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CRPF को मिले 40000 हल्के बुलेट प्रूफ जैकेट्स, स्टील की गोली भी नहीं बिगाड़ सकेगी जवानों का कुछ भी 

CRPF को 40000 हल्के बुलेट प्रूफ जैकेट्स मिले हैं. स्टील की गोली बुलेट प्रूफ जैकेट्स पहने जवानों का कुछ भी नहीं बिगाड़ सकती है. बता दें, MHA की नई पहल पर बुलेट प्रूफ जैकेट तैयार हुई है.

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हाइलाइट्स
  • खतरनाक स्टील बुलेट को झेल पाने में सक्षम है CRPF की BR जैकेट

  • बहुत खास है ये नई बुलेट प्रूफ जैकेट

लंबे इंतजार के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ को 40000 बुलेट प्रूफ जैकेट दे दिए हैं. चरणबद्ध तरीके से सीआरपीएफ को बुलेट प्रूफ जैकेट मिलना शुरू हो चुका है. पिछले कई सालों से सीआरपीएफ को उच्च स्तरीय मानक (BIS-5 और BIS-6) के बुलेट प्रूफ जैकेट की आवश्यकता थी जो वजन में हल्के हों और जवानों को ड्यूटी के दौरान पहनने में किसी भी तरीके की दिक्कत ना हो. यही वजह है कि मेक इन इंडिया के तहत सीआरपीएफ ने एसएमपीपी (SMPP) कंपनी से 40,000 की संख्या में बुलेट प्रूफ जैकेट लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके मिलने के बाद जम्मू कश्मीर, नक्सल प्रभावित इलाके और नॉर्थ ईस्ट में सीआरपीएफ की ऑपरेशनल क्षमता में इजाफा होगा.  

यह बुलेट प्रूफ जैकेट ऐसी होंगी जो अमेरिका के NIJ मानक से काफी सख्त होंगी. सीआरपीएफ को दी जाने वाली इस बुलेट प्रूफ जैकेट की टेस्टिंग नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के लैब में किया गया है. इस जैकेट की सबसे खास बात यह है कि यह बोरान कार्बाइड सिरामिक के सख्त रासायनिक पदार्थ से बना हुआ है जो वजन में बहुत ही हल्का होता है.

MHA की नई पहल पर भारतीय मानक तैयार हुई है बुलेट प्रूफ जैकेट

मेक इन इंडिया के तहत सभी बुलेट प्रूफ जैकेट इंडियन स्टैंडर्ड के आधार पर भारत में तैयार की गई है. मानक लेवल 5 और 6 लेवल की बुलेट प्रूफ जैकेट को ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स यानी बीआईएस (BIS) के मानक के तहत तैयार किया किया गया है. भारत में इससे पहले बुलेट प्रूफ जैकेट , नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ जस्टिस (JIS) अमेरिका के स्टैंडर्ड पर तैयार होती थी. जिनमें बुलेट प्रूफ जैकेट की क्षमता 1 लेवल से लेकर 4 लेवल तक रहती थी. पर भारत में जिस मानक की बुलेट प्रूफ जैकेट अब तैयार होंगी, उनका स्टैंडर्ड 1 लेवल से लेकर 6 लेवल तक होगा. यानी यह बुलेट प्रूफ जैकेट खतरनाक स्टील बुलेट को भी झेल पाने में सक्षम है.

खतरनाक स्टील बुलेट को झेल पाने में सक्षम है CRPF की BR जैकेट

जम्मू कश्मीर में आतंक के खिलाफ ऑपरेशन को अंजाम दे रहे सुरक्षा बल पिछले कुछ सालों में ऐसी कई आतंकी घटनाओं के शिकार हुए जिसमें ये जानकारी आई थी कि आतंकी एके-47 राइफल से स्टील बुलेट की गोलियां सुरक्षाबलों के ऊपर बरसा रहे हैं. ऐसे में सुरक्षा बलों के पास मौजूद बुलेट प्रूफ जैकेट नाकाफी थी और बुलेट प्रूफ जैकेट को भेदकर आतंकियों की गोली सुरक्षा बलों के जवानों को लग रही थी. CRPF ने अब इसके लिए अपनी खास तैयारी शुरू है. जानकारी के मुताबिक, आने वाले दिनों में कश्मीर घाटी में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन कर रहे सीआरपीएफ के जवान को ऐसी नई बुलेट प्रूफ जैकेट मिल रही है जिसको आतंकियों के पास मौजूद स्टील बुलेट छेद नहीं कर पाएगी.

हाल के दिनों में स्टील बुलेट का इस्तेमाल खासतौर पर जैश-ए-मोहम्मद संगठन से जुड़े आतंकी कर रहे थे. सुरक्षा बलों के अधिकारियों ने बताया कि इस तरह की घटना आर्टिकल 370 हटने के पहले तक होती थी, जब से अनुच्छेद 370 हटा है तब से आतंकी पस्त हैं. वह ऐसी किसी भी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने में विफल रहे हैं. यही वजह है कि हिंसा की घटनाओं में जम्मू-कश्मीर में काफी कमी आई है और नई भर्तियां भी आतंकी नहीं कर पा रहे हैं.

बहुत खास है ये नई बुलेट प्रूफ जैकेट

नए तरीके से बनाई गई इस बुलेट प्रूफ जैकेट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें ऊपर की तरफ बोरान कार्बाइड सिरामिक की प्लेट लगाई गई है जिसे स्ट्राइक शील्ड कहते हैं. अंदर की ओर इसमें अल्ट्रा पॉलीएथिलीन पॉलिमर की प्लेट लगाई गई है. इसको हार्ड स्टील कोर बुलेट भी भेद नहीं सकती है. अगर कोई सैनिक इस बुलेट प्रूफ जैकेट को पहने हुए है और दुश्मन उसपर गोली चलाता है, तो यह जैकेट सैनिक की सुरक्षा करने में सक्षम है. यह बुलेट प्रूफ जैकेट अन्य देशों की जैकेटों की अपेक्षा वजन में हल्की, मजबूत और सख्त है.

सीआरपीएफ से मिली जानकारी के मुताबिक जो पहले की जैकेट का वजन 12 से 15 किलो तक होती थी जो काफी ज्यादा होता था. पर अब जैकेट बहुत हल्की और मजबूत क्वालिटी की होगी इनका वजन करीब 7 से 9 किलो का ही होगा. पुरानी जैकेट में लोहे की प्लेट का इस्तेमाल किया जाता था, पर अब दुनिया की सबसे एडवांस बोरान कार्बाइड सिरेमिक का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिसको केवल डायमंड से ही काटा जा सकता है. यही नहीं जानकारी के मुताबिक पहले जैकेट को उतारने में काफी दिक्कत होती थी अब किसी भी जवान को इस जैकेट को 10 सेकंड में उतारा जा सकता है. 

यही नहीं पहले की जो जैकेट्स होती थी उसमें साइड प्रोटेक्शन नहीं होता था पर अब जो नई जैकेट सीआरपीएफ को दी गई है उसमें साइड प्रोटेक्शन होगा यानी बगल से अगर गोली निकलती है तो जवान के ऊपर किसी भी तरीके का फर्क नहीं पड़ेगा.  

बुलेट प्रूफ जैकेट लेने में अब नियम सरल कर दिए गए हैं

आपको बता दें कि भारत में करीब 20 लाख आर्मी, अर्धसैनिक बल और राज्यों के पुलिस बल हैं. जिनको कि विषम परिस्थितियों में बुलेट प्रूफ जैकेट की आवश्यकता पड़ती है. अब जबकि भारत के मानक के आधार पर बुलेट प्रूफ जैकेट तैयार होंगी तो इन बुलेट प्रूफ जैकेट के प्रोक्योरमेंट यानी इनको खरीदने में ज्यादा देरी का सामना नहीं करना पड़ता. दरअसल, इससे पहले जब बुलेट प्रूफ जैकेट भारत में खरीदनी होती थी, तो उसके लिए पहले अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ जस्टिस के मानक से अनुशंसा लेनी पड़ती थी, पर अब जबकि भारत में ही बुलेट प्रूफ जैकेट का मानक तैयार हो चुका है तो बुलेट प्रूफ जैकेट के प्रोक्योरमेंट में कोई देरी नहीं होगी.