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दूर होगा हाई पावर केबल से करंट लगने का खतरा, सेंट्रल रेलवे ने अपने कर्मचारियों के लिए मंगवाए Special Shockproof जूते

इन एडवांस जूतों की कीमत टैक्स को छोड़कर लगभग ₹20,000 है. सेंट्रल रेलवे ने अपने कर्मचारियों के लिए 1,500 से ज्यादा जोड़े खरीदने की योजना बनाई है. खरीदारी करने से पहले, सेंटर रेलवे अधिकारियों ने छह महीने तक गहन शोध किया था.

Indian Railways (Photo/Unsplash) Indian Railways (Photo/Unsplash)
हाइलाइट्स
  • मलेशिया से खरीदे गए हैं पहली बार 

  • शोकप्रूफ जूते हैं जरूरी 

रेलवे लाइनों में काम करते हुए अक्सर कर्मचारियों को करंट लगने का खतरा रहता है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. सेंट्रल रेलवे (CR) ने हाई-वोल्टेज केबलों को संभालने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए शॉकप्रूफ जूते पेश किए हैं. ये विशेष जूते पावर ट्रेनों को चलाने वाले 25,000-वोल्ट केबलों के रखरखाव और मरम्मत करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए डिजाइन किए गए हैं.

शोकप्रूफ जूते क्यों हैं जरूरी 

दरअसल, हाई पावर केबलों को संभालना स्वाभाविक रूप से खतरनाक होता है. ऐसे में रेलवे कर्मचारियों की सुरक्षा सबसे जरूरी है. इन शॉकप्रूफ जूतों की शुरुआत कर्मचारियों की भलाई सुनिश्चित करने की दिशा में एक सक्रिय कदम है. जूते विशेष रूप से पहनने वाले को बिजली के झटके से बचाने के लिए डिजाइन किए गए हैं. ये करंट कई बात काफी घातक हो सकता है जिससे गंभीर चोट लग सकती है. 

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मलेशिया से खरीदे गए हैं पहली बार 

यह पहली बार है जब भारतीय रेलवे ने मलेशिया से ऐसे विशेष जूते खरीदे हैं. सेंट्रल रेलवे अधिकारियों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि वर्तमान में कोई भी भारतीय निर्माता इस तरह के जूते नहीं बना रहा है. इसलिए इन जूतों को मलेशिया से मंगवाया जा रहा है. 

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 29 मई को 11 डाइइलेक्ट्रिक जूतों (Dielectric Shoes) की पहली खेप सेंट्रल रेलवे के मुंबई डिवीजन में पहुंची है. ये जूते विद्युत विभाग के ट्रैक्शन डिस्ट्रीब्यूशन वर्टिकल में काम करने वाले कर्मचारियों को बांटे गए हैं. ये वो विभाग है जो रेल लाइनों पर ओवरहेड डिवाइस, बिजली आपूर्ति, सबस्टेशन और दूसरे बिजली के काम संभालता है. 

क्लास 3 डाइइलेक्ट्रिक जूतों की विशेषताएं

नए पेश किए गए जूते 'क्लास 3' केटेगरी में आते हैं, जो 33,000 वोल्ट तक का सामना करने में सक्षम हैं. यह मौजूदा 'क्लास 2' जूतों से एक ग्रेड ज्यादा हैं. क्लास 2' जूते 17,000 वोल्ट तक संभाल सकते हैं. आसान पहचान के लिए नारंगी रंग के क्लास 3 जूते, बिजली के खराब कंडक्टर के रूप में काम करते हैं, यहां तक ​​कि 1 मिलियम्पीयर करंट को भी रोककर कर्मचारी को बिजली के झटके से बचाते हैं.

सेंट्रल रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डॉ. स्वप्निल नीला ने जोर देकर कहा कि यह भारतीय रेलवे के लिए एक अग्रणी पहल है. सेंट्रल रेलवे अपने कर्मचारियों को ये विशेष डाइइलेक्ट्रिक जूते देने वाला पहला जोनल रेलवे है. 

कितने के हैं ये जूते?

इन एडवांस जूतों की कीमत टैक्स को छोड़कर लगभग ₹20,000 है. सेंट्रल रेलवे ने अपने कर्मचारियों के लिए 1,500 से ज्यादा जोड़े खरीदने की योजना बनाई है. खरीदारी को अंतिम रूप देने से पहले, सेंटर रेलवे अधिकारियों ने छह महीने तक गहन शोध किया. जिसके बाद ही इन जूतों को चुना गया है. सेंट्रल रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि डाइइलेक्ट्रिक जूते लाइव इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के पास काम करने वाले तकनीशियनों के लिए सुरक्षा के लिए जरूरी हैं. केबल रखरखाव के दौरान बिजली को रोकने के बाद भी खतरा बना रहता है. लेकिन ये जूते कर्मचारियों को इससे बचाएंगे.