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दिल्ली के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के ठीक पहले जिंदा हुआ मुर्दा, और फिर

हैरान कर देने वाली बात ये है कि चिता पर लेटे बुजुर्ग ने अचानक अपनी आंखें खोल दी. जब उनका बीपी चेक किया गया तो वो बिल्कुल ठीक था. यहां तक की हार्टबीट, पल्स रेट सब कुछ नॉर्मल था. बाद में शमशान घाट से बुजुर्ग को एंबुलेंस से राजा हरिश्चंद्र अस्पताल ले जाया गया जहां उनका इलाज चल रहा है.

दिल्ली के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के ठीक पहले जिंदा हुआ मुर्दा दिल्ली के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के ठीक पहले जिंदा हुआ मुर्दा
हाइलाइट्स
  • कफन हटाने पर चौंक गया परिवार

  • चल रही थी बुजुर्ग की सांसें

  • अस्पताल ने नहीं दी थी डिस्चार्ज की सलाह

क्या आपने कभी किसी मुर्दे को जिंदा होते देखा है. अगर नहीं तो अब देख लीजिए. नरेला के टिकरी खुर्द गांव के 62 साल के एक बुजुर्ग के परिवार ने दावा किया है की आज सुबह उनकी मौत हो गई थी. लेकिन जब उन्हें अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट ले जाया गया, तो उनकी सांसे चलने लगीं और वो जिंदा हो गए.

कफन हटाने पर चौंक गया परिवार
मौत की खबर से घर में मातम पसरा उसके बाद बुजुर्ग की लाश का अंतिम संस्कार करने के लिए परिवार समेत कई लोग लाश को लेकर अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे. लाश को आग के हवाले करने के पहले अंतिम संस्कार की आखिरी प्रक्रिया के तहत लाश के चेहरे से जब कफन को हटाया गया तो शमशान घाट के मौजूद तमाम लोगों के होश उड़ गए. मार चुके 62 साल के बुजुर्ग की सांसे चल रही थीं, वो धीरे धीरे आंखें खोल रहे थे. 

चल रही थी बुजुर्ग की सांसें
शमशान घाट के अंतिम संस्कार में शामिल होने गए लोगों ने तुरंत दिल्ली पुलिस और कैट्स एंबुलेंस को फोन करके जानकारी दी. शमशान घाट के अंतिम संस्कार में शामिल होने एक डॉक्टर भी गए थे, उन्होंने बुजुर्ग को देखकर कहा इनकी सांसे चल रही हैं. साथ ही उन्होंने तुरंत उस बुजुर्ग को अस्पताल ले जाने की सलाह दी. उसके बाद तुरंत मौके पर एंबुलेंस पहुंची और बुजुर्ग को अस्पताल ले जाया गया. शमशान घाट में मौजूद जिन 2 लोगों ने पुलिस को पीसीआर कॉल की थी उनसे आज तक ने बात की तो पता चला कि ये मामला लगभग 3 बजे का है. बुजुर्ग का नाम सतीश भारद्वाज है उनकी उम्र 62 साल है

अस्पताल ने नहीं दी थी डिस्चार्ज की सलाह
हैरान कर देने वाली बात ये है कि चिता पर लेटे बुजुर्ग ने अचानक अपनी आंखें खोल दी. जब उनका बीपी चेक किया गया तो वो बिल्कुल ठीक था. यहां तक की हार्टबीट, पल्स रेट सब कुछ नॉर्मल था. बाद में शमशान घाट से बुजुर्ग को एंबुलेंस से राजा हरिश्चंद्र अस्पताल ले जाया गया जहां उनका इलाज चल रहा है. इस हैरान करने वाले मामले में दिल्ली पुलिस सूत्रों का कहना है की, " बुजुर्ग जिंदा ही था, बुजुर्ग अस्पताल में भर्ती थे और डॉक्टरी सलाह के बिना बुजुर्ग के परिवार वालों ने बुजुर्ग को डिस्चार्ज कराया था. अस्पताल ने डिस्चार्ज करते वक्त डिस्चार्ज पेपर पर LAMA (left against medical advice) लिखा था, जिसका मतलब है कि मरीज को बिना डॉक्टरी सलाह के ले जाया गया.

मामले की हो रही हैं जांच
बुजुर्ग को कैंसर था और द्वारका के वेंकटेश्वर अस्पताल में भर्ती थे. वेंटिलेटर पर खर्चा ज्यादा था तो परिवार अस्पताल से घर लेकर चला गया था. वेंटीलेटर से हटाने के बाद जब बुजुर्ग की सांस बंद हो गई. तो परिवार वालों ने सोचा कि उनकी मौत हो गई. जिसके बाद उन्हें शमशान घाट ले जाया गया, लेकिन वहां पहुंचकर बुजुर्ग की सांस चलने लगी. फिलहाल मामले की जांच हो रही है, शुरुआती तौर पर अस्पताल की लापरवाही सामने नहीं आई है.

(अरविंद ओझा की रिपोर्ट)