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Cyclist Robin: साइकिल से देश के अलग-अलग राज्यों में घूमकर पर्यावरण बचाव का संदेश दे रहे हैं रॉबिन, अगले 700 दिन में 50 किलोमीटर से अधिक की यात्रा करेंगे तय

रॉबिन सिंह ने कन्याकुमारी से लेकर लखनऊ तक कुल 15 राज्यों की यात्रा साइकिल से की है जिसमें 16,380 किलोमीटर की यात्रा अभी तक हुई है. इसे पूरा करने में उन्हें 225 दिन लगे हैं.

Cyclist Robin Cyclist Robin
हाइलाइट्स
  • 15 राज्यों की यात्रा साइकिल से 

  • व्यक्ति के लिए जरूरी है पर्यावरण का ध्यान रखना

पर्यावरण और प्रदूषण रहित स्वच्छ वातावरण पर ही हमारा जीवन पूरी तरह निर्भर है क्योंकि एक स्वच्छ और प्रदूषण रहित वातावरण से ही स्वस्थ समाज का निर्माण होता है. लेकिन आज ऐसा नहीं हो रहा है क्योंकि अपने स्वार्थ के लिए मानव हरे भरे जंगलों का दोहन तेजी से कर रहा है. साथ ही प्रदूषण युक्त यंत्रों का इस्तेमाल तेजी से कर रहा है चाहे वह मोटरसाइकिल हो, कार हो या फिर हवाई जहाज. इन सभी यंत्रों से प्रदूषण बहुत तेजी से फैल रहा है, जिसके चलते प्रदूषण का स्तर दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. इंसान आज स्वच्छ हवा और स्वच्छ जल नहीं प्राप्त कर पा रहा है. ऐसे में भारत देश के लोगों को जगाने के लिए रॉबिन सिंह नामक व्यक्ति साइकिल यात्रा के जरिए ग्रीन मूवमेंट के तहत संदेश दे रहे हैं. रॉबिन सिंह पिछले 6 अक्टूबर 2022 से कन्याकुमारी से अपनी साइकिल की यात्रा शुरुआत करके उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंचे. 

15 राज्यों की यात्रा साइकिल से 

लखनऊ पहुंचकर सबसे पहले रॉबिन ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी पहुंचकर छात्रों को पर्यावरण प्रति जागरूक करने का काम किया ताकि उनकी आवाज सभी लोगों तक पहुंचे जो प्रकृति का दोहन कर रहे हैं. रॉबिन सिंह ने बताया कि उन्होंने कन्याकुमारी से लेकर लखनऊ तक कुल 15 राज्यों की यात्रा साइकिल से की है जिसमें 16,380 किलोमीटर की यात्रा अभी तक हुई है. इसे पूरा करने में उन्हें 225 दिन लगे हैं. साइकिलिस्ट रॉबिन सिंह ने बताया कि आगे आने वाले समय में 50 हजार किलोमीटर से अधिक यात्रा अगले 700 दिन में तय करेंगे, जिसका समापन भोपाल मध्य प्रदेश में होगा. रॉबिन अपनी साइकिल यात्रा के जरिए देश के हर जिले जाएंगे क्योंकि जिस तरीके से हरे भरे पेड़ों और जंगलों का दोहन हो रहा है और मनुष्य धड़ल्ले से प्रदूषण युक्त गाड़ियों का इस्तेमाल कर रहा है उस पर रोक लगा सकें. सिंह ने बताया कि वह प्रतिदिन 100 से 120 किलोमीटर की यात्रा तय करते हैं. इस दौरान यदि भूख-प्यास लगती है तो भारत देश कि जो अतिथि देवो भव परंपरा है उसके अंतर्गत वह भोजन प्राप्त कर लेते हैं. वहीं घरवालों से फोन के जरिए और वीडियो कॉल के जरिए बात भी करते हैं. 

रॉबिन सिंह की पत्नी के अलावा उनका 4 साल का बेटा और 1 साल की बेटी है. जिससे वह जल्द ही यात्रा पूर्ण करने के बाद मिलेंगे. वहीं बाबा साहब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी एनवायरमेंट डिपार्टमेंट के डीन नवीन अरोड़ा ने बताया कि रॉबिन सिंह ने कन्याकुमारी से यात्रा शुरू की है

व्यक्ति के लिए जरूरी है पर्यावरण का ध्यान रखना 

रॉबिन कहते हैं, “मैं यह साइकिल की यात्रा कर रहा हूं उसके पीछे का कारण यह है कि एक व्यक्ति सांस लेता है और जल पीता है जिसके बिना वह जीवित नहीं रह सकता है. लेकिन मनुष्य उसके प्रति संवेदनशील नहीं रहा है. अगर वह संवेदनशील होता तो इतना डिफोरेस्टेशन नहीं होता और जल का दुरुपयोग नहीं होता. ऐसे में हम लोग प्रकृति के विपरीत जो संवेदनशीलता भरा व्यवहार दिखाते हैं उसको वापस से कैसे सही किया जाए और लोगों का ध्यान वापस इस पर कैसे लाया जाए इसके लिए मैं साइकिल की यात्रा कर रहा हूं.”

साइकिल के जरिए दे रहे संदेश 

अगर रॉबिन कहते हैं, “ साइकिल के जरिए यह संदेश देना चाह रहा हूं कि,पर्यावरण को प्रदूषण रहित बनाने में मदद करें. मैंने 6 अक्टूबर 2022 से कन्याकुमारी तमिलनाडु से जन जागरण अभियान प्रारंभ किया था जिसका नाम है ग्रीन इंडिया मूवमेंट और इसका लास्ट स्टेशन भोपाल मध्य प्रदेश है. अभी तक मैंने कुल 16,380 किलोमीटर की यात्रा तय की है और यात्रा में 225 दिन में तय किया है. 50 हजार किलोमीटर या उससे अधिक की यात्रा मुझे अभी तय करनी है उसके लिए मुझे 700 दिन लगेंगे मुझे भारत के प्रत्येक जिलों में पहुंचना है, जिसका समापन भोपाल में होगा. इस दौरान रुकने और खाने पीने को लेकर ज्यादा दिक्कत नहीं होती क्योंकि भारत की परंपरा है अतिथि देवो भव तो इसपर मैं ज्यादा ध्यान नहीं देता. खाने पीने की व्यवस्था हो जाती है. मेरा उद्देश्य है कि लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना. मुझे सिर्फ अपना यही लक्ष्य दिखाई दे रहा है.”

(सत्यम मिश्रा की रिपोर्ट)