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Karnataka Assembly Election 2023: कर्नाटक में कांग्रेस के लिए रामबाण साबित हुई राहुल की भारत जोड़ो यात्रा, बीजेपी की धुआंधार रैली का नहीं चला जादू

Bharat Jodo Yatra: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 135 सीटों पर जीत हासिल कर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. बीजेपी 66 सीटों पर जीत दर्ज कर दूसरे नंबर पर रही. नतीजों से खुश कांग्रेस पार्टी ने इसका श्रेय भारत जोड़ो यात्रा को दिया है. उधर, बीजेपी की धुआंधार रैली का जादू इस राज्य में नहीं चल पाया.

कर्नाटक में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी-सोनिया गांधी, रोड शो करते पीएम मोदी (फाइल फोटो) कर्नाटक में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी-सोनिया गांधी, रोड शो करते पीएम मोदी (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
  • राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा कर्नाटक में 7 लोकसभा और 20 विधानसभा क्षेत्रों से थी गुजरी 

  • बीजेपी की चुनावी रैलियों में काफी भीड़ उमड़ी लेकिन यह वोट में नहीं बदली

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कुल 224 सीटों पर हुए चुनाव के परिणाम आ चुके हैं. 135 सीटों पर जीत हासिल कर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. बहुमत मिलने के बाद कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का वीडियो शेयर कर लिखा है, ‘मैं अजेय हूं, मुझे बहुत भरोसा है, आज मुझे रोकने वाला कोई नहीं है.’ कर्नाटक के नतीजों से यह साफ होता नजर आ रहा है कि भारत जोड़ो यात्रा कर्नाटक में कांग्रेस के लिए रामबाण साबित हुई है. इस राज्य में बीजेपी की धुआंधार रैली का जादू नहीं चल पाया.

यात्रा के जरिए जनता को जोड़ा
कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा 7 सितंबर 2022 को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई और जनवरी 2023 में श्रीनगर में खत्म हुई. इसमें करीब 4000 किलोमीटर की यात्रा तय की गई. यात्रा में लोगों ने काफी बढ़चढ़ कर हिस्‍सा लिया था. यात्रा के जरिए राहुल गांधी ने सीधा जनता से संपर्क साधा. राहुल गांधी की इस यात्रा ने विपक्षियों के मन में भी हलचल पैदा कर दी थी. कर्नाटक कांग्रेस के लिए भारत जोड़ो यात्रा की सबसे अच्छी बात यह रही की इसने पार्टी कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार किया. राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अपनी बात वोटरों तक पहुंचाने में सफल रहे. 

बेटे राहुल के साथ सोनिया गांधी भी मांड्या जिले में पैदल चलीं
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा कर्नाटक में 7 लोकसभा और 20 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरी थी. कर्नाटक में राहुल की पदयात्रा 21 दिनों तक रही. इस दौरान कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं ने राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों और गांवों का दौरा किया और लोगों से मुलाकात किया. लंबे समय से सियासी गतिविधियों से दूर रहीं सोनिया गांधी भी इस यात्रा के दौरान कर्नाटक आईं और बेटे राहुल के साथ मांड्या जिले में चलीं. इस यात्रा के जरिए राहुल ने लोगों को राज्य में कांग्रेस पार्टी के योगदान, खासकर भूमि सुधार अधिनियम को अमल में लाने की याद दिलाई, जिसके लाखों लाभार्थी पार्टी के वफादार समर्थक हैं. इस अधिनियम ने जोतने वालों को जमीन दे दी, जिससे वे जमींदार बन गए. 

कांग्रेस के कद्दावर नेता कदमताल करते नजर आए 
राज्य के स्थानीय और कद्दावर नेता डीके शिवकुमार, पूर्व सीएम सिद्धारमैया भी राहुल के साथ कदमताल करते नजर आए. राहुल गांधी यात्रा के दौरान सिद्धारमैया का हाथ पकड़कर भी दौड़े थे. राहुल की लंबी पदयात्रा और मिशन कर्नाटक सफल रहा. वहीं, चुनाव प्रचार के दौरान भी राहुल-प्रियंका ने कोई कसर नहीं छोड़ी. राहुल गांधी ने 16 अप्रैल से 7 मई के बीच 11 दिन का प्रचार किया, इस दौरान उन्होंने राज्य के 31 में से 20 जिलों में 23 रैली और दो रोड शो किया.

सकारात्मक छवि बनी 
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी हर तबके से खुद को जोड़ते नजर आए थे. यात्रा के दौरान राहुल की कई खूबसूरत तस्वीरें भी सामने आईं थी. कहीं राहुल बच्चों के साथ खेल रहे थे तो कहीं बुज़ुर्ग महिला का हाथ थाम रहे थे. यात्रा के दौरान राहुल गांधी अपनी मां के जूते के फीते बांधते दिखाई दिए थे. इन तस्वीरें से राहुल गांधी की एक सकारात्मक छवि बनी थी. इस यात्रा ने राहुल गांधी के व्यक्तित्व को भी गंभीर बनाया. कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मतदाताओं को इमोशनल टच देने की कोशिश की थी, जिसपर वोटरों ने मुहर लगा दी.

हजारों बेरोजगार युवा यात्रा से जुड़े
कर्नाटक में भारत जोड़ो यात्रा ने राज्य में तीन प्रमुख मुद्दों (बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि और किसानों के मुद्दे) पर ध्यान केंद्रित किया. ऐसा करके इसने राज्य में चुनावी मौसम की शुरुआत कर दी. भारत जोड़ो यात्रा की अपनी कर्नाटक-विशिष्ट वेबसाइट थी जिस पर कोई भी पंजीकरण कर सकता था और वेबसाइट के माध्यम से यात्रा के साथ चलने की सुविधा प्रदान की जाती थी. एक अलग, छोटे वेब अभियान ने बेरोजगार युवाओं को राहुल गांधी के साथ बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया. सिर्फ सात जिलों के 11,000 आवेदनों में से 2000 को इस आयोजन के लिए चुना गया था. नतीजतन, राहुल गांधी के साथ बातचीत करने वाले बेरोजगार युवा वास्तव में बेरोजगार युवा थे, न कि पार्टी कार्यकर्ता, जैसा कि अक्सर ऐसे आयोजनों में होता है.

एक्स फैक्टर नहीं साबित हो पाई पीएम मोदी, शाह सहित अन्य बीजेपी नेताओं की रैलियां
कर्नाटक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी रैलियों में काफी भीड़ उमड़ी लेकिन यह भीड़ वोट में नहीं बदली. चुनाव प्रचार में पीएम मोदी के बाद सबसे ज्यादा डिमांड यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रही. कर्नाटक में गृहमंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह, स्मृति ईरानी के अलावा सभी बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा, शिवराज सिंह चौहान, प्रमोद सावंत, देवेंद्र फडणवीस, कन्नड फिल्म स्टार किच्छा सुदीप, मनोज तिवारी समेत कई दिग्गज हस्तियां चुनाव प्रचार किया. हालांकि इसके बावजूद बीजेपी को राज्य की सत्ता मिलती नहीं दिख रही है.

पीएम मोदी सबसे ज्यादा दिखे थे एक्टिव 
बीजेपी की तरफ से कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक एक्टिव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिखे थे. पीएम मोदी ने 29 अप्रैल से सात मई 2023 तक अपनी पार्टी के लिए प्रचार किया. पीएम ने राज्य के 31 जिलों में से 19 में रैलियां और रोड शो किया. इस दौरान मोदी ने 18 रैलियां और छह रोड शो किए. बीदर सीट पर पीएम मोदी ने भाजपा प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार किया था लेकिन इस सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी रहीम खान आगे चल रहे हैं. बीजापुर में भाजपा के यतनाल आगे चल रहे हैं. बेलगाम उत्तर विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी आगे चल रहे हैं. कोलार गोल्ड फील्डस सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार बढ़त बनाए हुए हैं. इन सभी सीटों पर पीएम मोदी ने प्रचार किया था. उधर, गृह मंत्री अमित शाह ने 21 अप्रैल से सात मई के बीच कुल नौ दिनों तक चुनावी प्रचार किया. उन्होंने 19 जिलों में रैलियां और रोड शो किया.