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Diwali पर आप भी पटाखे जलाने वाले हैं... तो जान लें कहां लगा बैन और कहां मिली परमिशन, SC के आदेश पर Delhi-NCR में लिया गया है ये एक्शन

Firecrackers Guidelines: केरल, बिहार और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में पटाखे जलाने को लेकर समय सीमा तय की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे पर बैन को लेकर कड़ा दिशा-निर्देश जारी किया है. आइए जानते हैं दिल्ली-एनसीआर सहित कई जगहों पर क्या एक्शन लिया गया है?

दिवाली पर कई राज्यों ने पटाखों की बिक्री और जलाने पर बैन लगाया है दिवाली पर कई राज्यों ने पटाखों की बिक्री और जलाने पर बैन लगाया है
हाइलाइट्स
  • पटना, गया, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर में सभी प्रकार के पटाखों पर बैन

  • मंबई में शाम 7 से रात 10 बजे के बीच ही फोड़े जा सकते हैं ग्रीन पटाखे

दिवाली हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है. यह रोशनी का पर्व है. घरों में रंगोली सजाई जाती है तो वहीं जश्न के लिए पटाखे जलाए जाते हैं. एक हफ्ते पहले से ही घर दुल्हन की तरह सजने लग जाते हैं. हालांकि इस बार फिर दिवाली थोड़ा बंदिशों वाली होगी. जी हां, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई सहित कई शहर प्रदूषण की मार झेल रहे हैं. जहरीली हवा ने लोगों का दम बिगाड़ कर रखा है. इस वजह से कई जगहों की सरकारों ने कुछ बंदिशें लगाई हैं. दिल्ली में ऑड-ईवन रूल के साथ पटाखे जलाने पर बैन है तो मुंबई और कर्नाटक में भी पटाखे फोड़ने का समय तय कर दिया गया है. आइए जानते हैं कहां-कहां और क्या लिया गया है एक्शन और सुप्रीम कोर्ट की क्या है गाइडलाइन?

सुप्रीम कोर्ट का पटाखों पर क्या है गाइडलाइन
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि बेरियम युक्त पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश हर राज्य को बाध्य करता है और यह केवल दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र तक सीमित नहीं है, जो गंभीर वायु प्रदूषण से जूझ रहा है. इससे पहले पटाखों को लेकर सुप्रीम कोर्ट दो बार गाइडलाइंस जारी कर चुका है. पहली बार 23 अक्टूबर 2018 को और दूसरी बार 29 अक्टूबर 2018 को. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया था कि पटाखों पर पूरी तरह से रोक नहीं है और केवल उन पटाखों पर प्रतिबंध है जिसमें बेरियम सॉल्ट होता है. 

अक्टूबर 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखों को छोड़कर बाकी सभी पटाखों की बिक्री और जलाने पर रोक लगा दी थी. इन पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे फोड़ने का समय भी तय कर दिया था. गाइडलाइंस के मुताबिक, दिवाली पर रात 8 से 10 बजे तक पटाखे फोड़े जा सकते हैं. वहीं, क्रिसमस और न्यू ईयर की रात 11:55 से 12:30 बजे तक पटाखे फोड़ सकते हैं.

दिल्ली: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस साल दिवाली के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में सभी प्रकार के पटाखों पर प्रतिबंध रहेगा. गोपाल राय ने कहा कि प्रतिबंध में पटाखों के निर्माण, स्टोरेज, बिक्री, ऑनलाइन डिलीवरी और किसी भी प्रकार के पटाखों को फोड़ना भी शामिल है. उन्होंने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में पुलिस को पटाखों के लिए लाइसेंस जारी नहीं करने के लिए कहा गया है.

यूपी: योगी सरकार ने फिलहाल पटाखों पर बैन नहीं लगाया है. एनसीआर को लेकर नियम दिल्ली की तरह ही रहेंगे. हालांकि वर्तमान स्थिति को देखते हुए इस पर रोक लगाई जा सकती है.

बिहार: बिहार सरकार ने दिवाली के दौरान वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए राज्य की राजधानी पटना और तीन अन्य शहरों गया, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर में ग्रीन क्रैकर्स सहित सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री या उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. जहां तक ​​अन्य शहरों और ग्रामीण इलाकों की बात है तो त्योहार के दौरान केवल हरित पटाखों का ही इस्तेमाल किया जा सकेगा, वह भी रात 8 बजे से 10 बजे के बीच.

महाराष्ट्र: बॉम्बे हाईकोर्ट ने नगरपालिका अधिकारियों और पुलिस को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि दिवाली तक पटाखे केवल शाम 7 बजे से 10 बजे के बीच ही फोड़े जाएं और कहा कि नागरिकों को मुंबई में दिवाली के दौरान बीमारी मुक्त वातावरण और पटाखे फोड़ने के बीच चयन करना होगा. 

मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि वह पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध का आदेश नहीं देने जा रही है, लेकिन महानगर में बिगड़ते एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) को देखते हुए संतुलन बनाने की जरूरत है. नागपुर में आतिशबाजी की अनुमति केवल रात 8 बजे से 10 बजे तक है, जबकि अधिकृत पटाखों की दुकानें रात 11 बजे तक खुली रह सकती हैं. 

कर्नाटक: राज्य सरकार ने सिर्फ ग्रीन पटाखों की इजाजत दी है. साथ इस दिवाली पर रात 8 बजे से 10 बजे के बीच पटाखे फोड़ने का निर्देश दिया है. कर्नाटक में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने नॉन-ईको-फ्रेंडली पटाखे बेचने वालों पर सख्ती बरती और केवल हरित पटाखों की बिक्री सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया है.

पंजाब: राज्य सरकार ने घोषणा की कि वह केवल दिवाली, गुरुपर्व, क्रिसमस और नए साल पर सीमित घंटों के दौरान ग्रीन क्रैकर्स की बिक्री की अनुमति देगी. लुधियाना प्रशासन ने भी दिवाली, गुरुपर्व और क्रिसमस पर पटाखे फोड़ने की अनुमति देते हुए एक एडवाइजरी जारी की है. रात 8 से 10 बजे तक पटाखे जलाए जा सकेंगे. 

पश्चिम बंगाल: राज्य सरकार ने इस दिवाली केवल क्यूआर कोड वाले हरित पटाखे बेचने का फैसला किया है. सारा बांग्ला आतिशबाजी उन्नयन समिति के अध्यक्ष बबला रॉय ने बताया कि हमने कोलकाता में चार मुख्य बाजार स्थापित किए हैं, जो ताला, मैदान, बेहाला और कालिकापुर में हैं. ताला में कुल 44 दुकानें स्थापित की जाएंगी, जिनमें से सभी को ग्रीन क्रैकर्स बेचने की अनुमति है. उन्होंने कहा, पटाखा बाजार 12 नवंबर तक सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक खुलेगा.

केरल: राज्य सरकार ने दिवाली के दौरान पटाखे फोड़ने की अनुमति को रात 8 बजे से 10 बजे के बीच दो घंटे तक सीमित करने के आदेश जारी किए हैं. ये आदेश कम वायु गुणवत्ता वाले शहरों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पटाखों को सीमित करने वाले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों के आधार पर जारी किए गए हैं. आदेश में जिला मजिस्ट्रेटों और जिला पुलिस प्रमुखों को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया कि उत्सवों में केवल हरित पटाखों का उपयोग किया जाए.

पटाख जलाने पर निकलती हैं कौन-कौन सी गैसें
पटाखे जब जलते हैं तो उनमें से कई तरह की खतरनाक गैसें निकलती हैं. इनमें मुख्‍य रूप से सल्फर डाई ऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड और हेवी मेटल्स सल्फर, लेड, क्रोमियम, कोबाल्ट, मरकरी मैग्निशियम शामिल हैं. आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ इन्‍हीं गैसों के हवा में घुल जाने के कारण होती है. ये सभी गैसें इंसानों को बीमार कर सकती हैं.

स्टडी में पटाखा जलाने के बाद हवा खराब होने का किया गया है दावा
फरवरी 2018 में यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फाइनेंस एंड पॉलिसी ने दिल्ली की खराब हवा पर पटाखों के असर पर एक स्टडी की थी. इसके लिए 2013 से 2016 तक का डेटा लिया गया था. डेटा के आधार पर दावा किया गया था कि दिवाली के अगले दिन दिल्ली में हर साल PM2.5 की मात्रा 40% तक बढ़ गई थी. वहीं, दिवाली की शाम 6 बजे रात 11 बजे के बीच PM2.5 में 100% की बढ़ोतरी हुई थी. 

इसी तरह मई 2021 में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट आई थी. इस रिपोर्ट में 2020 की दिवाली के पहले और बाद के वायु प्रदूषण शहरों का डेटा था. इस रिपोर्ट में दिल्ली, भोपाल, आगरा, बेंगलुरु समेत 8 शहरों का डेटा था. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि दिवाली के बाद अगले दिन 8 शहरों में PM10 की मात्रा में 22% से 114% की बढ़ोतरी हो गई थी. इसके मुताबिक, दिवाली के बाद दिल्ली में PM10 की मात्रा 67.1% बढ़ गई थी. जबकि, लखनऊ में ये 114% बढ़ गई थी. वहीं, दिल्ली में PM2.5 की मात्रा 82.9% और लखनऊ में 67.6% तक बढ़ गई थी.