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मिलिए हिमाचल की पहली सुरक्षाबल डॉग हैंडलर से...जल्द ही खत्म होगा इस क्षेत्र में पुरुषों का वर्चस्व

कुत्तों को तो आपने सालों से सिक्योरिटी और पुलिस के साथ देखा होगा. सुरक्षा के लहजे से डॉग्स हमेशा से ही पहली च्वाइस रहे हैं. कई बार रेलवे स्टेशन या किसी अन्य जगह पर यह डॉग्स अपने ट्रेनर के साथ दिख ही जाते हैं. अब आप कहेंगे इसमें नया क्या है. इसमें नया यह है कि पहली बार इन्हें हैंडल करने के लिए किसी महिला की तैनाती हुई है. इससे पहले अक्सर पुरुषों को ही इस काम में रखा जाता था.

First Woman Dog Handler Priya Thakur (Photo-ITBP) First Woman Dog Handler Priya Thakur (Photo-ITBP)
हाइलाइट्स
  • डॉग लवर हैं प्रिया

  • सीमाओं पर गश्त लगाने का करेंगी काम 

कुत्तों को तो आपने सालों से सिक्योरिटी और पुलिस के साथ देखा होगा. सुरक्षा के लहजे से डॉग्स हमेशा से ही पहली च्वाइस रहे हैं. कई बार रेलवे स्टेशन या किसी अन्य जगह पर यह डॉग्स अपने ट्रेनर के साथ दिख ही जाते हैं. अब आप कहेंगे इसमें नया क्या है. इसमें नया यह है कि पहली बार इन्हें हैंडल करने के लिए किसी महिला की तैनाती हुई है. इससे पहले अक्सर पुरुषों को ही इस काम में रखा जाता था. भानु में ITBP का नेशनल ट्रेनिंग सेंटर फॉर डॉग्स (NTCD)अब हिमाचल प्रदेश पुलिस की एक महिला डॉग हैंडलर को प्रशिक्षण दे रही है. 26 वर्षीय कांस्टेबल का नाम प्रिया ठाकुर है. वह बल द्वारा प्रशिक्षित होने वाली पहली ऐसी महिला हैं. 

बेसिक ट्रेनिंग हुई पूरी
पहली बार कई महिला कांस्टेबल, जिन्होंने हाल ही में अपनी बेसिक ट्रेनिंग पूरी की है ने आईटीबीपी एनिमल ट्रांसपोर्ट (एटी) कैडर के लिए स्वेच्छा से काम किया.  यह सेंटर कुत्तों, घोड़ों और टट्टू जैसे जानवरों को हैंडल करने की ट्रेनिंग देते हैं. अब तक अधिकारी रैंक में कुछ महिला पशु चिकित्सकों को छोड़कर, सेवा में सभी कुत्ते के संचालक पुरुष रहे हैं. वह जल्द ही महिला आईटीबीपी डॉग हैंडलर्स के पहले बैच में शामिल हो जाएंगी क्योंकि बल अपने नए प्रशिक्षण कार्यक्रम को अंतिम रूप दे रहा है.

डॉग लवर हैं प्रिया
ठाकुर से जब इस बारे में पूछा गया कि उन्होंने डॉग स्क्वायड ज्वाइन करने के बारे में क्यों सोचा. इस बारे में उन्होंने कहा, “महिलाओं ने जीवन के सभी क्षेत्रों में अविश्वसनीय प्रगति की है. जब मैं एचपी पुलिस विभाग में शामिल हुई तो मुझे डॉग स्क्वायड के बारे में पता चला और यह भी पता चला कि वहां कोई महिला संचालक नहीं थी. एक डॉग लवर होने के नाते जब मुझे इस अवसर के बारे में पता चला तो मैंने झट से वो ऑफर ले लिया.”

सीमाओं पर गश्त लगाने का करेंगी काम 
सॉफ्टी मेरा पहला पुलिस डॉग है. नौ महीने की ट्रेनिंग में से हमने तीन महीने की ट्रेनिंग पूरी कर ली है. महिला डॉग हैंडलर्स सीमाओं पर गश्त, विस्फोटकों और नशीले पदार्थों का पता लगाने, खोज और बचाव मिशन, संदिग्धों पर नजर रखने और उन्हें रोकने और पेरीमीटर सिक्योरिटी जैसे कर्तव्यों का पालन करेंगी.