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Chhatrapati Shivaji Maharaj birth Anniversary: देश के महान शासकों में से एक थे छत्रपति शिवाजी महाराज, मन में जोश भर देंगे उनके ये विचार

Chhatrapati Shivaji Maharaj: छत्रपति शिवाजी महाराज की आज 393वीं जयंती है. महाराज शिवाजी को न सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश में सम्मानित किया जाता है.

Chhatrapati Shivaji Maharaj Chhatrapati Shivaji Maharaj
हाइलाइट्स
  • पहली बार छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती 1870 में मनाई गई थी

  • आज छत्रपति शिवाजी महाराज की 393वीं जयंती है

मराठा साम्राज्य की स्थापना करने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज के शौर्य की गूंज प्रदेश के सभी किलों और गलियों में गूंजती है. शिवाजी महाराज न सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश में सबसे प्रसिद्ध और सम्मानित शख्सियतों में से एक हैं. हर साल मराठा शासक की जयंती धूमधाम से मनाई जाती है।

हर साल शिवाजी जयंती 19 फरवरी को मनाई जाती है और इस योद्धा को श्रद्धांजलि देने के लिए बड़े उत्सव होते हैं. आज छत्रपति शिवाजी महाराज की 393वीं जयंती है. 

शिवाजी जयंती: इतिहास, महत्व, तथ्य
ज्योतिराव फुले, प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता में से एक थे, जिन्होंने सबसे पहले शिवाजी जयंती मनाना शुरू किया था. रायगढ़ किले में उनकी समाधि की खोज के बाद पहली बार छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती 1870 में मनाई गई थी.

शिवाजी एक धर्मनिरपेक्ष राजा थे जो स्वयं एक कट्टर हिंदू थे लेकिन समान रूप से अन्य धर्मों को स्वीकार करते थे. कहा जाता है, यह महान मराठा राजा शिवाजी थे जिन्होंने सबसे पहले नौसेना बल के महत्व को पहचाना और उन्हें भारतीय नौसेना के जनक के रूप में जाना जाता है. समुद्र तट और अपने किलों की रक्षा के लिए शिवाजी ने एक नौसैनिक बल की स्थापना की.

महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा
छत्रपति शिवाजी भी उन राजाओं में से एक थे जिन्होंने महिलाओं का हमेशा समर्थन किया और उन्हें सम्मानित किया. किसी भी महिला का अपमान या उत्पीड़न करने वाले को दंडित किया जाता था. 

सेना में अपनी बुद्धिमत्ता के लिए जाने जाने वाले शिवाजी ने गुरिल्ला युद्ध की रणनीति बनाई और कई युद्ध जीते. इसलिए, उन्हें 'माउंटेन रैट' उपनाम भी दिया गया था. सिद्धूगढ़, जयगढ़ किले महान मराठा राजा की शक्ति, कौशल और विरासत की गवाही के रूप में खड़े हैं.

छत्रपति शिवाजी महाराज के विचार 

छत्रपति शिवाजी महाराज के विचार लोगों को आशा देते थे और किसी के भी मन में जोश भर देते हैं. 

  • भले ही सबके हाथ में तलवार हो, लेकिन इच्छाशक्ति ही सरकार बनाती है.
  • एक साहसी और वीर व्यक्ति भी विद्वान और बुद्धिमान के सम्मान में झुकता है. क्योंकि साहस भी ज्ञान और विवेक से आता है.
  • एक छोटे मील के पत्थर तक पहु.चने के लिए उठाया गया एक छोटा कदम, बाद में आपको बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करता है.
  • हमें उस स्थान का इतिहास जहां हम रहते हैं और अपने पूर्वजों के इतिहास को जानना चाहिए.
  • प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए, क्योंकि युद्ध के समय जो वस्तु बल से प्राप्त नहीं होती, विद्या और युक्ति से प्राप्त की जा सकती है और ज्ञान शिक्षा से प्राप्त होता है.