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Mitti Cafe: CJI चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में किया मिट्टी कैफे का उद्घाटन, दिव्यांगजन करेंगे संचालन, जानें खासियत

Supreme Court के परिसर में मिट्टी कैफे के उद्घाटन समारोह के दौरान सीजेआई ने सभी से कैफे में आने और इस पहल का समर्थन करने का अनुरोध किया. इस कैफे के प्रबंधक दृष्टिबाधित हैं, उन्हें सेलेब्रल पाल्सी है.

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में मिट्टी कैफे का उद्घाटन किया चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में मिट्टी कैफे का उद्घाटन किया
हाइलाइट्स
  • मिट्टी कैफे के सभी कर्मचारी और प्रबंधक हैं दिव्यांग 

  • अटॉर्नी जनरल ने कहा- यह करुणा का प्रतीक है

भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में एक खास कैफे का उद्घाटन किया. CJI ने मिट्टी कैफे के आउटलेट का उद्घाटन किया. इस कैफे की खासियत यह है कि इसका संचालन और पूरा प्रबंधन दिव्यांगजन करेंगे. इस अवसर पर एक छोटे सांस्कृतिक समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें दिव्यांगों ने प्रस्तुति दी.  कार्यक्रम के दौरान सुप्रीम कोर्ट के अन्य जज भी मौजूद रहे. इस कैफे का संचालन एक एनजीओ की ओर से किया जा रहा है, जो देशभर में दिव्यांग लोगों के कल्याण के लिए काम करती है.

संचालन से प्रबंधन तक का जिम्मा उठाएंगे दिव्यांगजन
सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई ने कामकाजी दिन की शुरुआत से पहले अदालत परिसर में कैफे के उद्घाटन की घोषणा की और बार के सदस्यों से इस पहल को समर्थन देने की अपील की. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि मिट्टी कैफे का प्रबंधन करने वाले सभी लोग दिव्यांग हैं. उन्होंने अन्य न्यायाधीशों की मौजूदगी में कैफे का उद्घाटन किया. उन्होंने बताया कि मिट्टी कैफे ने देश के विभिन्न हिस्सों में कैफे खोले हैं. वहीं, अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा कि यह करुणा का प्रतीक है. इस दौरान मिट्टी कैफे की संस्थापक अलीना आलम भी मौजूद रहीं. शीर्ष अदालत के परिसर में पहले से ही कई भोजनालय और कैफेटेरिया हैं, जो अदालत में रोजाना आने वाले वकीलों और वादियों की जरूरतों को पूरा करते हैं.

कोविड के दौरान 60 लाख लोगों को खाना उपलब्ध कराया था
यह कैफे बेंगलुरु के एक एनजीओ मिट्टी सोशल फाउंडेशन की पहल का हिस्सा है. एनजीओ दिव्यांग लोगों को प्रशिक्षित करता है. इससे पहले बेंगलुरु में यह एनजीओ ऐसा ही कैफे खोल चुका है. इस मिट्टी कैफे ने कोविड के दौरान 60 लाख लोगों को खाना उपलब्ध कराया था.

क्या है मिट्टी कैफे
सोशल इनिशिएटिव फाउंडेशन की एक सामाजिक पहल मिट्टी कैफे 35 से अधिक कैफे संचालित करती है, जो विशेष जरूरतों वाले सैकड़ों वयस्कों को रोजगार प्रदान करती है. इसके कुछ आउटलेट बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, मुंबई, विप्रो, एक्सेंचर और एएनजेड बैंक में स्थित है. फाउंडेशन विशेष जरूरतों वाले लोगों के लिए रोजगार और आजीविका, आर्थिक स्वतंत्रता और सम्मान की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है.

मिट्टी सोशल इनिशिएटिव फाउंडेशन एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो विशेष जरूरतों वाले लोगों के लिए रोजगार और आजीविका के लिए समर्पित है. वे शारीरिक, बौद्धिक और मानसिक दिव्यांगता वाले वयस्कों के साथ-साथ अन्य कमजोर समुदायों के व्यक्तियों के लिए आर्थिक स्वतंत्रता और सम्मान की दिशा में काम करता है.  

500 दिव्यांग कैफे से हैं सीधे जुड़े 
मिट्टी कैफे की निदेशक ने बताया, मिट्टी कैफे से विशेष जरूरतों वाले लोगों के लिए रोजगार बढ़ेगा. करीब 500 दिव्यांग कैफे से सीधे जुड़े हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट में मिट्टी कैफे खोलने में मदद करने वालीं वकील प्रिया हिंगोरानी ने कैफे खोलने के लिए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा किया. बता दें, एनजीओ ने साल 2017 में काम करना शुरू किया था. तबसे लेकर अबतक पूरे भारत में 41 ऐसे कैफे खोल चुका है और दिव्यांग लोगों के लिए काम करने के अवसर खोल दिए. एनजीओ का संचालन एक महिला नेतृत्व टीम की ओर किया जाता है.