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दिल्ली और आस-पास के शहरों में स्कूल, कॉलेज बंद, कार्यालयों को 50% WFH की दी गई सलाह

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण के खतरनाक स्तर के कारण वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली और पड़ोसी राज्यों के कुछ शहरों में सभी स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों को अगली सूचना तक बंद करने का निर्देश जारी किया है. इस कारण छात्र एक बार फिर प्रभावित हो सकते हैं क्योंकि कोविड-19 के संक्रमण के डर से पहले भी स्कूल कई महीनों तक बंद रहे हैं. बहुत से स्कूल-कॉलेज कॉलेज लगभग डेढ़ साल बाद खुलने लगे थे लेकिन अब वायु प्रदूषण के कारण एक बार फिर छात्रों की पढ़ाई ऑनलाइन मोड़ में जा सकती है.

वायु प्रदूषण का बढ़ा स्तर वायु प्रदूषण का बढ़ा स्तर
हाइलाइट्स
  • CAQM ने जारी किए आदेश

  • दिल्ली और एनसीआर के शहरों में होंगे लागू

  • लगभग 50% कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण के खतरनाक स्तर के कारण वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली और पड़ोसी राज्यों के कुछ शहरों में सभी स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों को अगली सूचना तक बंद करने का निर्देश जारी किया है. 

इस कारण छात्र एक बार फिर प्रभावित हो सकते हैं क्योंकि कोविड-19 के संक्रमण के डर से पहले भी स्कूल कई महीनों तक बंद रहे हैं. बहुत से स्कूल-कॉलेज कॉलेज लगभग डेढ़ साल बाद खुलने लगे थे लेकिन अब वायु प्रदूषण के कारण एक बार फिर छात्रों की पढ़ाई ऑनलाइन मोड़ में जा सकती है.  

सुप्रीम कोर्ट ने सभी प्रदूषण नियंत्रण निकायों से कहा था कि वे दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण संकट को कम करने के लिए क्या कर रहे हैं, इस पर जवाब दें. प्रदूषण पर बुधवार को होने वाली सुनवाई में इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में भी पेश किया जाएगा. एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के कारण नागरिक बहुत परेशान हैं. 

दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण स्तर के कारण लिया फैसला: 

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर दिवाली के बाद से ही काफी ज्यादा बढ़ा हुआ है. प्रतिबंध के बावजूद एनसीआर में पटाखे जलाए गए थे. जिससे समस्या और भी बढ़ गई है क्योंकि पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा में पराली जलने के कारण दिवाली के ठीक बाद लगभग 40% प्रदूषण होता है. 

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को शहर में कुछ समय के लॉकडाउन का प्रस्ताव दिया था. लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है. लेकिन दिल्ली सरकार ने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो वे वीकेंड पर शहर में लॉकडाउन लगाने के लिए तैयार हैं. 

दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान जैसे राज्यों के साथ केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारियों की अध्यक्षता में दिल्ली एनसीआर प्रदूषण संकट पर 16 नवंबर की आपात बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है. 

स्कूल होंगे बंद, 50% कर्मचारियों को WFH: 

सभी एनसीआर राज्यों को कहा गया है कि उनके लगभग 50% कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम (WFH) करें. जारी आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकारें एनसीआर में कोशिश करें कि निजी कंपनियों/दफ्तरों में काम करने वाले कम से कम 50% कर्मचारियों को 21 नवंबर, 2021 तक घर से काम करने करने के लिए कहा जाए. 

रेलवे सेवाओं/ स्टेशनों, मेट्रो संचालन, हवाई अड्डों और बस टर्मिनलों के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा या रक्षा संबंधी गतिविधियों और परियोजनाओं के अलावा, दिल्ली एनसीआर में अन्य सभी निर्माण गतिविधियों और विध्वंस परियोजनाओं को भी 21 नवंबर तक रोक दिया गया है. 

महत्वपूर्ण बात यह है कि दिल्ली एनसीआर में 11 में से केवल पांच थर्मल पावर प्लांट ही संचालित होंगे.

दिल्ली में आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले ट्रकों को छोड़कर, अन्य सभी ट्रकों के प्रवेश को रोकने का निर्देश दिया गया है. यह आदेश भी 21 नवंबर तक है और आगे की समीक्षा के अधीन है.

क्रमशः 15 और 10 वर्ष से पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों को भी सड़कों पर चलने की अनुमति नहीं होगी. आदेश में कहा गया है कि वैध उत्सर्जन नियंत्रण प्रमाण पत्र के बिना पाए जाने वाले वाहनों के चालकों को पकड़ा जाएगा.

राज्यों को 22 नवंबर तक आयोग के समक्ष अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया है.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, बुधवार सुबह दिल्ली में AQI 388 है. जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है और 400 से अधिक रीडिंग को 'गंभीर' या 'खतरनाक' माना जाता है.

इन स्तरों पर, प्रदूषित हवा में PM2.5 कणों की उच्च सांद्रता होती है और ये हृदय और श्वसन संबंधी बीमारियों जैसे फेफड़ों के कैंसर का कारण बन सकते हैं.