साल 2022 अपने अंतिम पड़ाव पर आ गया है. नया साल 2023 आने में केवल तीन दिन का समय बाकी है. इस साल में महिलाओं के लिए सुप्रीम कोर्ट में कई ऐसे फैसले लिए गए जिन्होंने इस साल को ऐतिहासिक बना दिया है. ये महिलाओं के लिए जीत के ऐसे पल थे, जो इतिहास में दर्ज रहेंगे और आने वाली पीढ़ियां उन्हें हमेशा याद रखेंगी. इन पलों ने दुनिया को दिखा दिया कि महिलाएं बदलाव लाने के लिए सशक्त हो रही हैं. इन जीतों ने परिभाषित किया कि महिलाएं तब तक नहीं रुकेंगी जब तक देश में समानता नहीं है. तो चलिए उन फैसलों पर नजर डालते हैं, जिन्होंने महिलाओं के जिन को किसी न किसी मायने में बदला है.
1. बच्चे का उपनाम माँ तय कर सकती है (जुलाई 2022)
आम तौर पर ऐसा देखा जाता है कि बच्चों में उनके पिता का उपनाम यानी सरनेम जुड़ा होता है. जुलाई 2022 में, सुप्रीम कोर्ट ने माताओं को अपने बच्चों का उपनाम तय करने की हक दिया. फैसले में कहा गया, "बच्चे की एकमात्र प्राकृतिक अभिभावक होने के नाते मां को बच्चे का उपनाम तय करने का अधिकार है."
2. महिलाओं के लिए और मेडल इवेंट्स (अगस्त 2022)
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए अधिक मेडल इवेंट हुए. खेल बर्मिंघम, इंग्लैंड में आयोजित किए गए थे. यह पहली बार था जब महिला क्रिकेट को खेलों में शामिल किया गया और भारतीय टीम ने रजत पदक अपने नाम किया. मीराबाई चानू, पीवी सिंधु, अनाहत सिंह, निकहत ज़रीन और प्रियंका गोस्वामी उन महिला एथलीटों में शामिल थीं जिन्होंने देश को गौरवान्वित किया.
3. ऑल-वुमन नेवी क्रू ने समुद्री निगरानी मिशन पूरा किया (अगस्त 2022)
साल 2022 में नौसेना के एक पूर्ण-महिला दल ने अरब सागर निगरानी मिशन को पूरा करके इतिहास रचा दिया. वे 'ऐतिहासिक सॉर्टी' से पहले महीनों के कठिन प्रशिक्षण से गुजरे.
4. भारत में महिलाओं के लिए गर्भपात कानून (सितंबर 2022)
सितंबर में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने घोषणा की कि प्रत्येक महिला को गर्भावस्था के 20 से 24 सप्ताह के बीच कानूनी और सुरक्षित गर्भपात का अधिकार है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि महिला विवाहित है या नहीं, उसे यह अधिकार है कि वह गर्भावस्था को अवधि तक ले जाए या नहीं. शीर्ष अदालत ने कहा कि चूंकि एक महिला के शरीर के अंदर एक भ्रूण विकसित होता है, इसलिए उसे निर्णय लेने की पूरा हक होता है. इसमें कहा गया है, "हम यह नहीं पहचानने में चूक नहीं कर सकते कि सेक्सुअल पार्टनर द्वारा की गई हिंसा वास्तविकता है और बलात्कार का रूप ले सकती है."
5. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की सर्वाधिक संख्या महिलाओं की (सितंबर 2022)
महिला जज सुप्रीम कोर्ट का हिस्सा रही हैं. हालांकि, सितंबर 2022 में चार महिला न्यायाधीशों को शीर्ष अदालत का हिस्सा बनने के लिए चुना गया था. सूची में जस्टिस बी वी नागरत्ना, इंदिरा बनर्जी, बेला एम त्रिवेदी और हिमा कोहली के नाम शामिल थे.
6. मैरिटल रेप इज रेप (सितंबर 2022)
भारतीय महिलाएं अभी भी वैवाहिक बलात्कार को आपराधिक बनाने के लिए कानून बनाने के लिए संघर्ष कर रही हैं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "वैवाहिक बलात्कार बलात्कार है." यह बयान पारित किया गया था जब पीठ एक अविवाहित महिला की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जो 20 से 24 सप्ताह से अधिक की गर्भावस्था को समाप्त करना चाहती थी. अदालत ने ये स्वीकार किया कि कई महिलाएं अपने पार्टनर द्वारा यौन शोषण का शिकार होती हैं और अंत में गर्भधारण करती हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बलात्कार की परिभाषा में वैवाहिक बलात्कार भी शामिल होगा. इसलिए, विवाहित या अविवाहित महिलाएं देश में कानूनी और सुरक्षित गर्भपात करा सकती हैं.
7. BCCI ने महिला क्रिकेटरों के लिए समान वेतन घोषित किया (अक्टूबर 2022)
2022 में भारतीय महिलाओं के लिए सबसे बड़ी जीत में से एक थी जब बीसीसीआई सचिव जय शाह ने महिलाओं के लिए समान वेतन की घोषणा की. महिला और पुरुष क्रिकेटर अब समान कमाई करेंगे. शाह ने इसे देश में लैंगिक भेदभाव से निपटने की दिशा में एक कदम बताया. अतीत में, कई महिला क्रिकेटरों ने वेतन-समता के मुद्दे पर खुलकर बात की. इस घोषणा का समर्थन करते हुए मिताली राज ने कहा, 'यह भारत में महिला क्रिकेट के लिए ऐतिहासिक फैसला है.'
8. महिला नाविक पहली बार भारतीय सेना में शामिल हुईं (दिसंबर 2022)
इस साल, भारतीय नौसेना ने अपने इतिहास में पहली बार महिला नाविकों को शामिल किया है. 3,000 अग्निवीरों में 341 महिलाएं थीं. मुख्य एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा, "अगले साल आओ, हम सभी शाखाओं में महिला अधिकारियों को शामिल करने पर विचार कर रहे हैं, न कि केवल 7-8 शाखाओं में जो आज तक सीमित है."