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Marseille City: पहली बार क्रांतिकारी के घर की तलाश में, दूसरी बार खुद क्रांतिकारी बनकर... 2 बार मार्सिले शहर गए थे VD Savarkar, जानें कहानी

पीएम मोदी फ्रांस के दौरे पर हैं. इस दौरान वो मार्सिले शहर का दौरा किया. इस शहर के स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर का खास कनेक्शन है. सावरकर इस शहर में 2 बार गए थे. एक बार जब वो लंदन जा रहे थे और दूसरी बार जब वो अंग्रेजों से बचने के लिए समंदर में छलांग लगाई थी.

PM Modi in France PM Modi in France

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस के मार्सिले शहर पहुंचे हैं. प्रधानमंत्री स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर को श्रद्धांजलि दी. वीर सावरकर का इस शहर के खास कनेक्शन है. साल 1910 में जब वीडी सावरकर को लंदन से गिरफ्तार करके भारत लाया जा रहा था. उस समय उन्होंने जहाज से कूदकर इस शहर के बंदरगाह पर पहुंचे थे. लेकिन फिर से गिरफ्तार कर लिया गया था. आखिर सावरकर उस शहर में क्यों गए थे? किस क्रांतिकारी से मिलना चाहते थे. चलिए आपको पूरी कहानी बताते हैं.

सावरकर कैसे पहुंचे थे मार्सिले-
भारत के स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर का मार्सिले शहर से एक विशेष कनेक्शन है. ये वाक्या साल 1910 का है. दरअसल उनको नासिक षड्यंत्र केस में लंदन में गिरफ्तार किया गया था. उनको पानी की जहाज से भारत लाया जा रहा था. तभी मार्सिले शहर के पास सावरकर जहाज की वॉशरूम की खिड़की से समंदर में कूद गए. कैदी को भागता देख ब्रिटिश जवानों ने उनपर गोलियां बरसानी शुरू कर दी. दो ब्रिटिश सैनिक सावरकर को पकड़ने के लिए समंदर में कूद गए. सावरकर मार्सिले के बंदरगाह पर पहुंच गए. लेकिन बंदरगाह पर ब्रिटिश सिपाहियों ने सावरकर को पकड़ लिया.

सावरकर ने मांगी राजनीतिक शरण-
वीर सावरकर मार्सिले शहर के बंदरगाह पर नाममात्र के कपड़ों में दौड़ रहे थे. एक पुलिसवाले से उन्होंने कहा कि मुझे राजनीतिक शरण चाहिए. मुझे मजिस्ट्रेट के पास ले चलो. तभी पीछे से ब्रिटिश सैनिक दौड़ते हुए और चोर-चोर चिल्लाते हुए पहुंच गए. अंग्रेज अधिकारियों ने धौंस जमाकर सावरकर को गिरफ्तार कर लिया.

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पहले भी मार्सिले शहर गए थे सावरकर-
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक सावरकर 9 जून 1906 को बांबे से एसएस पर्सिया नाम के जहाज से लंदन के लिए रवाना हुए थे. इस यात्रा के दौरान सावरकर मार्सिले शहर पहुंचे थे. इस यात्रा का जिक्र 'इनसाइड दी एनिमी कैंप' नाम की किताब में है. सावरकर ज्युसेपी मेजीनी नाम के एक इतावली क्रांतिकारी का घर खोज रहे थे. इस क्रांतिकारी ने इस शहर में भूमिगत जीवन बिताया था. सावरकर ने खूब कोशिश की, लेकिन उस घर को नहीं तलाश पाए, जहां मेजीनी ने समय बिताया था. 

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