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City Bank: महिला कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर, मैटरनिटी लीव के बाद 1 साल का WFH दे रहा ये बैंक

सिटी बैंक ऑफ इंडिया ने महिला कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम (WFH) की नई सुविधा शुरू की है. इस सुविधा के तहत बैंक की महिला कर्मचारी 26 सप्ताह की मैटेरनिटी लीव के बाद 12 महीने तक के लिए वर्क फ्रॉम होम (WFH) का लाभ ले सकती हैं.

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सिटीबैंक ने महिला कर्मचारियों के लिए एक नई नीति पेश की है. इसके तहत उन्हें 26 सप्ताह की मेटरनिटी लीव के बाद 12 महीने यानी 1 साल तक घर से काम करने का विकल्प मिलेगा. इसके अतिरिक्त, वे अपनी गर्भावस्था के अंतिम तिमाही में आवश्यकता के आधार पर तीन महीने का वर्क फ्रॉम होम भी मांग सकती हैं. यह पॉलिसी इंडस्ट्री में इस तरह की पहली ऐसी पहलों में से एक है, जो संभावित रूप से गर्भवती और नई माताओं के लिए WFH अवधि को 21 महीने तक बढ़ाती है.

क्या है इसका उद्देश्य
इस नीति का उद्देश्य महिलाओं को अपने परिवार और करियर की जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाने में अधिक लचीलापन प्रदान करना है. सिटी इंडिया और दक्षिण एशिया के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी, आदित्य मित्तल के अनुसार, इस कदम से महिला प्रतिभा को बनाए रखने और महत्वपूर्ण चरण के दौरान उनकी कैरियर आकांक्षाओं का समर्थन करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा, "कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी पर शोध से पता चलता है कि वे अक्सर इस फेज के दौरान लंबे समय तक ब्रेक लेती हैं, जो उनके करियर और संगठनों के भीतर सीनियर रोल में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को प्रभावित करता है."

मित्तल ने बताया कि भारत पहला ऐसा मार्केट है, जहां पर सिटी ग्रुप की तरफ से एक्सटेंडेड वर्क फ्रॉम होम (WFH) पॉलिसी को लागू किया जा रहा है. यह फैसला ऐसे समय में आया है जब बैंक ने हाल ही में भारत में अपने उपभोक्ता बैंकिंग व्यवसाय को छोड़ दिया है. बैंक की तरफ से आने वाले दो सालों में 5,000 लोगों को नियुक्त करने की योजना बनार्इ जा रही है.

परफॉर्मेंस मापने के लिए एक मंच भी
संयोग से, ICICI बैंक ने अपने पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर के तहत iWork@home लॉन्च किया था. ये एक ऐसी पहल है जिसने महिलाओं को आवश्यकताओं के आधार पर एक वर्ष के लिए WFH की अनुमति दी थी. बैंक ने प्रदर्शन को मापने के लिए एक इन-हाउस टेक्नोलॉजी मंच भी बनाया था. भारत में सिटी बैंक में 30,000 से अधिक कर्मचारी हैं, जिनमें से 38% महिलाएं हैं. बैंक के अनुसार, नई नीति महिलाओं के लिए करियर की निरंतरता सुनिश्चित करने में मदद करेगी और मध्य-वरिष्ठ और वरिष्ठ पदों पर महिलाओं के पहले से ही मजबूत प्रतिनिधित्व को और बढ़ाएगी, जो कि 30% है.