
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में डबल इंजन सरकार के साथ काम करने का अवसर कई जन्मों का पुण्य है. यह बात मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में इंडिया टुडे मैगजीन का प्रोग्राम 'इंडिया टुडे स्टेट ऑफ द स्टेट्स-मध्य प्रदेश फर्स्ट' में सूबे के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कही. इस दौरान मुख्यमंत्री ने अपने 500 दिनों के कार्यकाल और राज्य के विकास पर विस्तार से चर्चा की.
उन्होंने राज्य में किए गए विभिन्न विकास कार्यों और योजनाओं के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी बढ़े और हर युवा को रोजगार मिले. इस पर वे कार्य कर रहे हैं. उन्होंने पर्यटन विकास के लिए सब्सिडी, गौशालाओं के लिए अनुदान, नदी जोड़ो परियोजनाओं जैसे केन-बेतवा और पार्वती-काली सिंध-चंबल और सम्राट विक्रमादित्य महोत्सव पर भी जानकारी दी.
जहां भी रहूं, अच्छा काम करूं
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारे लिए मूलमंत्र ये है कि जो काम मिल जाए, उसे अच्छे से अच्छे तरीके से करना है. सीएम बनने से पहले मैं मंत्री रहा. इसके अलावा भी कई पदों पर रहा. मेरा मकसद है कि जहां भी रहूं, अच्छा काम करूं. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने 500 दिनों के कार्यकाल को लेकर कहा, हम तो अपने काम से जाने जाने वालों में से हैं, समय तो रोज एक 1 दिन करके बढ़ेगा लेकिन परमात्मा की कृपा से मैं महाकाल की नगरी से आता हूं और महाकाल काल के देवता हैं. काल मतलब समय तो समय तो हमारा शुरू होता है जन्म से जब तक शरीर छूटेगा. उन्होंने अपने कार्यकाल को परमात्मा की कृपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का परिणाम बताया.
निवेश आकर्षित करने के प्रयास
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जापान और ब्रिटेन की यात्राओं का उल्लेख करते हुए कहा, हमारा व्यापार निवेश भी बढ़े और हमारे यहां स्किल डेवलपमेंट के आधार पर यहां के लोगों को भी रोजगार मिले, दोनों तरफ से देखना है क्योंकि आपने देखा कि जर्मनी हो या जापान, वहां धीरे-धीरे मैनपॉवर की कमी है और स्किल की तो बहुत ज्यादा ही कमी है. उन्होंने बताया कि इन यात्राओं का उद्देश्य राज्य में निवेश आकर्षित करना और रोजगार के अवसर बढ़ाना था.
डेयरी और कृषि क्षेत्र में विकास
मुख्यमंत्री ने डेयरी और कृषि क्षेत्र में विकास के लिए नई योजनाओं की घोषणा की. उन्होंने कहा, हम इसको 20% तक ले जाना चाहते हैं. राज्य की भौगोलिक स्थिति देखेंगे तो हमारे यहां कई हिस्सों में खेती के लिए अनुकूल जमीन है, लेकिन कुछ हिस्से में खेती नहीं हो सकती. वहां पशुपालन तो हो ही सकता है. उन्होंने बताया कि राज्य में डेयरी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नेशनल डेवलपमेंट बोर्ड के माध्यम से गुजरात के अमूल मॉडल को अपनाया जा रहा है.
शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में किए गए कार्यों पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा, हमने इसमें ये भी किया है कि जो इंडस्ट्री लगाने वाले हैं, वो भी अगर स्किल डेवलपमेंट का सेंटर चलाएंगे तो हम उनको भी सब्सिडी देंगे. हम आईटीआई की संख्या भी बढ़ा रहे हैं. पॉलिटेक्निक कॉलेजों की संख्या बढ़ा रहे हैं, स्किल यूनिवर्सिटी हम ला रहे हैं. उन्होंने बताया कि राज्य में आईटी और अन्य सेक्टर में स्कोप बढ़ाने के लिए यह कदम उठाए जा रहे हैं.
पर्यटन विकास
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पर्यटन विकास के लिए भी कई योजनाओं की घोषणा की. उन्होंने कहा, हम टूरिज्म के लिए आपको होटल की जगह देना चाहेंगे. आप जहां चाहो अच्छे से बनाओ, 30% कि सब्सिडी देंगे. उन्होंने बताया कि राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होम स्टे, हेलिकॉप्टर सर्विस और अन्य सुविधाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है.
युवाओं को बेरोजगार नहीं, आकांक्षी कहना चाहिए
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि युवाओं को बेरोजगार नहीं, आकांक्षी कहना चाहिए. उन्होंने मध्य प्रदेश की औद्योगिक विकास दर 12% और बजट 4.21 लाख करोड़ होने का उल्लेख किया. सीएम डॉ. मोहन यादव ने युवावस्था में डिप्टी कलेक्टर का प्रस्ताव ठुकराने की बात साझा की. उन्होंने कहा कि मैंने बीएससी-एलएलबी किया था. मैं एमपीपीएससी के चेयरमैन जगन्नाथ सिंह यादव जी के घर सतना में बैठा था. ऐसे ही खाना खाते बात करते-करते जगन्नाथ सिंह यादव जी ने पूछा कि बेटा आपने क्या किया है तो मैंने कहा मैंने बीएससी एलएल बी किया है.
इस पर उन्होंने कहा कि तो पहले तुम एमपीपीएससी दे दो तो मैं तुमको डिप्टी कलेक्टर बना दूंगा? तुम्हें क्या दिक्कत है? डॉ. मोहन यादव ने बताया कि उस समय मैरी उम्र 24 साल थी. मैंने एमपीपीएससी के चेयरमैन साहब से कहा कि माफ करना आप मेरे को डिप्टी कलेक्टर बनाओगे, अच्छी बात है, लेकिन मैं नौकरी करने के लिए पैदा नहीं हुआ. आईएएस मेरे हाथ के नीचे काम करेंगे, मैं यह सपना देखता हूं. सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सपना जब भी देखो, बड़ा देखो, भगवान उसको जरूर पूरा करेंगे.