
राजस्थान के किसानों के लिए खुशखबरी है. किसानों को अब फसलों में लगने वाले रोग की जानकारी मिल सकेगी. प्रदेश के 20 जिलों में हाईटेक लैब बनने जा रही है. इसको हम फसलों का अस्पताल भी कह सकते हैं. इन लैब में किसान अपनी फसल की जांच कर सकते हैं. साथ ही उसमें लगने वाली बीमारी के बारे में भी पता लग सकेगा.
सभी समस्याओं से मिलेगा छुटकारा
किसानों पर कभी मौसम की मार पड़ती है, तो कभी रोग लगने के कारण फसल खराब हो जाती है. लेकिन अब आने वाले समय में इन सभी समस्याओं से छुटकारा मिल सकेगा. प्रदेश के 20 जिलों में हाईटेक लैब बनने जा रही है. 300 वर्ग फीट क्षेत्र में बनने वाली इस लैब में फसलों की जांच होगी. साथ ही रिपोर्ट के आधार पर कृषि विभाग के अधिकारी किसान को बीमारी से बचने का उपाय भी बताएंगे.
इन लैब के बनने से फसलों में होने वाले उर्वरक कीटनाशक के प्रयोग पर भी रोक लग सकेगी. कृषि विभाग के अधिकारियों की मानें तो जल्द ही लैब के लिए निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. सभी जगह पर जगह चिन्हित हो चुकी है.
लाखों किसानों को राहत मिलेगी
राजस्थान के अलवर, सीकर, झुंझुनू, चूरू, भीलवाड़ा, जयपुर, अजमेर, धौलपुर, दौसा, टोंक, बीकानेर, पाली, उदयपुर, हनुमानगढ़, भरतपुर, सवाई माधोपुर, करौली, जोधपुर, कोटा और श्रीगंगानगर जिले में प्रदेश सरकार ने हाईटेक लैब खोलने का फैसला लिया है. कृषि विभाग के विशेषज्ञों ने बताया कि आमतौर पर फसलों में होने वाले रोग व कीट के कारण किसान को नुकसान होता है. प्रदेश में अभी तक केवल जयपुर व जोधपुर जिले में इस तरह की सुविधा उपलब्ध है. इस सुविधा के शुरू होने से लाखों किसानों को राहत मिलेगी. इन एग्री क्लीनिक पर करीब 21 करोड़ रुपए खर्च होंगे.
प्रत्येक लैब पर करीब 11 लख रुपए खर्च किए जाएंगे. इसमें लैब टेक्नीशियन सहित अन्य कृषि विशेषज्ञों को भी तैनात किया जाएगा. कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि एलोपैथी लैब की तर्ज पर पैथोलॉजिस्ट व कीट विज्ञानी रोग कीट के कारण और उससे बचाव के उपाय किसान को बताएंगे. जिससे किसान को फसलों में होने वाले नुकसान से राहत मिलेगी. साथ ही किसान को होने वाले आर्थिक नुकसान से भी बचाया जा सकेगा. सब कुछ ठीक रहा तो इस साल के अंत तक इन लबों में फसलों की जांच की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
(हिमांशु शर्मा की रिपोर्ट)