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First female IAS Officer of India: ये थीं भारत की पहली महिला आईएएस अफसर, हर कदम पर चुनौतियां झेलकर महिलाओं के लिए बनाई राह

क्या आप जानते हैं भारत की पहली महिला आईएएस अफसर के नियुक्ति पत्र पर लिखा गया था कि शादी की स्थिति में उनकी सर्विसेज खत्म कर दी जाएंगी? हालांकि, बाद में यह नियम बदल दिया गया.

India's first female IAS officer India's first female IAS officer
हाइलाइट्स
  • देश को पहली महिला आईएएस अफसर साल 1951 में मिली

  • देश की पहली महिला आईएएस अफसर थीं अन्ना राजम मल्होत्रा

आज हमारे देश में महिलाएं शिक्षा, स्वास्थ्य से लेकर डिफेंस और प्रशासनिक सेवाओं में भी अपनी पहचान बना रही हैं. लेकिन एक समय था जब कुछ क्षेत्रों में महिलाओं की पहचान तो दूर मौजूदगी ही नहीं थी. खासकर कि देश की सुरक्षा और प्रशासनिक क्षेत्रों में. आजादी से पहले तक कोई भी महिला प्रशासनिक सेवाओं का हिस्सा नहीं थीं. 

जी हां, हमारे देश को पहली महिला आईएएस अफसर साल 1951 में मिली. और उस एक महिला ने दूसरी सभी लड़कियों के लिए प्रशासनिक सेवाओं के दरवाजे हमेशा के लिए खोल दिया. देश की पहली महिला आईएएस अफसर थीं अन्ना राजम मल्होत्रा.  

आसान नहीं थी राह 
जुलाई 1927 में केरल के एर्नाकुलम जिले में 'अन्ना राजम जॉर्ज' के रूप में जन्मी अन्ना मल्होत्रा ​​ने तत्कालीन मुख्यमंत्री सी. राजगोपालाचारी के अधीन मद्रास राज्य में और केंद्र में 1951-2018 तक आईएएस अधिकारी के रूप में सेवा की. अपने लंबे और सफल करियर के दौरान, उन्होंने कई परियोजनाएं शुरू कीं और 1982 के एशियाई खेलों के दौरान राजीव गांधी के साथ काम किया.

उनकी यात्रा केरल में कैलीकट में शुरू हुई जहां उन्होंने प्रोविडेंस कॉलेज में अपनी इंटरमीडिएट की शिक्षा पूरी की. मालाबार क्रिश्चियन कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद वह मद्रास चली गईं और मद्रास विश्वविद्यालय से साहित्य में मास्टर डिग्री हासिल की. 1951 में अपनी सिविल सेवा परीक्षा पास करने के बाद, उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया गया.  

उनका इंटरव्यू ही वह पहली सीढ़ी था जहां से उन्होंने पुरुष-प्रधान क्षेत्र में मुश्किलों का सामना करना शुरू कर दिया था. बताया जाता है कि इंटरव्यू बोर्ड ने उन्हें विदेशी या केंद्रीय सर्विसेज को चुनने की सलाह दी, क्योंकि उन्हें तब महिलाओं के लिए 'अधिक उपयुक्त' माना जाता था. लेकिन अन्ना की दृढ़ता ने उन्हें मद्रास कैडर के तहत सिविल सर्विसेज में शामिल होने के लिए प्रेरित किया. 

शादी की तो छोड़नी पड़ेगी नौकरी
इंटरव्यू के बाद सबसे बड़ी बात यह हुई कि उनके नियुक्ति पत्र में लिखा गया था, "विवाह की स्थिति में आपकी सर्विस समाप्त कर दी जाएगी." इसका मतलब था कि अगर अन्ना ने शादी की तो उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा. हालांकि बाद में इस नियम को बदल दिया गया. सबसे पहले, उनके बॉस, सी. राजगोपालाचारी का विचार था कि महिलाओं के लिए सिविल सर्विसेज में शामिल होना उपयुक्त नहीं है और वे अन्ना को जिला उप-कलेक्टर के रूप में नियुक्त करने के इच्छुक नहीं थे.

इस तरह की चुनौती का सामना करते हुए, अन्ना मल्होत्रा ​​ने फिर से अपने कौशल को साबित कर दिया क्योंकि उन्होंने घुड़सवारी, राइफल और रिवाल्वर की शूटिंग और न्यायिक शक्तियों का उपयोग करने का प्रशिक्षण लिया था. और फिर कोई भी चुनौती उन्हें होसुर जिले में नियुक्त पहली महिला जिला उप-कलेक्टर बनने से न रोक सकी. अपनी सेवा के वर्षों में, अन्ना को यह भी पता चला कि राजाजी (सी. राजगोपालाचारी) ने तिरुचिरापल्ली में आयोजित एक बैठक में लोगों को उनका उदाहरण बतौर प्रोग्रेसिव महिला दिया जिससे सबको सीख लेनी चाहिए. 

पद्म भूषण से हुईं सम्मानित (Photo: Twitter)

लोगों के बीच मशूहर थीं अन्ना
अन्ना मल्होत्रा ​​को जानने वाले लोग आज भी मेहनती और समझदार अफसर के रूप में याद करते हैं. प्रशासनिक समस्याओं को हल करने के लिए वह अपने मानवीय दृष्टिकोण का इस्तेमाल करती थीं. उदाहरण के लिए, जब 6 हाथी होसुर जिले के एक गांव में घुसे, तो उन्हें गोली मारने के बजाय, उन्होंने अपने सामान्य कौशल का इस्तेमाल किया, जिससे टीम को हाथियों को वापस जंगलों में ले जाने में मदद मीली. 

अन्ना मल्होत्रा ​​ने मुंबई के पास जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (JNPT) की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, और बाद में वाशिंगटन में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में भारत के कार्यकारी निदेशक भी बनीं. तत्कालीन संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के भर्ती अधिकारी ने उनके प्रयासों की सराहना की और दावा किया कि उनके प्रदर्शन ने और भी महिला उम्मीदवारों की भर्ती के लिए प्रेरित किया. 

भावुक, ईमानदार और जिद्दी अन्ना मल्होत्रा ​​को उनकी सर्विस के लिए 1989 में पद्म भूषण दिलाया. सितंबर 2019 में, अन्ना मल्होत्रा ​​​​का 91 वर्ष की आयु में उनके मुंबई स्थित घर में निधन हो गया था. लेकिन आज भी वह देश की हर बेटी के लिए प्रेरणा हैं.