पहले कई प्रतियोगिताओं में कमाल का प्रदर्शन किया है.

अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (फिडे) की सूची में तेजस को 1149वीं रेटिंग प्राप्त हुई है. इस सूची के सामने आने के बाद तेजस के परिवार को बधाईयां मिल रही हैं. हल्द्वानी के सुभाष नगर क्षेत्र के रहने वाले तेजस तिवारी के पिता शरद तिवारी एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं. शरद तिवारी भी शतरंज के खिलाड़ी रह चुके हैं और कुमाऊं विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. तेजस की मां इंदु तिवारी गृहणी हैं.

दुनिया के सबसे छोटे शतरंज खिलाड़ी हैं तेजस

शरद तिवारी ने गुड न्यूज टुडे को बताया, अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ की ओर से मिले ईमेल के माध्यम से पता चला कि तेजस दुनिया के सबसे छोटे शतरंज खिलाड़ी हैं. हाल में रुद्रपुर में हुई शतरंज प्रतियोगिता में तेजस ने चार ड्रा और दो जीत के साथ फिडे रेटिंग हासिल की है. छोटे से करियर में वो पांच राष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिताओं में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. तेजस के हुनर ने एक बार फिर साबित कर दिया कि प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती है.

तेजस

पिता से सीखा शतरंज खेलना

तेजस ने बताया कि यह गेम पूरी तरह से उन्होंने अपने पिताजी के साथ ही सीखा. तेजस के पिताजी का कहना है कि कोरोना काल में लॉकडाउन के समय जब वह शतरंज खेल रहे थे तो तेजस लगभग तीन साल का था. उसी समय से तेजस का मन शतरंज के खेल में लगा और धीरे-धीरे कर उसने कई प्रतियोगिताओं में जीत दर्ज करते हुए कई मेडल और पुरस्कार अपने नाम किए.

तेजस महज चार साल की उम्र से ही जिला और राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने लगे. कुछ ही समय बाद तेजस से राज्य से बाहर निकलकर नेशनल खेलना शुरू कर दिया. तेजस ने जब अपना पहला FIDE रेटेड रैपिड टूर्नामेंट खेला था, उस वक्त वो महज चार साल तीन महीने के थे. उस वक्त से तेजस  देश के 13 राज्यों में FIDE रेटेड तमाम टूर्नामेंट में हिस्सा ले चुके हैं.

साल 2022 में तेजस ने अपने स्टेट टूर्नामेंट में अंडर-8 कैटेगरी में पहला स्थान हासिल किया था. उसी साल तेजस ने भुवनेश्वर में नेशनल स्कूल चैम्पियनशिप में अंडर-5 कैटेगरी में जीत दर्ज की. 22 से 27 मई 2023 के बीच संपन्न हुए पहले स्व. धीरज सिंह रघुवंशी ओपन FIDE रेटेड चेस टूर्नामेंट में तेजस ने पहली बार 1149वीं FIDE रेटिंग हासिल की. केजी में पढ़ रहे तेजस हर रोज 2 से 3 घंटे शतरंज की प्रैक्टिस करते हैं. ग्रैंडमास्टर बनने का ख्वाब देखने वाले तेजस का सपना है कि वो एक दिन वर्ल्ड चैम्पियन बनेंगे.