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घाटी में सुधरते हालात! अनुच्छेद-370 हटने के बाद से अभी तक 1700 कश्मीरी पंडितों को नौकरी, आतंकवाद पर भी मार

सरकार ने पिछले साल अगस्त में कहा था कि जम्मू और कश्मीर में नौ संपत्तियां कश्मीरी हिंदुओं को वापस दे दी गई हैं, जो 1990 के दशक की शुरुआत में आतंकवादी हिंसा के कारण घाटी से भाग गए थे. उस समय कहा गया था कि सरकार 1990 और 1992 के बीच इस क्षेत्र को छोड़ने वाले कश्मीरी हिंदू परिवारों की कई पुश्तैनी संपत्तियों को बहाल करने के लिए कदम उठा रही है.

घाटी में सुधरते हालात घाटी में सुधरते हालात
हाइलाइट्स
  • पुश्तैनी संपत्तियों को बहाल करने के लिए कदम

  • सरकारी विभागों में 1,697 कश्मीरी पंडितों की नियुक्ति की गई है

5 अगस्त, 2019 को, केंद्र ने प्रभावी रूप से जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया था. जिसके बाद से ही घाटी के हालातों को ठीक करने के लिए कई योजनाएं और कदम उठाए जा रहे हैं. इनकी वजह से लगातार  जम्मू-कश्मीर में हालात  ठीक होते जा रहे हैं. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि तबसे लेकर अभी तक वहां अलग-अलग सरकारी विभागों में कश्मीरी पंडितों की नियुक्ति की गई है. इस बात की जानकारी गृह मंत्रालय ने दी है.

बुधवार को संसद में गृह मंत्रालय ने बताया कि जम्मू और कश्मीर प्रशासन द्वारा 5 अगस्त, 2019 से विभिन्न सरकारी विभागों में 1,697 कश्मीरी पंडितों की नियुक्ति की गई है.

घाटी में सुधर रहे हैं हालात 

राज्यसभा में सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 44,684 कश्मीरी प्रवासी परिवारों को ऑफिस ऑफ रिलीफ एंड रिहैबिलेशन (प्रवासी) में रजिस्टर किया गया था. जिसमें 1,54,712 व्यक्ति शामिल हैं.

उन्होंने कहा, "कश्मीरी प्रवासी परिवारों के पुनर्वास के लिए, जम्मू-कश्मीर सरकार ने 5 अगस्त, 2019 से 1,697 ऐसे व्यक्तियों को नियुक्त किया है और इस संबंध में अतिरिक्त 1,140 व्यक्तियों का चयन हुआ है."

पुश्तैनी संपत्तियों को बहाल करने के लिए कदम 

गौरतलब है कि सरकार ने पिछले साल अगस्त में कहा था कि जम्मू और कश्मीर में नौ संपत्तियां कश्मीरी हिंदुओं को वापस दे दी गई हैं जो 1990 के दशक की शुरुआत में आतंकवादी हिंसा के कारण घाटी से भाग गए थे. उस समय कहा गया था कि सरकार 1990 और 1992 के बीच इस क्षेत्र को छोड़ने वाले कश्मीरी हिंदू परिवारों की कई पुश्तैनी संपत्तियों को बहाल करने के लिए कदम उठा रही है.

परिसीमन शुरू, जल्द ही होंगे चुनाव 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में पिछले महीने कहा था कि जैसे ही स्थिति सामान्य होगी, (जम्मू-कश्मीर) को केंद्र सरकार की स्थिति बताते हुए राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा, “परिसीमन शुरू हो गया है और जल्द ही चुनाव होंगे. मैंने लोकसभा में आश्वासन दिया है कि जैसे ही जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य होगी, जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दे दिया जाएगा. 

बात दें, 5 अगस्त, 2019 को कई चीजें हटाई गईं. इसमें राज्य को जो विशेष दर्जा दिया गया था, और अनुच्छेद 35A, जिसने गैर-स्थानीय लोगों को जम्मू और कश्मीर में अचल संपत्ति खरीदने या रखने, वहां स्थायी रूप से बसने या लाभ प्राप्त करने से रोक दिया गया था ये सभी शामिल हैं.

जम्मू-कश्मीर में 541 आतंकी घटनाएं, 439 आतंकवादी मारे गए 

एक अलग सवाल के जवाब में राय ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में 541 आतंकी घटनाओं में 439 आतंकवादी और 109 सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं. राय ने कहा कि इन घटनाओं में 98 नागरिक भी मारे गए और करीब 5.3 करोड़ रुपये की निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है.