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सेना में Maternity leave को लेकर नहीं होगा भेदभाव...महिला सैनिकों को भी मिलेगी मैटरनिटी-चाइल्ड केयर लीव, जानिए क्या है नया प्रावधान

सशस्त्र बलों में अब मैटरनिटी लीव में भेदभाव नहीं होगा. महिला सैनिकों, नाविकों और वायु सेनाओं को एक अधिकारी के बराबर मातृत्व, बच्चों की देखभाल और कानूनी रूप से बच्चे को गोद लेने पर अवकाश मिलेगा.

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भारतीय सेना में कार्यरत महिला सैनिकों, सेलर्स और एयर वॉरियर्स को भी अब मैटरनिटी लीव और चाइल्ड केयर लीव मिलेगी. रक्षा मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इनमें महिला अग्निवीर भी शामिल हैं. नियम जारी होने के साथ ही सेना में सभी महिलाओं को, चाहे वह अधिकारी हो या किसी अन्य रैंक की, ऐसी छुट्टियां देना समान रूप से लागू होगा. मंत्रालय ने कहा कि यह निर्णय सशस्त्र बलों में सभी महिलाओं की समावेशी भागीदारी के सिंह के दृष्टिकोण के अनुरूप है, भले ही उनकी रैंक कुछ भी हो. अभी तक सेना में केवल उन्हीं महिलाओं को ही मातृत्व, बच्चे की देखभाल और चाइल्ड अडॉप्शन के लिए छुट्टियां दी जाती थीं जो किसी बड़े पद पर कार्यरत हैं.

अभी कितनी मिलती है छुट्टी
समाचार एजेंसी पीटीआई को अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में महिला अधिकारियों को 180 दिनों की मैटरनिटी लीव मिलती है. न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, महिला अधिकारी को 2 बच्चों के लिए पूरे वेतन के साथ 180 दिन की लीव मिलती है. महिला अधिकारियों को पूरी सर्विस में 360 दिनों की चाइल्ड केअर छुट्टी दी जाती है (बशर्ते बच्चा 18 वर्ष से कम उम्र का हो). इसके अलावा 1 साल से कम उम्र के बच्चे को गोद लेने की तारीख के बाद 180 दिनों की छुट्टी मिलती है. मंत्रालय ने कहा कि छुट्टी नियमों के विस्तार से सशस्त्र बलों के लिए प्रासंगिक महिला-विशिष्ट पारिवारिक और सामाजिक मुद्दों से निपटने में काफी मदद मिलेगी. "इस उपाय से सेना में महिलाओं की कार्य स्थितियों में सुधार होगा और उन्हें पर्सनलल और प्रोफेशनल लाइफ में बैलेंस बनाने में मदद मिलेगी."

भारतीय सेना में महिलाओं की संख्या
अधिकारी कैटेगरी जिसमें आर्मी मेडिकल कॉपर्स, डेंटल कॉर्प्स और मिलिट्री नर्सिंग सर्विस ऑफिसर्स शामिल हैं इसमें महिलाओं की संख्या 6993 है. इसके अलावा अन्य रैंक होल्डर कुल 100 हैं. तो सेना में टोटल महिलाओं की संख्या 7093 है. ये डेटा मार्च 2023 के अनुसार है. मंत्रालय ने कहा कि दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में परिचालन में तैनात होने से लेकर युद्धपोतों पर तैनात होने के साथ-साथ आसमान पर हावी होने तक, भारतीय महिलाएं अब सशस्त्र बलों में लगभग हर क्षेत्र में बाधाओं को तोड़ रही हैं. साल 2019 में, भारतीय सेना में सैन्य पुलिस कोर में सैनिकों के रूप में महिलाओं की भर्ती के माध्यम से एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की गई. 

सेना में महिलाओं के लिए उपलब्धियां

2015- पहली बार आर्मी, वायु सेना और नेवी में शामिल महिलाओं ने परेड की.

2019- आर्मी डेयरेडेविल्स टीम की कैप्टन शिखा सुरभि बाइक स्टंट करने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं.

2020- कैप्टन तानिया शेरगिल पुरुषों की टुकड़ी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं.

2021- फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कंठ परेड में हिस्सा लेने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बनीं.

2021- पहली बार किसी महिला अधिकारी कैप्टन शिवा चौहान को दुनिया के सबसे ऊंचे और ठंडे युद्धक्षेत्र सियाचिन  में तैनात किया गया.

2023- पहली बार नौसेना की टुकड़ी के 144 सेलर्स का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत ने किया.

2023- पहली बार सेना की आर्टिलरी रेजीमेंट में 5 महिलाएं शामिल हुईं. इन्हें पाकिस्तान और चीन बॉर्डर पर तैनात किया गया.